नई दिल्ली : भारत में सोमवार को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि सरकार स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और चिंता की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और देश में किसी भी सामान्य श्वसन वायरस रोगजनकों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है.
नड्डा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि चीन में एचएमपीवी की हालिया रिपोर्टों के मद्देनजर, स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, देश की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्था और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) चीन और अन्य पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने स्थिति का संज्ञान लिया है और जल्द ही हमारे साथ रिपोर्ट साझा करेगा.
#WATCH | Union Health Minister JP Nadda says, " health experts have clarified that #HMPV is not a new virus. It was first identified in 2001 and it has been circulating in the entire world since many years. HMPV spreads through air, by way of respiration. This can affect persons… pic.twitter.com/h1SSshe2iQ
— ANI (@ANI) January 6, 2025
नड्डा ने कहा, "आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के पास उपलब्ध श्वसन वायरस के लिए देश के आंकड़ों की भी समीक्षा की गई है और भारत में किसी भी सामान्य श्वसन वायरस रोगजनकों में कोई उछाल नहीं देखा गया है." इस स्थिति की समीक्षा के लिए 4 जनवरी को डीजीएचएस की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी बैठक आयोजित की गई थी.
उन्होंने कहा, "देश की स्वास्थ्य प्रणाली और निगरानी नेटवर्क यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क है कि देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है. नड्डा ने कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है, हम स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं."
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी वायरस कोई नया वायरस नहीं है. इसकी पहली बार पहचान 2001 में हुई थी और यह पूरी दुनिया में फैल रहा है. नड्डा ने कहा कि एचएमपीवी श्वसन के माध्यम से हवा के माध्यम से फैलता है. उन्होंने कहा कि यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है. यह वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में अधिक फैलता है.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक में दो और गुजरात में एक शिशु और तमिलनाडु में दो बच्चों में एचएमपीवी के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कई श्वसन वायरल रोगजनकों की नियमित निगरानी के माध्यम से कर्नाटक में एचएमपीवी के दो मामलों का पता लगाया है.
बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती होने के बाद ब्रोन्कोन्यूमोनिया के इतिहास वाली तीन महीने की बच्ची में एचएमपीवी का निदान किया गया. मंत्रालय ने कहा कि उसे पहले ही छुट्टी दे दी गई है.
बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती होने के बाद ब्रोन्कोन्यूमोनिया के इतिहास वाले आठ महीने के बच्चे में 3 जनवरी को एचएमपीवी के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया. मंत्रालय ने कहा कि अब वह ठीक हो रहा है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दोनों रोगियों का कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा का इतिहास नहीं है. मंत्रालय ने कहा कि वह सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी कर रहा है. आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी प्रचलन में रुझानों को ट्रैक करना जारी रखेगा.
मंत्रालय ने कहा कि देश भर में हाल ही में किए गए तैयारी अभ्यास से पता चला है कि भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है और जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप तुरंत लागू किया जा सकता है.
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