नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसकी वजह से वायु गुणवत्ता दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. लॉकडाउन के दौरान वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ था, लेकिन एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. हालांकि प्रदूषण बढ़ने के कई मुख्य कारण हैं, लेकिन सबसे अहम कारण दिल्ली से सटे राज्यों में किसानों के जरिए पराली जलाना माना जा रहा है.
एक नजर एनसीआर के प्रदूषण स्तर पर:
- गाजियाबाद: 344
- दिल्ली: 298
- ग्रेटर नोएडा: 328
- नोएडा: 301
- गुरूग्राम: 265
गाजियाबाद के लोनी इलाके के प्रदूषण स्तर की बात करें, तो यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स जनपद में सबसे अधिक दर्ज किया गया है. लोनी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 393 दर्ज किया गया है.
एक नजर गाजियाबाद के प्रदूषण स्तर पर:
- इंदिरापुरम - 308
- वसुंधरा - 296
- संजय नगर - 378
- लोनी - 393
विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली एनसीआर में आने वाले समय में एयर क्वालिटी इंडेक्स में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है. विजय कई सालों से देखने को मिला है कि अक्टूबर का महीना शुरू होते ही दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पहला जमाना शुरू कर देता है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.