नई दिल्ली: देश की राजधानी नई दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट (New Delhi IGI Airport) के घरेलू टर्मिनल 1 पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 14 नए एयरक्राफ्ट स्टैंड (14 New Aircraft Stand)का निर्माण करवाया गया है. इन नए कोड सी स्मार्ट एप्रन (New Code C Smart Aprons)को दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर ने निर्धारित समय से 10 सप्ताह पहले तैयार करने के साथ ही उसे पूरी तरह से चालू भी कर दिया है. इन स्टैंड का निर्माण टर्मिनल 1 के लिए प्रस्तावित विस्तार व निर्माण के दूसरे चरण का हिस्सा है. साथ ही यह एयरपोर्ट विस्तार योजना चरण 3ए (Airport Expansion Plan Phase 3A)का भी हिस्सा है.
जीएमआर ग्रुप के उप प्रबंध निदेशक आई. प्रभाकर राव ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) द्वारा तैयार नवनिर्मित टैक्सी-वे ई-9, एफ-3 और एफ-4 जो टर्मिनल 1 तक ले जाते हैं. नया एप्रन, टी-1 के लिए तीन चरणों में बनाया जा रहा है. पहले चरण में, 82 कोड सी स्टैंडों में से 19 को अक्टूबर 2021 में चालू किया गया था. अब, दूसरे चरण में, 14 स्टैंडों को चालू कर दिया गया है. इसे चालू करने के साथ ही इसे 26 जुलाई को वहां से उड़ानों के संचालन के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल को भी सौंप दिया गया है. जिससे विमानों का संचालन किया जा सके. जबकि इसके लिए निर्धारित समय 6 अक्टूबर निर्धारित किया गया था.
इसके साथ ही अब 82 में से 33 स्टैंडों को सफलतापूर्वक चालू कर दिया है. कोड सी स्टैंड का नया लेआउट बेहतर हवाई यातायात प्रवाह की सुविधा तेजी से सुनिश्चित करेगा। नए स्मार्ट टी1 एप्रन में प्रत्येक स्टैंड नवीनतम तकनीक से लैस है. इसमें विजुअल डॉकिंग गाइडेंस सिस्टम (वीडीजीएस), फ्यूल हाइड्रेंट सिस्टम (एफएचएस) शामिल हैं. यहां लगे ग्राउंड पावर यूनिट्स (जीपीयू) और प्री-कंडीशन्ड एयर (पीसीए) से एक विमान के लिए ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट की संख्या में कमी आएगी. विमान टर्नअराउंड तेजी से होगा. इससे समय और सुरक्षा बेहतर होगी. इससे विमान के लैंडिंग के बाद यात्रियों को विमान में कम समय बिताने होंगे.
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चरण 3ए विस्तार कार्य पूरा होने के बाद एप्रन क्षेत्र 2,82,000 वर्ग मीटर से बढ़कर 6,29,285 वर्ग मीटर हो जायेगा. विमान स्टैंड की कुल संख्या 55 से बढ़ कर 82 हो जाएगी, जिसमें 22 संपर्क स्टैंड और 8 मार्स स्टैंड शामिल होंगे. रनवे संख्या 11/29 के समानांतर में एक 4.4 किलोमीटर लंबे एक नए कोड एफ रनवे का निर्माण किया जा रहा है. इसके बाद आईजीआई भारत का पहला एयरपोर्ट होगा, जिसके चार परिचालन रनवे होंगे. चौथा रनवे बढ़े हुए हवाई यातायात को संभालने में मदद के साथ इसका ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे की तरह इस्तेमाल होगा.
कहा जा रहा है कि इससे विमानों से टैक्ंसिंग में कम समय लगने से हवाई अड्डों पर होने वाले सीओ-2 उत्सर्जन में कमी आएगी.