नई दिल्ली: हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य जागरूकता फैलाना और कैंसर जैसी घातक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करना है. कैंसर विश्व में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है. संयुक्त राष्ट्र मान्यता प्राप्त दिन का नेतृत्व युनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर ट्रोल यूआईसीसी द्वारा किया जाता है.
भारत में सबसे ज्यादे पाया जाने वाला कैंसर
भारतीय आबादी को प्रभावित करने वाला कैंसर, स्वीट्स कैंसर है. इसके अलावा स्तन ग्रीवा सिर, गर्दन और कोलोरेक्टल कैंसर सीआरसी है. इसलिए प्रत्येक प्रकार हैं. कैंसर को समझना महत्वपूर्ण है और यह शरीर को कैसे प्रभावित करता है. इस बारे में इस दिवस पर लोगों को अवगत कराया जाता है. विश्व कैंसर दिवस का इतिहास और महत्व के बारे में कम ही लोग जानते हैं.
30 फीसदी बच्चों का हो पाता है इलाज
इस मौके पर किड्स कैन कनेक्ट युवा किशोर कैंसर संस्था के बच्चों ने पीएम मोदी को एक पत्र भी लिखा, जिसमें मांग की गई कि देश के सभी राज्यों में कैंसर के इलाज के लिए अस्पताल खोले जाएं. राष्ट्रीय योजनाओं और नीति के अंर्तगत बच्चों का इलाज किया जाता है. इसमें से सिर्फ 30% बच्चे ही इन सेंटरों में इलाज कराने के लिए आते हैं. इस तरह के आंकड़े भारत में इस गंभीर मामले को अंकित करने और और दर्शाने के लिए पर्याप्त हैं. पिछले चार वर्षों से किड्स कैन कनेक्ट युवा किशोर कैंसर सर्वाइवर ग्रुप के बच्चे और उनके मां-बाप ने 3 लाख प्रतिज्ञाएं एकत्र की हैं. विश्व में हर साल 3 लाख बच्चे कैंसर से प्रभावित होते हैं.
विश्व में हर साल 3 लाख कैंसर पीड़ितों की मौत
मीडिया से बात करते हुए किड्स कैन कनेक्ट युवा किशोर कैंसर संस्था के चेयरमैन पूनम बागई ने बताया कि कैंसर से विश्व भर में हर साल 3 लाख से ज्यादा पीड़ितों की मौत हो जाती है. वहीं ज्यादातर बच्चे अस्पताल आने से पहले ही कैंसर की बीमारी से दम तोड़ देते हैं. अगर उन्हें समय पर भारत में ही अलग-अलग राज्यों के अस्पतालों में सही समय पर इलाज मिल जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती हैं. इसलिए आज हमारी संस्था की तरफ से विश्व कैंसर दिवस पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हैं कि इस पर नीति बनाई जाए और हर राज्य में कैंसर के अस्पताल खोले जाएं ताकि कोई कैंसर पीड़ित इलाज के लिए न भटकें.