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Tax Planning के लिए ये है साल का सबसे अच्छा समय, बच जाएंगे लास्ट-मिनट की जद्दोजहद से

नए साल 2023 की शुरुआत के साथ ही टैक्स की घड़ी भी टिक-टिक करने लगती है. टैक्स भरने को बोझ के रूप में लेने के बजाय, समय पर टैक्स प्लानिंग आपको अंतिम समय की भागदौड़ से बचा सकती है. साथ ही इसके कई फायदें भी हो सकते हैं..

Tax Planning
टैक्स प्लानिंग
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Published : Jan 18, 2023, 6:21 PM IST

Updated : Jan 18, 2023, 6:53 PM IST

हैदराबाद : प्रत्येक व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है. उसे करों का भुगतान करना और income tax return ( ITR ) दाखिल करना आवश्यक है. नए साल 2023 की शुरुआत के साथ ही टैक्स की घड़ी टिक-टिक करने लगती है. कराधान को एक बोझ के रूप में लेने के बजाय, समय पर कर योजना आपको करों को बचाने के लिए अंतिम समय की जद्दोजहद से बचा सकती है. लेकिन टैक्स प्लानिंग के लिए साल का सबसे अच्छा समय कौन सा है? टैक्स देनदारी कम करने और मेहनत की कमाई पर अधिक बचत करने के लिए, वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही टैक्स प्लानिंग करना अच्छा होता है. साल की शुरुआत से अपने करों की योजना बनाने के कई फायदे हैं.

1.लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों को पाने में मददगार
जल्दी योजना बनाने से आपको अपने लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों, जैसे घर खरीदना, बच्चों की शिक्षा, सेवानिवृत्ति, आदि के साथ संरेखित करने में मदद मिल सकती है. कई लॉन्ग टर्म योजनाओं में एक लॉक-इन अवधि होती है, जिससे आप बाहर नहीं निकल सकते. यदि आप इन योजनाओं में जल्दी निवेश करना शुरू करते हैं, तो आपके पास प्रत्येक निवेश योजना के फायदे और नुकसान को समझने और हाई-रिटर्न पाने के लिए पर्याप्त समय होगा.

Tax Planning
प्रतिकात्मक तस्वीर

2.सही कर-बचत साधनों को समझने के लिए अधिक समय
यदि आप जल्दी योजना बनाना शुरू करते हैं, तो आपके पास अपने वित्तीय लक्ष्यों का आकलन करने और इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सही कर-बचत साधन चुनने का समय होगा. कई कर-बचत साधन हैं, और किसी एक को चुनना एक कठिन काम है. यदि आप जल्दी योजना बनाना शुरू करते हैं, तो आपको इनमें से प्रत्येक विकल्प को समझने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. साथ ही अपनी आय और जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार आप बेहतर विकल्प का चयन कर सकेगें. टैक्स प्लानिंग को आखिरी तक टालने से टैक्स प्लान करने के गलत तरीके चुनने पड़ सकते हैं.

Tax Planning
टैक्स प्लानिंग

3.ज्यादा रिटर्न कमाने का मौका
शुरुआत से ही की गई टैक्स प्लानिंग से आपको ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ सकती है. तो चलिए हम बताते हैं कि अगर आप साल की शुरुआत से ELSS और PPF योजनाओं में निवेश करना शुरू करते हैं, तो आप वित्तीय वर्ष में अधिक रिटर्न कमा सकते हैं. साथ ही ELSS के मामले में, SIP या एकमुश्त राशि के माध्यम से राशि का भुगतान करने का विकल्प होता है. एसआईपी के माध्यम से भुगतान करना बेहतर है क्योंकि यह आपको रुपये की औसत लागत का लाभ देगा, बाजार की अस्थिरता को कम करेगा और हाई रिटर्न पाने में मदद करेगा.

4. सैलरी इनवेस्टमेंट के बारें में सोचने के लिए समय
यदि आप पहले करों की योजना बनाना शुरू करते हैं, तो यदि आवश्यक हो तो आप अपने भत्तों का पुनर्गठन भी कर सकते हैं. एक बार जब आपकी ओर से कर-बचत निवेश योजना तैयार हो जाती है, तो नियोक्ता आपके वेतन से TDS काटना शुरू कर देते हैं. पहले से योजना बनाने से आपको कई उपलब्ध वेतन भत्तों को समझने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है, जिससे आप लाभान्वित हो सकते हैं. इसके अलावा यदि आपका नियोक्ता इसकी अनुमति देता है, तो आप अधिक कर बचाने के लिए उन्हें अपनी वेतन संरचना में बदलाव करने के लिए कह सकते हैं.

5. अंतिम समय की झंझट से बचें
अंत में सभी दस्तावेजों को इकट्ठा करने और कर देनदारी का अनुमान लगाने के झंझट में आप कुछ गलतियां कर सकते हैं. शुरुआत में अपनी कर देनदारी का अनुमान लगाने से आपको यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि साल के अंत में आपकी कर देनदारी कितनी होगी. इस तरह, आप हर महीने या तिमाही में अपने कर-बचत निवेश चरणों को समायोजित कर सकते हैं.

इसके अवाला ऐसा भी हो सकता है कि साल के अंत में आपके पास पैसे न रहे. क्योंकि यह जरूरी नहीं है कि आपकी आर्थिक स्थिति साल भर एक जैसी ही रहे. इसलिए वर्ष की शुरुआत से करों की योजना बनाने का हमेशा सुझाव दिया जाता है.

पढ़ें : ULIP Hybrid Schemes लेने का है विचार, इन बातों का रखें खास ख्याल

हैदराबाद : प्रत्येक व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है. उसे करों का भुगतान करना और income tax return ( ITR ) दाखिल करना आवश्यक है. नए साल 2023 की शुरुआत के साथ ही टैक्स की घड़ी टिक-टिक करने लगती है. कराधान को एक बोझ के रूप में लेने के बजाय, समय पर कर योजना आपको करों को बचाने के लिए अंतिम समय की जद्दोजहद से बचा सकती है. लेकिन टैक्स प्लानिंग के लिए साल का सबसे अच्छा समय कौन सा है? टैक्स देनदारी कम करने और मेहनत की कमाई पर अधिक बचत करने के लिए, वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही टैक्स प्लानिंग करना अच्छा होता है. साल की शुरुआत से अपने करों की योजना बनाने के कई फायदे हैं.

1.लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों को पाने में मददगार
जल्दी योजना बनाने से आपको अपने लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों, जैसे घर खरीदना, बच्चों की शिक्षा, सेवानिवृत्ति, आदि के साथ संरेखित करने में मदद मिल सकती है. कई लॉन्ग टर्म योजनाओं में एक लॉक-इन अवधि होती है, जिससे आप बाहर नहीं निकल सकते. यदि आप इन योजनाओं में जल्दी निवेश करना शुरू करते हैं, तो आपके पास प्रत्येक निवेश योजना के फायदे और नुकसान को समझने और हाई-रिटर्न पाने के लिए पर्याप्त समय होगा.

Tax Planning
प्रतिकात्मक तस्वीर

2.सही कर-बचत साधनों को समझने के लिए अधिक समय
यदि आप जल्दी योजना बनाना शुरू करते हैं, तो आपके पास अपने वित्तीय लक्ष्यों का आकलन करने और इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सही कर-बचत साधन चुनने का समय होगा. कई कर-बचत साधन हैं, और किसी एक को चुनना एक कठिन काम है. यदि आप जल्दी योजना बनाना शुरू करते हैं, तो आपको इनमें से प्रत्येक विकल्प को समझने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. साथ ही अपनी आय और जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार आप बेहतर विकल्प का चयन कर सकेगें. टैक्स प्लानिंग को आखिरी तक टालने से टैक्स प्लान करने के गलत तरीके चुनने पड़ सकते हैं.

Tax Planning
टैक्स प्लानिंग

3.ज्यादा रिटर्न कमाने का मौका
शुरुआत से ही की गई टैक्स प्लानिंग से आपको ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ सकती है. तो चलिए हम बताते हैं कि अगर आप साल की शुरुआत से ELSS और PPF योजनाओं में निवेश करना शुरू करते हैं, तो आप वित्तीय वर्ष में अधिक रिटर्न कमा सकते हैं. साथ ही ELSS के मामले में, SIP या एकमुश्त राशि के माध्यम से राशि का भुगतान करने का विकल्प होता है. एसआईपी के माध्यम से भुगतान करना बेहतर है क्योंकि यह आपको रुपये की औसत लागत का लाभ देगा, बाजार की अस्थिरता को कम करेगा और हाई रिटर्न पाने में मदद करेगा.

4. सैलरी इनवेस्टमेंट के बारें में सोचने के लिए समय
यदि आप पहले करों की योजना बनाना शुरू करते हैं, तो यदि आवश्यक हो तो आप अपने भत्तों का पुनर्गठन भी कर सकते हैं. एक बार जब आपकी ओर से कर-बचत निवेश योजना तैयार हो जाती है, तो नियोक्ता आपके वेतन से TDS काटना शुरू कर देते हैं. पहले से योजना बनाने से आपको कई उपलब्ध वेतन भत्तों को समझने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है, जिससे आप लाभान्वित हो सकते हैं. इसके अलावा यदि आपका नियोक्ता इसकी अनुमति देता है, तो आप अधिक कर बचाने के लिए उन्हें अपनी वेतन संरचना में बदलाव करने के लिए कह सकते हैं.

5. अंतिम समय की झंझट से बचें
अंत में सभी दस्तावेजों को इकट्ठा करने और कर देनदारी का अनुमान लगाने के झंझट में आप कुछ गलतियां कर सकते हैं. शुरुआत में अपनी कर देनदारी का अनुमान लगाने से आपको यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि साल के अंत में आपकी कर देनदारी कितनी होगी. इस तरह, आप हर महीने या तिमाही में अपने कर-बचत निवेश चरणों को समायोजित कर सकते हैं.

इसके अवाला ऐसा भी हो सकता है कि साल के अंत में आपके पास पैसे न रहे. क्योंकि यह जरूरी नहीं है कि आपकी आर्थिक स्थिति साल भर एक जैसी ही रहे. इसलिए वर्ष की शुरुआत से करों की योजना बनाने का हमेशा सुझाव दिया जाता है.

पढ़ें : ULIP Hybrid Schemes लेने का है विचार, इन बातों का रखें खास ख्याल

Last Updated : Jan 18, 2023, 6:53 PM IST
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