फरीदाबाद: नेपाल मूल के लोगों ने युगों से चला आ रहा "त्यौहार बहलू" प्रथा को फरीदाबाद में धूमधाम से मनाया. इस मौके पर नेपाली मूल के प्रवासी लोगों ने पारंपरिक नेपाली गीतों पर नृत्य किया. इस त्यौहार में महिला और पुरुषों की भूमिका अहम होती है. इस त्यौहार पर महिला-पुरुष, लड़के-लड़कियां पारंपरिक गीतों पर नृत्य करते हैं.
तीन दिन तक मनाते हैं "त्योहार बहलू"
वहीं फरीदाबाद में रहने वाले प्रवासी नेपाली संघ के लोगों ने बताया कि दीवाली के अगले तीन दिन तक नेपाल में त्यौहार बहलू उत्सव मनाया जाता है, जिसमें बहन अपने भाई को तिलक लगाने के लिए आती है. ये त्यौहार लगातार तीन दिन तक चलता है.
लंबे समय से मना रहे परंपरा
लोग इस इस त्यौहार को युगों-युगों से मनाते रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह इस संस्कृति को लेकर फरीदाबाद के लोगों के बीच में दिखा रहे है वहीं यहा रह रहे नेपाली मूल के प्रवासी जरूरतमंद लोगों के लिए लोगों से मदद की राशि भी ले रहे हैं.
जरूरत मंदों को दी जाती है दान राशि
वे मिली मदद की राशि को फरीदाबाद के सेक्टर-22 स्थित नेपालियो के मंदिर में देते हैं. यहां से ये राशि जरूरतमंद नेपाली प्रवासी लोगों तक पहुचाई जाती है. इसके साथ ही ये राशि मंदिर के निर्माण के लिए भी खर्च की जाती है.