लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रेग्जिट समझौते पर 'अल्पविराम' लगा दिया. दरअसल सांसदों ने उनके ब्रेग्जिट विधेयक को 299 के मुकाबले 329 मतों से पारित कर दिया, लेकिन इससे जुड़े उस अहम प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें 31 अक्टूबर तक यूरोपीय संघ के बाहर होने की बात की गई थी.
दरअसल दो महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर ब्रिटेन की संसद में मंगलवार को मतदान होने के बाद जॉनसन ने कहा, 'मैं इस बात से निराश हूं कि सदन ने समझौते के साथ 31 अक्टूबर तक ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने की गारंटी देने वाली समयसीमा के बजाए इसमें देरी के लिए मतदान किया है. अब हमारे सामने और अनिश्चितता है.'
जॉनसन ने कहा, 'ईयू को अपना मन बना लेना चाहिए कि उसे संसद के देरी के अनुरोध का क्या उत्तर देना है. सरकार को एकमात्र जिम्मेदार मार्ग अपनाना चाहिए और कोई समझौता नहीं होने के परिणाम की अपनी तैयारियां तेज कर देनी चाहिए. ईयू के किसी फैसले पर पहुंचने तक हम विधेयक पर अल्पविराम लगाएंगे.'
यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड ट्रस्क करेंगे सिफारिश
इस बीच, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड ट्रस्क ने कहा कि वह ईयू नेताओं से ब्रेग्जिट की समयसीमा को आगे बढ़ाने की सिफारिश करेंगे.
टस्क ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के (ईयू से) बाहर निकलने के समझौते को अल्पविराम देने के फैसले के बाद और बिना समझौते के ब्रेग्जिट से बचने के लिए मैं ईयू के सदस्य देशों से अपील करूंगा कि वे समयसीमा बढ़ाने का ब्रिटेन का अनुरोध स्वीकार करें. इसके लिए मैं लिखित प्रक्रिया शुरू करूंगा.'
फ्रांस ने भी कहा कि वह ब्रेग्जिट की समयसीमा के 'कई दिनों के तकनीकी' विस्तार के लिए तैयार है लेकिन उसने जॉनसन और ब्रसेल्स के बीच हुए समझौते पर फिर से वार्ता करने पर इनकार कर दिया.
हालांकि इससे पहले जॉनसन अपने ब्रेग्जिट विधेयक के लिए मंगलवार को संसद की पहली बाधा पार करने में कामयाब रहे. संसद में वोटिंग के दौरान उनके प्रस्ताव को 299 के मुकाबले 329 मतों का समर्थन मिला.
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ब्रेग्जिट समझौता अब कानून बन सकता है
इसका मतलब है कि यूरोपीय संघ के साथ ब्रेग्जिट समझौता अब कानून बन सकता है, लेकिन इसके बाद सांसदों ने विधेयक के लिए 31 अक्टूबर की समयसीमा के खिलाफ 308 के मुकाबले 322 मतों से मतदान किया.
बता दें कि जॉनसन ने 31 अक्टूबर की समयसीमा के परे ब्रेग्जिट में देरी करने के बजाए विधेयक को वापस लेने और आम चुनाव कराने की धमकी दी थी.
गौरतलब है कि ब्रेग्जिट समझौता सोमवार रात प्रकाशित होने के बाद जॉनसन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में चर्चा के लिए इसे मंगलवार को रखा था.
इससे पहले विपक्षी सांसदों ने उन पर बिना उचित समीक्षा के 110 पृष्ठों के विधेयक के जरिए जल्दबाजी दिखाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.
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जॉनसन ने जताया था खेद
जॉनसन ने सांसदों से कहा था, 'मैं इसके लिए किसी भी कीमत पर और समय नहीं लेने दूंगा. अगर संसद ब्रेग्जिट से इनकार करती है और इसके बजाय सब चीजें जनवरी या उससे आगे तक टालती है तो किसी भी सूरत में सरकार इस परिस्थिति को बरकरार नहीं रखी सकती.'
उन्होंने कहा था, 'और काफी खेद के साथ मुझे कहना होगा कि यह विधेयक वापस लेना होगा और हमें आम चुनाव कराना पड़ेगा.'
गौरतलब है कि जॉनसन ईयू के साथ पिछले हफ्ते एक 'अच्छे नये समझौते' पर सहमत हो गए थे.
हालांकि, ब्रिटेन की संसद में शनिवार को सांसदों ने जॉनसन के ब्रेग्जिट समझौते में देर कराने वाले एक प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए मतदान किया था.