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DU: ओबीई को लेकर छात्रों की परेशानी बरकरार, परीक्षा रद्द करने की मांग

दिल्ली विश्वविद्यालय में ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा को लेकर कई छात्र अपनी परेशानियों को साझा कर रहे हैं. इसी कड़ी में डीयू के फाइनल ईयर के छात्र उत्कर्ष और शिवम ने अपनी परेशानियों को डीयू प्रशासन से अवगत करवाया.

Students suffer due to online open book examination in DU
छात्रों की परेशानी बरकरार
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Published : Jul 8, 2020, 12:23 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी के दिल्ली विश्वविद्यालय में ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा को लेकर देश के कई हिस्सों से छात्र अपनी अपनी परेशानी साझा कर रहे हैं. इंटरनेट और बिजली के अभाव के साथ साथ लगातार हो रही बारिश और आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन से यह मांग कर रहे हैं कि उनकी सभी समस्याओं को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन उनके साथ पक्षपात ना करते हुए इस परीक्षा हो तत्काल प्रभाव से रद्द कर दे.

छात्रों की परेशानी बरकरार

बारिश में बिजली गुल होने से बढ़ी समस्या

वहीं अपनी समस्या के बारे में बताते हुए डीयू के फाइनल ईयर के छात्र उत्कर्ष ने कहा कि इस समय वह आजमगढ़ में हैं और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है.

उन्होंने कहा कि बारिश के चलते कई कई दिनों तक बिजली ठप रहती है और इंटरनेट कनेक्टिविटी का तो सवाल ही नहीं उठता.

ऐसे में उनके पास कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है जिससे वह अपनी पढ़ाई कर सके या परीक्षा दे सकें. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति बिहार और उत्तर पूर्वी राज्यों की भी है जहां पर इंटरनेट की सुविधा ना के बराबर उपलब्ध है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि हालात को देखते हुए यह परीक्षा निरस्त कर दी जाए.

नहीं हो पा रही परीक्षा की तैयारी

कुछ ऐसी ही समस्या साझा की है बिहार में इस वक्त परिवार के साथ रह रहे डीयू के थर्ड ईयर के छात्र शिवम ने. शिवम ने कहा कि तमाम जगह से कारोबार बंद होने के चलते इस वक्त उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और वह खुद जैसे तैसे परिवार के साथ मिलकर अपने भरण-पोषण के लिए लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में वह किस तरह अपनी परीक्षा की तैयारी करेंगे. साथ ही कहा कि इस समय कई कई दिनों तक लगातर बारिश हो रही है और बिजली भी गुल है तो परीक्षा कैसे दें पाएंगे.

छात्रों को मानसिक तनाव से मुक्ति दे डीयू प्रशासन

वहीं शिवम ने डीयू प्रशासन पर आरोप लगाया कि परीक्षा का निर्णय उन जैसे ग्रामीणों के छात्रों के साथ भेदभाव करना है क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन छात्रों की सहूलियत को तो देखा जो एसी के कमरों में बैठकर अपने लैपटॉप पर परीक्षा देने में सक्षम हैं. पर दूर-दराज के गांव में बरसात के बीच बैठे आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्रों की मानसिक स्थिति को संज्ञान में नहीं लिया.

ऐसे में उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से विनती है कि उनके साथ किसी तरह का भेदभाव ना किया जाए और उनकी परीक्षा को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए जिससे उन्हें रोज के चल रहे इस मानसिक तनाव से छुटकारा मिल सके और वह भी विश्वविद्यालय से सफल होकर डिग्री लेकर बाहर आए.

नई दिल्ली: राजधानी के दिल्ली विश्वविद्यालय में ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा को लेकर देश के कई हिस्सों से छात्र अपनी अपनी परेशानी साझा कर रहे हैं. इंटरनेट और बिजली के अभाव के साथ साथ लगातार हो रही बारिश और आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन से यह मांग कर रहे हैं कि उनकी सभी समस्याओं को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन उनके साथ पक्षपात ना करते हुए इस परीक्षा हो तत्काल प्रभाव से रद्द कर दे.

छात्रों की परेशानी बरकरार

बारिश में बिजली गुल होने से बढ़ी समस्या

वहीं अपनी समस्या के बारे में बताते हुए डीयू के फाइनल ईयर के छात्र उत्कर्ष ने कहा कि इस समय वह आजमगढ़ में हैं और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है.

उन्होंने कहा कि बारिश के चलते कई कई दिनों तक बिजली ठप रहती है और इंटरनेट कनेक्टिविटी का तो सवाल ही नहीं उठता.

ऐसे में उनके पास कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है जिससे वह अपनी पढ़ाई कर सके या परीक्षा दे सकें. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति बिहार और उत्तर पूर्वी राज्यों की भी है जहां पर इंटरनेट की सुविधा ना के बराबर उपलब्ध है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि हालात को देखते हुए यह परीक्षा निरस्त कर दी जाए.

नहीं हो पा रही परीक्षा की तैयारी

कुछ ऐसी ही समस्या साझा की है बिहार में इस वक्त परिवार के साथ रह रहे डीयू के थर्ड ईयर के छात्र शिवम ने. शिवम ने कहा कि तमाम जगह से कारोबार बंद होने के चलते इस वक्त उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और वह खुद जैसे तैसे परिवार के साथ मिलकर अपने भरण-पोषण के लिए लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में वह किस तरह अपनी परीक्षा की तैयारी करेंगे. साथ ही कहा कि इस समय कई कई दिनों तक लगातर बारिश हो रही है और बिजली भी गुल है तो परीक्षा कैसे दें पाएंगे.

छात्रों को मानसिक तनाव से मुक्ति दे डीयू प्रशासन

वहीं शिवम ने डीयू प्रशासन पर आरोप लगाया कि परीक्षा का निर्णय उन जैसे ग्रामीणों के छात्रों के साथ भेदभाव करना है क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन छात्रों की सहूलियत को तो देखा जो एसी के कमरों में बैठकर अपने लैपटॉप पर परीक्षा देने में सक्षम हैं. पर दूर-दराज के गांव में बरसात के बीच बैठे आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्रों की मानसिक स्थिति को संज्ञान में नहीं लिया.

ऐसे में उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से विनती है कि उनके साथ किसी तरह का भेदभाव ना किया जाए और उनकी परीक्षा को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए जिससे उन्हें रोज के चल रहे इस मानसिक तनाव से छुटकारा मिल सके और वह भी विश्वविद्यालय से सफल होकर डिग्री लेकर बाहर आए.

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