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अमेरिकी राष्ट्रपति शैली की मीडिया ब्रीफिंग का अनुसरण करेंगे श्रीलंका के राष्ट्रपति

राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की टिप्पणी कई बार सोशल मीडिया मंच पर आलोचनाओं के घेरे में रही है. राजपक्षे के प्रवक्ता किंग्सले रत्नायके ने संवाददाताओं कहा, हमने अमेरिकी राष्ट्रपति मीडिया केंद्र शैली का अनुसरण किया है. नामित मीडिया प्रतिनिधियों को राष्ट्रपति से सीधे सवाल पूछने का मौका दिया जाएगा.

गोटाबाया राजपक्षे
गोटाबाया राजपक्षे
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Published : Jul 27, 2021, 7:26 PM IST

कोलंबो : मीडिया द्वारा बयानों को कथित रूप से 'गलत तरीके से प्रस्तुत करने या संदर्भ से बाहर उद्धृत' किए जाने को रोकने के वास्ते राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) ने अमेरिकी राष्ट्रपति शैली का एक मीडिया केन्द्र स्थापित किया है, जिसके जरिये पत्रकार सीधे श्रीलंकाई नेता के साथ बातचीत करने में समक्ष होंगे. उनके प्रवक्ता ने आज (मंगलवार) यह जानकारी दी.

राजपक्षे की टिप्पणी कई बार सोशल मीडिया मंच पर आलोचनाओं के घेरे में रही है. राजपक्षे के प्रवक्ता किंग्सले रत्नायके ने संवाददाताओं कहा, हमने अमेरिकी राष्ट्रपति मीडिया केंद्र शैली का अनुसरण किया है. नामित मीडिया प्रतिनिधियों को राष्ट्रपति से सीधे सवाल पूछने का मौका दिया जाएगा.

पढ़ें- फिलीपींस के राष्ट्रपति ने संबोधन में नशे के सौदागारों की हत्या की धमकी को दोहराया

केंद्र में राष्ट्रपति की ब्रीफिंग में भाग लेने के लिए मीडिया संस्थानों को अपने कर्मियों का नाम देने के लिए कहा जाएगा. रत्नायके ने कहा, हाल के दिनों में, हमने देखा है कि राष्ट्रपति के बयानों को मीडिया द्वारा गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया या संदर्भ से परे रखकर पेश किया गया. अब इस तरह की चीजें बंद होने की उम्मीद है.

इस बीच, सरकार ने घोषणा की है कि वह सोशल मीडिया मंच पर फर्जी खबरों के खतरे से निपटने के लिए नए कानून बना रही है. सूचना मंत्री केहेलिया रामबुक्वेला ने हाल में कहा था कि फर्जी खबरें फैलाने वाले सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून होंगे.

(भाषा)

कोलंबो : मीडिया द्वारा बयानों को कथित रूप से 'गलत तरीके से प्रस्तुत करने या संदर्भ से बाहर उद्धृत' किए जाने को रोकने के वास्ते राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) ने अमेरिकी राष्ट्रपति शैली का एक मीडिया केन्द्र स्थापित किया है, जिसके जरिये पत्रकार सीधे श्रीलंकाई नेता के साथ बातचीत करने में समक्ष होंगे. उनके प्रवक्ता ने आज (मंगलवार) यह जानकारी दी.

राजपक्षे की टिप्पणी कई बार सोशल मीडिया मंच पर आलोचनाओं के घेरे में रही है. राजपक्षे के प्रवक्ता किंग्सले रत्नायके ने संवाददाताओं कहा, हमने अमेरिकी राष्ट्रपति मीडिया केंद्र शैली का अनुसरण किया है. नामित मीडिया प्रतिनिधियों को राष्ट्रपति से सीधे सवाल पूछने का मौका दिया जाएगा.

पढ़ें- फिलीपींस के राष्ट्रपति ने संबोधन में नशे के सौदागारों की हत्या की धमकी को दोहराया

केंद्र में राष्ट्रपति की ब्रीफिंग में भाग लेने के लिए मीडिया संस्थानों को अपने कर्मियों का नाम देने के लिए कहा जाएगा. रत्नायके ने कहा, हाल के दिनों में, हमने देखा है कि राष्ट्रपति के बयानों को मीडिया द्वारा गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया या संदर्भ से परे रखकर पेश किया गया. अब इस तरह की चीजें बंद होने की उम्मीद है.

इस बीच, सरकार ने घोषणा की है कि वह सोशल मीडिया मंच पर फर्जी खबरों के खतरे से निपटने के लिए नए कानून बना रही है. सूचना मंत्री केहेलिया रामबुक्वेला ने हाल में कहा था कि फर्जी खबरें फैलाने वाले सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून होंगे.

(भाषा)

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