नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर काम तेजी के साथ चल रहा है. एनसीआरटीसी के मुताबिक मार्च 2023 में साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच पांच स्टेशनों (साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो) का प्रायोरिटी सेक्शन पर रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा. 82 किमी लंबे आरआरटीएस कॉरिडोर के 68 किमी का एक बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में आता है, जबकि 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में है. 17 किमी लंबे प्रायोरिटी सेक्शन में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई आरआरटीएस स्टेशन और दुहाई डिपो हैं.
82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर काम तेजी से चल रहा है. 14 हजार से अधिक कर्मचारी और 1100 से अधिक इंजीनियर दिन-रात निर्माण कार्य में लगे हुए हैं. निर्माण कार्य में आधुनिक मशीनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. आरआरटीएस कॉरिडोर पर आनंद विहार स्टेशन से साहिबाबाद की दिशा में सुदर्शन (टनल बोरिंग मशीन) से टनलिंग का काम चल रहा है. यह तीसरी सुदर्शन (टीबीएम) है, जो आनंद विहार से साहिबाबाद की ओर चल रही है.
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वेंटीलेशन डक्ट के साथ बन रहे वॉकवे
आरआरटीएस के भूमिगत हिस्सों में ट्रेनों के आने-जाने के लिए समानान्तर दो टनल का प्रावधान है. इसके साथ ही यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सुरक्षा उपायों का भी प्रावधान है. किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा के लिए भूमिगत हिस्सों में आपातकालीन निकास बनाए जाएंगे. इसमें लगभग हर 250 मीटर पर एक क्रॉस-पैसेज भी होगा. आरआरटीएस टनल में हवा का आवागमन सुनिश्चित करने के लिए वेंटिलेशन डक्ट भी बनाए जाएंगे और इसमें 60 सेमी-90 सेमी चौड़ा एक साइड वॉकवे भी होगा, जो रखरखाव गतिविधियों में सहायता प्रदान करेगा और एक अतिरिक्त आपातकालीन निकास के रूप में भी कार्य करेगा.
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मेरठ का सफर होगा आसान
अधिकारियों के मुताबिक साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्रायोरिटी सेक्शन को 2023 तक और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. 82 किलोमीटर के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन होंगे. आरआरटीएस मेरठ से दिल्ली तक यात्रा के समय को 60 मिनट से कम कर देगा. दिल्ली- गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर से प्रति वर्ष लगभग दो लाख पचास हज़ार टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है.
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