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गाजियाबाद: गांव की बदहाली देख पंचायत चुनाव में उतरा शिक्षक

मुरादनगर के ढिढ़ार गांव के एक शिक्षक को गांव में बच्चों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए राजनीति के कारण स्थल की व्यवस्था नहीं हो पाई. इस पर उन्होंने खुद चुनाव मैदान में उतर कर गांव की तस्वीर बदलने का फैसला किया है.

teacher contesting panchayat election in ghaziabad
गांव के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए जगह की तलाश
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Published : Apr 14, 2021, 10:21 AM IST

Updated : Apr 14, 2021, 2:25 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : जनपद गाजियाबाद में 15 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए वोटिंग होनी है. ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियों ने जिला पंचायत और ग्राम प्रधान चुनावों में अपने समर्थित प्रत्याशी उतारे हुए हैं.

गांव के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए जगह की तलाश

वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत चुनाव में कुछ ऐसे भी निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, जो अपने अपने गांव की बदहाल हालत को सुधारना चाहते हैं. इन्हीं में से एक मुरादनगर ब्लॉक के ढिढ़ार गांव के निवासी और पेशे से शिक्षक है. सालों से गरीब बच्चों को निशुल्क कोचिंग दे रहे नवनीत कुमार भी हैं. उन्होंने ग्राम प्रधान चुनाव जीतकर अपने गांव की सूरत बदलने का फैसला किया है.

ये भी पढ़ें : चुनावों के लिए बनाए जाने वाले स्ट्रांग रूमों का उप जिलाधिकारी ने लिया जायजा


ईटीवी भारत को ग्राम ढिढ़ार से प्रधान पद के निर्दलीय प्रत्याशी और शिक्षक नवनीत कुमार ने बताया कि राजनीति शब्द को अगर शिक्षित राजनीति का शब्द दे दिया जाए, तो कोई भी गांव विकास की ओर अग्रसर हो सकता है. उनके गांव को बेसिक इन्फ्राट्रक्चर की आवश्यकता थी. जब उन्होंने गांव के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए जगह की तलाश शुरू की तो उसमें भी वर्तमान प्रधान ने राजनीति करने की कोशिश की. उसके बाद एहसास हुआ कि गांव के बच्चे आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें : मुरादनगर: शराब का ठेका खुलने से स्थानीय लोगों में रोष, बंद करवाने की मांग पर अड़े

समाज के हर वर्ग के लिए करेंगे काम

इसलिए उन्होंने गांव को राजनीति से अलग हटकर शिक्षित राजनीति की ओर ले जाने का फैसला किया है. गांव के लोगों को शिक्षित और जागरूक करते हुए उनको विकास की ओर ले जाना होगा. चुनाव जीतने के बाद उनकी प्राथमिकताएं बेसिक इन्फ्राट्रक्चर के साथ वृद्धा पेंशन, राशन कार्ड और किसानों के लिए तमाम योजनाओं का फायदा पहुंचाना. साथ ही गांव में बिजली, खेल के मैदान सहित ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : जनपद गाजियाबाद में 15 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए वोटिंग होनी है. ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियों ने जिला पंचायत और ग्राम प्रधान चुनावों में अपने समर्थित प्रत्याशी उतारे हुए हैं.

गांव के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए जगह की तलाश

वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत चुनाव में कुछ ऐसे भी निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, जो अपने अपने गांव की बदहाल हालत को सुधारना चाहते हैं. इन्हीं में से एक मुरादनगर ब्लॉक के ढिढ़ार गांव के निवासी और पेशे से शिक्षक है. सालों से गरीब बच्चों को निशुल्क कोचिंग दे रहे नवनीत कुमार भी हैं. उन्होंने ग्राम प्रधान चुनाव जीतकर अपने गांव की सूरत बदलने का फैसला किया है.

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ईटीवी भारत को ग्राम ढिढ़ार से प्रधान पद के निर्दलीय प्रत्याशी और शिक्षक नवनीत कुमार ने बताया कि राजनीति शब्द को अगर शिक्षित राजनीति का शब्द दे दिया जाए, तो कोई भी गांव विकास की ओर अग्रसर हो सकता है. उनके गांव को बेसिक इन्फ्राट्रक्चर की आवश्यकता थी. जब उन्होंने गांव के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए जगह की तलाश शुरू की तो उसमें भी वर्तमान प्रधान ने राजनीति करने की कोशिश की. उसके बाद एहसास हुआ कि गांव के बच्चे आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहे हैं.

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समाज के हर वर्ग के लिए करेंगे काम

इसलिए उन्होंने गांव को राजनीति से अलग हटकर शिक्षित राजनीति की ओर ले जाने का फैसला किया है. गांव के लोगों को शिक्षित और जागरूक करते हुए उनको विकास की ओर ले जाना होगा. चुनाव जीतने के बाद उनकी प्राथमिकताएं बेसिक इन्फ्राट्रक्चर के साथ वृद्धा पेंशन, राशन कार्ड और किसानों के लिए तमाम योजनाओं का फायदा पहुंचाना. साथ ही गांव में बिजली, खेल के मैदान सहित ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है.

Last Updated : Apr 14, 2021, 2:25 PM IST
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