नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता त्रिलोचन सिंह वज़ीर हत्याकांड में गिरफ्तार हरमीत ने कई चौंकाने वाले खुलासे पूछताछ के दौरान किये हैं. उसने बताया है कि हत्या के लिए उस पर दबाव डालने वाला हरप्रीत चाहता था कि वह खुदकुशी कर ले. उसने ही दबाव डालकर हरमीत से सुसाइड नोट लिखवाया और उसे फेसबुक पर अपलोड किया था. शायद उसके दबाव में वह खुदकुशी कर भी लेता, लेकिन परिवार से मिलकर उसने इरादा बदल दिया था.
जम्मू से गिरफ्तार किए गए हरमीत ने पुलिस को बताया है कि वह बीते अगस्त महीने में हरप्रीत के घर आया था. वहां जब हरमीत के आने की बात पता चली तो वह एक होटल में चला गया था. 3 सितंबर को वह जब हरप्रीत के घर गया तो वज़ीर कमरे में सो रहा था. हरमीत को हरप्रीत ने बताया कि वज़ीर उसे एवं उसके परिवार को मारना चाहता है. उसने कॉक कर पिस्तौल उसके हाथ में दी. उसने कहा कि अगर वह वज़ीर को नहीं मारेगा तो परिवार सहित उसे मरना होगा. वज़ीर ने उसे बताया है कि हरमीत और उसके बेटे की हत्या के लिए वह सुपारी दे चुका है. हरप्रीत के भड़काने की वजह से उसने वज़ीर को गोली मार दी थी. इसके बाद हथियार छोड़कर वह भाग गया था.
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हरमीत ने क्राइम ब्रांच को बताया कि हरप्रीत के साथ वह फरार हो गया था. इस दौरान वह लगातार उसे खुदकुशी करने के लिए कह रहा था. उसने ही हरमीत को बताया कि वह खुदकुशी करने से पहले एक कंफेशन लेटर लिखे. हरप्रीत ने जो बोला वह उसने इस पत्र में लिख दिया था. इसके बाद हरप्रीत ने ही फेसबुक पर कंफेशन लेटर को अपलोड किया था, जिसमें हरमीत के खुदकुशी करने की बात लिखी थी. इसके बाद भी वह हरमीत पर खुदकुशी के लिए दबाव डाल रहा था. उसने हरप्रीत से कहा कि वह खुदकुशी करने से पहले एक बार अपने परिवार से मिलना चाहता है. वह जम्मू में अपने परिवार से जब मिलने गया तो वहां रोने लगा. यह देखकर हरप्रीत को पकड़े जाने का डर सताने लगा और वह उसे छोड़कर फरार हो गया था.
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पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले में हरप्रीत मास्टरमाइंड है. उसने बड़ी ही चालाकी से त्रिलोचन सिंह वज़ीर की हत्या करवा दी. उसने हत्या में शामिल तीन किरदारों को अलग-अलग कहानी बताई थी. उसने अपने दोस्त राजेन्द्र उर्फ राजू को बताया कि वह 1983 में हुई अपने मामा की हत्या का बदला लेना चाहता है. बिल्ला को बताया कि वज़ीर को बंधक बनाकर मोटी रकम फिरौती के रूप में वसूलेंगे. वहीं हरमीत को बताया कि वज़ीर उसे एवं उसके बेटे को मारने वाला है. हत्या के बाद वह हरमीत से खुदकुशी करवाना चाहता था, जिससे पूरा आरोप केवल हरमीत पर ही रह जाए. पुलिस का कहना है कि हरप्रीत के पकड़े जाने पर ही हत्या की असली वजह का पता चल पाएगा.
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