कराची : अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल को अगवा कर उनकी हत्या करने के मामले में अलकायदा के आतंकी अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहयोगियों को जेल से रिहा करने से इनकार के प्रशासन के फैसले के बाद वकीलों ने अदालत में एक याचिका दाखिल की है.
पर्ल की हत्या के मामले में चारों की दोषसिद्धि को अदालत ने पिछले महीने खारिज कर दिया था. सिंध उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की पीठ ने 24 दिसंबर को सुरक्षा एजेंसियों को शेख और अन्य आरोपियों को आगे किसी भी प्रकार से हिरासत में नहीं रखने का निर्देश दिया था.
उनकी हिरासत के संबंध में सिंध सरकार की सभी अधिसूचना को अमान्य घोषित कर दिया था. हालांकि प्रांतीय और जेल प्रशासन ने आरोपियों को अब तक रिहा नहीं किया है.
मामले में चारों आरोपियों के वकीलों ने सिंध उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और प्रांतीय सरकार तथा जेल अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया. इस पर अदालत ने दोनों प्राधिकारों को सात जनवरी को सुनवाई के दौरान मौजूद रहने का नोटिस जारी किया है.
अप्रैल में सिंध उच्च न्यायालय में दो न्यायाधीशों की पीठ ने शेख की मौत की सजा को सात साल कारावास में बदल दिया था. अदालत ने मामले में उम्र कैद काट रहे शेख के तीन सहयोगियों को भी बरी कर दिया.
हालांकि, सिंध सरकार ने उन्हें रिहा करने से इनकार कर दिया और लोक व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें हिरासत में रखा है. उन्हें हिरासत में रखने को सिंध उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है क्योंकि पिछले सप्ताह अदालत ने उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था.
अमेरिका ने भी पर्ल के लिए न्याय की मांग को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है. अमेरिका के अटॉर्नी जनरल जेफ्री ए रोसेन ने मंगलवार को कहा था कि हम उन्हें डेनियल पर्ल को अगवा करने और हत्या के मामले में न्याय के कटघरे से बाहर जाने की इजाजत नहीं देंगे.
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'वालस्ट्रीट जर्नल' के पत्रकार पर्ल को 2002 में अगवा कर लिया गया और उनका सिर कलम कर दिया गया. वह पाकिस्तान में जासूसी एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच जुड़ाव पर तफ्तीश कर रहे थे.