नई दिल्ली : भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अक्टूबर में सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गईं. प्रतिस्पर्धी स्थितियों और मूल्य दबावों के बीच उत्पादन तथा मांग में नरमी के कारण यह गिरावट आई है. एक मासिक सर्वेक्षण में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई है. मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक अक्टूबर में 58.4 पर पहुंच गया. यह सितंबर में 13 साल के उच्चतम स्तर पर 61 पर पहुंच गया था.
खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम अंक का आशय संकुचन से होता है. सर्वेक्षण सेवा क्षेत्र की करीब 400 कंपनियों को भेजे गए प्रश्नावली के जवाबों पर आधारित है. एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि कई कंपनियां नए अनुबंध हासिल करने में कामयाब रहीं, लेकिन कुछ ने अपनी सेवाओं तथा प्रतिस्पर्धी स्थितियों की धीमी मांग को लेकर चिंता व्यक्त की.
अक्टूबर के आंकड़ों में सितंबर 2014 में श्रृंखला शुरू होने के बाद से भारतीय सेवा कंपनियों को दिए गए अंतरराष्ट्रीय अनुबंधों में दूसरी सबसे तेज वृद्धि को दर्ज होने की बात सामने आई. सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले लोगों ने एशिया, यूरोप और अमेरिका में ग्राहकों से लाभ होने का उल्लेख किया. भारत में सेवा कंपनियों ने अक्टूबर में अपने खर्चों में वृद्धि दर्ज की जिसके लिए उन्होंने भोजन, ईंधन और कर्मचारियों की उच्च लागत को जिम्मेदार ठहराया है. इस बीच एसएंडपी ग्लोबल इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स अक्टूबर में 58.4 रहा, जो सितंबर में 61 था.