नई दिल्ली: बाहरी रिंग रोड पर वजीराबाद क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा रिंग रोड को जाम मुक्त बनाने के लिए दो बड़े अंडरपास बनाए जा रहे हैं, जिनकी लागत 31.5 करोड़ रुपये है. ये अंडरपास वजीराबाद से मुकरबा चौक तक आने जाने वाले हल्के वाहनों के यू-टर्न के लिए बनाए जा रहे हैं. इन अंडरपास को बनाने का मकसद आउटर रिंग रोड पर लगने वाले जाम और सड़क हादसों को कम करना है.
ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए पीडब्ल्यूडी के सीनियर अधिकारी एमएम मित्तल ने बताया, कि यह अंडर पास 31.5 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे हैं. दोनों अंडरपास को बनाने में 71 सीमेंटेड बड़े सेगमेंट लगाए जाएंगे. अभी 49 सेगमेंट लगाए जा चुके हैं. यह अंडरपास हल्के वाहनों के प्रयोग के लिए होंगे. बड़े वाहनों का प्रवेश वर्जित होगा. अंडरपास की ऊंचाई करीब 3 मीटर व चौड़ाई 9 मीटर है.
दोनों अंडरपास के दोनों सिरे पर 80 मीटर लंबे बड़े रैंप बनाए जाएंगे ताकि वाहन आसानी से निकल सके. अंडरपास का काम पूरा करने की तय समय सीमा 30 जून 2022 निर्धारित की गई है, लेकिन उससे पहले ही अप्रैल माह के अंत तक अंडरपास का ज्यादातर काम निपटा लिया जाएगा. फिलहाल अभी 60 से 70 फीसदी तक काम पूरा हो चुका है, ड्रेनेज सिस्टम पर काम को लेकर बताया कि अंडरपास के एक तरफ से पानी बाहर निकालकर छोटे नाले के माध्यम से बड़े नाले में करीब 120 मीटर दूर डाला जाएगा, ताकि बरसाती पानी से अंडरपास को नुकसान न हो. वहीं अंडरपास में बड़ी लाइट लगाई जाएंगी.
रात के अंधेरे में वहां चालकों को पर्याप्त रोशनी मिल सके. एक साल पहले भी इसी रिंगरोड पर एक सबवे भी बनाया गया था जो आम लोगों के लिए खोल जा चुका है. रिंगरोड पर होने वाले और कामों के बारे में अधिकारी ने बताया पाइप लाइन में कई काम है, जिनका किया जाना बाकी है.
पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बाहरी रिंग रोड वजीराबाद के इलाके में बनाए जा रहे है. इस अंडरपास से आम लोगों को काफी फायदा मिलेगा. बुराड़ी से लेकर मजनू टीला गुरुद्वारे तक सड़क के बीच में कोई भी यूटर्न नहीं है, जिसकी वजह से वाहन चालकों को करीब 4 से 5 किलोमीटर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. वहीं वाहन चालक सड़क के बीच में बने डिवाइडर के छोटे-छोटे कट के बीच से वाहनों को निकालने के चक्कर में दुर्घटना में घायल होते हैं और कई वाहन चालक अपनी जान भी इन हाथों में गवा चुके हैं.
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