इस्लामाबादः जासूसी के आरोप में घिरे दो राजनयिकों के मामले पाकिस्तान बौखला गया है. इसके जवाब में पाक ने भारतीय उच्चायुक्त को समन कर लिया. उसने अपना विरोध जताया.
पाकिस्तान ने कहा कि उसके दोनों राजनयिकों पर जासूसी के लगाए गए आरोप सही नहीं हैं. पाकिस्तान ने अपना पक्ष रखने के लिए वियाना संधि का भी उल्लेख किया.
आपको बता दें कि वियाना संधि के तहत राजनयिकों को विशेष अधिकार मिले होते हैं, ताकि वे ठीक से अपने देश के लिए काम कर सकें.
31 मई को पाकिस्तान के दोनों राजनयिकों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था.
आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर नाम के दोनों कर्मचारियों को दिल्ली पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार किया जब वे रुपयों के बदले एक भारतीय नागरिक से भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील दस्तावेज हासिल कर रहे थे.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, 'एक कूटनीतिक मिशन के सदस्य के तौर पर अपने दर्जे के अयोग्य गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में सरकार ने दोनों अधिकारियों को निषिद्ध घोषित किया है और उनसे 24 घंटे के अंदर देश छोड़कर जाने को कहा है.'
पूछताछ के दौरान उन्होंने यह कबूल किया कि वे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिये काम करते हैं.