न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण का भारत ने बहिष्कार किया है. यूएनजीए में आज जैसे ही पाक के पीएम इमरान खान ने भाषण देना किया शुरू तो भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हॉल से उठ कर बाहर चले गए.
कोरोना काल में इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन वर्चुअली हो रहा है, जहां पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ बयान और कश्मीर मुद्दा उठाने के मुद्दे पर भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने इमरान खान के भाषण का बहिष्कार किया.
संयुक्त राष्ट्र सभा को संबोधित करते हुए इमरान खान को एक बार फिर झूठ का सहारा लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि आरएसएस गांधी और नेहरू के सेक्युलर मूल्यों को पीछे छोड़कर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश में लगा हुआ है.
वहीं, यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि ने इमरान खान के बयान को कूटनीतिक तौर पर निम्नस्तर का बताया. उन्होंने कहा कि इमरान खान का बयान झूठे इल्जाम लगाना, व्यक्तिगत हमले करना, अपने देश में अल्पसंख्यकों का हाल न देखकर भारत पर टिप्पणी करना शामिल था. उन्होंने कहा कि राइट टू रिप्लाई में जवाब दिया जाएगा.
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भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के इस तर्क को खारिज कर दिया कि कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में सबसे लंबे समय से विवादों में से एक है. साथ ही पाकिस्तान को आतंकवाद से निबटने के अधूरे काम पर ध्यान केंद्रित करने की भी नसीहत दी थी.
संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक वीडियो संदेश में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों की सराहना की थी, लेकिन विफलताओं और कमियों का भी उल्लेख किया.
उन्होंने कहा था कि संगठन केवल उतना ही अच्छा है जितना उसके सदस्य कहते हैं कि यह होना चाहिए. जम्मू और कश्मीर और फिलिस्तीन विवाद सबसे लंबे समय से चल रहे विवादों में से है. जम्मू-कश्मीर लोग अभी भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा उन्हें निर्णय लेने के अधिकार को देने के लिए की गई प्रतिबद्धता की पूर्ति का इंतजार कर रहे हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र सभा को संबोधित करेंगे. ऐसे में संभावना है कि पीएम मोदी अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान को करारा जवाब दे सकते हैं.