नई दिल्ली/नूंह: हरियाणा के सबसे पिछड़े जिले की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पीएनबी द्वारा बिसनोली सर्वोदय ग्रामोद्योग सेवा संस्थान के सहयोग से जिले की 10 महिलाओं को 13 लाख रुपये ऋण के रूप में दिए गए. इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरजा के कलसन ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और प्रत्येक महिलाओं को 60-60 हजार रुपये के चेक वितरित किया. कोर्ट परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में पंजाब नेशनल बैंक के अलावा पशुपालन विभाग, एनएमडीसी और वीटा के अधिकारी भी उपस्थित थे.
वहीं पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 60 हजार का ऋण पाकर महिलाएं बेहद उत्साहित दिखीं. उन्होंने कहा कि अब दुधारू पशुओं को खरीदकर उसके दूध को वीटा यानि हरियाणा डेयरी विकास सहकारी संघ लिमिटेड में बेचकर अपनी आजीविका को बेहतर बना सकेंगी. वहीं सस्ते ब्याज पर लिए गए इस लोन को किस्तों के माध्यम से आसानी से भर सकेंगी.
एनजीओ के प्रचालन निदेशक अनूप कुमार ने कहा कि एसजीएसएस की कोशिश है कि नूंह और इंडरी खंड में स्वयं सहायता समूह की तकरीबन 700 महिलाओं को डेयरी विकास कार्यक्रम से जोड़ा जाए. हरियाणा डेयरी विकास सहकारी संघ लिमिटेड वीटा के साथ मिलकर 7 डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना अब तक की जा चुकी है. दुग्ध उत्पादकों को आकर्षक दरों पर सीधे वीटा को दूध बेचने का अवसर इस कार्यक्रम से मिलता है. बिचौलिए यानि दूधिया का रोल इस योजना में पूरी तरह से नजरअंदाज हो जाता है.
पीएनबी बैंक के फरीदाबाद मंडल अध्यक्ष रवींद्र यादव ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है. महिलाओं के आर्थिक विकास को लेकर बैंक ने 10 महिलाओं को एनजीओ की मदद से तकरीबन 60 हजार की राशि के चेक शुक्रवार को प्रति महिला वितरित किए हैं. बाकी 70 हजार रुपये की राशि के चेक महिलाओं को जल्द ही वितरित कर दिए जाएंगे. महिलाओं को ये चेक दुधारू पशु खरीद कर उनकी आजीविका मजबूत बनाने के लिए दिए गए हैं.
बिसनोली सर्वोदय ग्रामोद्योग सेवा संस्था मेवात की महिलाओं की तकदीर व तस्वीर बदलने के लिए आगे आई है. अब देखना ये है कि मेवात की महिलाओं को एनजीओ एवं सरकारी विभागों का मिलाजुला ये प्रयास कितना रास आता है.