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नेपाली 'त्यौहार बहलू' में जमकर नाचे लोग

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Published : Oct 29, 2019, 11:10 PM IST

फरीदबाद में नेपाल मूल के लोगों ने बहलू त्यौहार को धूमधाम से मनाया. सभी ने जमकर नाच गाने किए.

नेपाली 'त्यौहार बहलू' में जमकर नाचे लोग

फरीदाबाद: नेपाल मूल के लोगों ने युगों से चला आ रहा "त्यौहार बहलू" प्रथा को फरीदाबाद में धूमधाम से मनाया. इस मौके पर नेपाली मूल के प्रवासी लोगों ने पारंपरिक नेपाली गीतों पर नृत्य किया. इस त्यौहार में महिला और पुरुषों की भूमिका अहम होती है. इस त्यौहार पर महिला-पुरुष, लड़के-लड़कियां पारंपरिक गीतों पर नृत्य करते हैं.

नेपाली 'त्यौहार बहलू' में जमकर नाचे लोग

तीन दिन तक मनाते हैं "त्योहार बहलू"
वहीं फरीदाबाद में रहने वाले प्रवासी नेपाली संघ के लोगों ने बताया कि दीवाली के अगले तीन दिन तक नेपाल में त्यौहार बहलू उत्सव मनाया जाता है, जिसमें बहन अपने भाई को तिलक लगाने के लिए आती है. ये त्यौहार लगातार तीन दिन तक चलता है.

लंबे समय से मना रहे परंपरा
लोग इस इस त्यौहार को युगों-युगों से मनाते रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह इस संस्कृति को लेकर फरीदाबाद के लोगों के बीच में दिखा रहे है वहीं यहा रह रहे नेपाली मूल के प्रवासी जरूरतमंद लोगों के लिए लोगों से मदद की राशि भी ले रहे हैं.

जरूरत मंदों को दी जाती है दान राशि
वे मिली मदद की राशि को फरीदाबाद के सेक्टर-22 स्थित नेपालियो के मंदिर में देते हैं. यहां से ये राशि जरूरतमंद नेपाली प्रवासी लोगों तक पहुचाई जाती है. इसके साथ ही ये राशि मंदिर के निर्माण के लिए भी खर्च की जाती है.

फरीदाबाद: नेपाल मूल के लोगों ने युगों से चला आ रहा "त्यौहार बहलू" प्रथा को फरीदाबाद में धूमधाम से मनाया. इस मौके पर नेपाली मूल के प्रवासी लोगों ने पारंपरिक नेपाली गीतों पर नृत्य किया. इस त्यौहार में महिला और पुरुषों की भूमिका अहम होती है. इस त्यौहार पर महिला-पुरुष, लड़के-लड़कियां पारंपरिक गीतों पर नृत्य करते हैं.

नेपाली 'त्यौहार बहलू' में जमकर नाचे लोग

तीन दिन तक मनाते हैं "त्योहार बहलू"
वहीं फरीदाबाद में रहने वाले प्रवासी नेपाली संघ के लोगों ने बताया कि दीवाली के अगले तीन दिन तक नेपाल में त्यौहार बहलू उत्सव मनाया जाता है, जिसमें बहन अपने भाई को तिलक लगाने के लिए आती है. ये त्यौहार लगातार तीन दिन तक चलता है.

लंबे समय से मना रहे परंपरा
लोग इस इस त्यौहार को युगों-युगों से मनाते रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह इस संस्कृति को लेकर फरीदाबाद के लोगों के बीच में दिखा रहे है वहीं यहा रह रहे नेपाली मूल के प्रवासी जरूरतमंद लोगों के लिए लोगों से मदद की राशि भी ले रहे हैं.

जरूरत मंदों को दी जाती है दान राशि
वे मिली मदद की राशि को फरीदाबाद के सेक्टर-22 स्थित नेपालियो के मंदिर में देते हैं. यहां से ये राशि जरूरतमंद नेपाली प्रवासी लोगों तक पहुचाई जाती है. इसके साथ ही ये राशि मंदिर के निर्माण के लिए भी खर्च की जाती है.

Intro:एंकर : फरीदाबाद में नेपाली मूलरूप के लोगो ने युगो से चलती आ रही " त्यौहार बहलू " प्रथा को फरीदाबाद में धूमधाम से मनाया। इस मौके पर नेपाली मूल के प्रवासी लोगो ने पारम्परिक नेपाली गीतों पर नृत्य किया। वहीँ फरीदाबाद में रहने वाले प्रवासी नेपाली संघ के लोगो ने बताया की दीपावली के अगले तीन दिन तक नेपाल में त्यौहार बहलू उत्सव मनाया जाता है जिसमे बहन अपने भाई को तिलक लगाने के लिए आती है और पारम्परिक रूप से वह लोग इस प्रथा को युगो - युगों से मनाते आ रहे है। उन्होंने बताया की वह इस संस्कृति को लेकर फरीदाबाद के लोगो के बीच में दिखा रहे है वहीँ यहाँ रह रहे नेपाली मूल के प्रवासी जरूरतमंद लोगो के लिए लोगो से मदद की राशि भी ले रहे है। उन्होंने बताया की वह मिली मदद की राशि को फरीदाबाद के सेक्टर 22 में स्थित नेपालियो के मंदिर में देते है जहाँ से यह राशि जरूरतमंद नेपाली प्रवासी लोगो तक पहुचायी जाती ै।

वीओ : ख़ुशी से नाचते - गाते दिखायी दे रहे यह सभी नेपाली मूल के प्रवासी लोग वो है जो रोजी रोटी कमाने के लिए अपना देश छोड़कर नेपाल से भारत में रह रहे है. जिस तरह से भारत के लोग दीपावली के दो दिन बाद टीके का त्यौहार मनाती है लगभग उसी तरह नेपाली में तीन दिन तक " त्यौहार बहलू " के नाम से युगो से एक प्रथा चलती आ रही है जिसमे बहन भाई को टीका लगाती है और तीन दिन तक धूमधाम से नाचगाकर इस प्रथा को मनाया जाता है। फरीदाबाद में रह रहे प्रवासी नेपाली संघ के लोगो ने बताया की दीपावली के अगले तीन दिन तक नेपाल में त्यौहार बहलू उत्सव मनाया जाता है जिसमे बहन अपने भाई को तिलक लगाने के लिए आती है और पारम्परिक रूप से वह लोग इस प्रथा को युगो - युगों से मनाते आ रहे है। उन्होंने बताया की वह इस संस्कृति को लेकर फरीदाबाद के लोगो के बीच में दिखा रहे है वहीँ यहाँ रह रहे नेपाली मूल के प्रवासी जरूरतमंद लोगो के लिए लोगो से मदद की राशि भी ले रहे है। उन्होंने बताया की वह मिली मदद की राशि को फरीदाबाद के सेक्टर 22 में स्थित नेपालियो के मंदिर में देते है जहाँ से यह राशि जरूरतमंद नेपाली प्रवासी लोगो तक पहुचायी जाती ै।

बाइट : सुख बहादुर - सदस्य , प्रवासी नेपाली संघ Body:hr_far_01_Bhaiya dooj_vis_bite_7203403Conclusion:hr_far_01_Bhaiya dooj_vis_bite_7203403
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