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SC के आदेशों के बाद डी-सील हुई वसंतकुंज और रजोकरी की आवासीय संपत्तियां - etv bharat news

कोर्ट के आदेशों के बाद साउथ एमसीडी ने डी-सील की 11 आवासीय संपत्तियां को सील कर दिया था. जिसके बाद संपत्तियों के मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और पिछले काफी लंबे समय से इस पूरे मामले को लेकर सुनवाई चल रही थी.

Residential properties of Vasantkunj and Rajokri de-sealed after Supreme Court orders
दक्षिण दिल्ली नगर निगम
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Published : Aug 19, 2020, 3:51 AM IST

नई दिल्ली: मार्च 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी ने वसंतकुंज और रजोकरी के क्षेत्र में 11 आवासीय संपत्तियों को सील कर दिया था.जिसके ऊपर इन सभी 11 संपत्तियों के मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और पिछले काफी लंबे समय से इस पूरे मामले को लेकर सुनवाई चल रही थी.

डी-सील हुई वसंतकुंज और रजोकरी की आवासीय संपत्तियां

जिसके बाद 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि इन सभी आवासीय संपत्तियों का किसी प्रकार से व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं हो रहा था और इन सभी आवासीय संपत्तियों के खिलाफ मॉनिटरिंग कमिटी को कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है.

अवैध निर्माण को लेकर हो सकती है कार्रवाई

वहीं मॉनिटरिंग कमिटी जो है सिर्फ आवासीय क्षेत्रों में व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली इकाइयों और सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के आधार पर सोमवार देर शाम इन सभी संपत्तियों को साउथ एमसीडी ने डी-सील कर दिया. हालांकि दक्षिण दिल्ली नगर निगम इन आवासीय संपत्तियों में हो रहे अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई कर सकता है.

नई दिल्ली: मार्च 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी ने वसंतकुंज और रजोकरी के क्षेत्र में 11 आवासीय संपत्तियों को सील कर दिया था.जिसके ऊपर इन सभी 11 संपत्तियों के मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और पिछले काफी लंबे समय से इस पूरे मामले को लेकर सुनवाई चल रही थी.

डी-सील हुई वसंतकुंज और रजोकरी की आवासीय संपत्तियां

जिसके बाद 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि इन सभी आवासीय संपत्तियों का किसी प्रकार से व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं हो रहा था और इन सभी आवासीय संपत्तियों के खिलाफ मॉनिटरिंग कमिटी को कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है.

अवैध निर्माण को लेकर हो सकती है कार्रवाई

वहीं मॉनिटरिंग कमिटी जो है सिर्फ आवासीय क्षेत्रों में व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली इकाइयों और सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के आधार पर सोमवार देर शाम इन सभी संपत्तियों को साउथ एमसीडी ने डी-सील कर दिया. हालांकि दक्षिण दिल्ली नगर निगम इन आवासीय संपत्तियों में हो रहे अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई कर सकता है.

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