नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने पंरपंराओं पर ऐसा असर डाला है कि अपने ही अपनों को कंधा देने से इनकार कर दे रहे हैं. ये वो घड़ी है जब आखिरी समय में बेटा अपने पिता की आखिरी झलक तक नहीं देख पा रहा. कोरोना महामारी की मार ने सब कुछ बदल दिया है.
ऐसा लगता है मानो कई परंपराएं अब सिमट कर रह गईं हैं. ऐसे समय में भगत सिंह सेवा दल की सेवा भावना वाकई समाज में एक अलग संदेश दे रहा है. जिन लोगों के घर में सभी लोग संक्रमित हैं, या कोई कोरोना के डर से अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होना चाहता या फिर किसी की लावारिस डेड बॉडी हो, भगत सिंह सेवा दल ऐसे सभी मृतकों का अंतिम संस्कार कर रहा है.
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भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक जितेन्द्र सिंह शंट्टी ने इस बार ही नहीं बीते साल भी कई कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार किया था. खुद कोरोना की चपेट में आने के बाद भी आज ये कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. शंटी बताते हैं कि इनके मैनेजर की हालत गंभीर है, खुद ये पूरे परिवार समेत कोरोना संक्रमित हो चुके हैं लेकिन अब भी ये सेवाभाव से जुटे हुए हैं.