नई दिल्ली : पाकिस्तानी अधिकारी तालिबान को भारत से दूर रखने के लिए काम कर रहे हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) और उनके सलाहकारों को राजनीतिक गोलियों से बचने की कोशिश करनी पड़ रही है. इजरायली अखबार के अनुसार, प्रवासी पाकिस्तानियों के मामले पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विशेष सहायक जुल्फी बुखारी (Zulfi Bukhari) ने सोमवार को इजराइल मीडिया की एक रिपोर्ट के जवाब में ट्वीट किया, जिसमें दावा किया गया था कि बुखारी ने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से लेकर मोसाद प्रमुख योसी कोहेन के संदेशों को पास करने के लिए नवंबर 2020 में तेल अवीव का दौरा किया था.
दिसंबर में उसी अखबार ने बताया था कि एक बड़े मुस्लिम बहुल देश के नेता के वरिष्ठ सलाहकार ने हाल ही में इजराइल का दौरा किया है. ब्रिटेन स्थित आतंकवाद-रोधी विश्लेषक नूर डहरी ने उसी दिन ट्वीट किया कि 20 नवंबर की यात्रा उनके द्वारा की गई थी. इमरान खान के अनाम करीबी सहयोगी ने इस क्षेत्र में साजि़श और पाकिस्तान में आक्रोश का तूफान खड़ा कर दिया.
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विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो ने रात के अंधेरे में किए गए इजरायल के साथ पाकिस्तानी सरकार के संपर्क की जांच का आह्वान किया. साथ ही लगातार रिपोर्ट के बारे में पूछा कि उस समय पाकिस्तान सेना का एक जेट ने अम्मान के लिए उड़ान भरी थी, अगर जुल्फी बुखारी हवाईजहाज में नहीं गए तो कहां गए?
रिपोर्ट में कहा गया है कि झांसा देने के बावजूद, यह अनुमान लगाना आसान था कि नवंबर 2020 का आगंतुक बुखारी थे. उनके पास एक ब्रिटिश पासपोर्ट है और असामान्य रूप से पाकिस्तान के सत्ता के दोनों केंद्रों के करीब है.
(आईएएनएस)