नयी दिल्ली: कोकिंग कोयले की दरों में तेजी से वृद्धि के कारण भारत में स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है. उद्योग जगत से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. कोकिंग कोयला और लौह अयस्क स्टील के निर्माण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दो प्रमुख कच्चे माल हैं. भारत में लौह अयस्क पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जबकि स्टील कंपनियां ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से आयात के जरिए कोकिंग कोयले की अपनी 90 प्रतिशत जरूरत पूरा करती हैं.
स्टील की बढ़ती कीमतों पर बोले जेएसपी निदेशक
जिंदल स्टील एंड पावर (MD) के प्रबंध निदेशक बिमलेंद्र झा ने कहा, "कोकिंग कोयले की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, जो वर्तमान में भारत में 341 अमेरिकी डॉलर प्रति टन सीएफआर (लागत व माल ढुलाई) पर कारोबार कर रही हैं. जून-जुलाई 2023 में यह 230 अमेरिकी डॉलर प्रति टन थी."भारत में स्टील की बढ़ती कीमतों पर किए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इस्पात उद्योग को कीमतों में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है.
क्योंकि कोकिंग कोयले की कीमतों में नाटकीय बदलाव आया है. इसलिए उद्योग के पास उपभोक्ताओं पर लागत का भार डालने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. बाजार अध्ययन कंपनी स्टीलमिंट इंडिया के अनुसार, जून में प्रति टन हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) की कीमत 55,200 रुपये थी, जो बृहस्पतिवार को बढ़कर 58,800 रुपये हो गई है.
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झा ने कहा कि बाजार में स्टील की मांग में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो 7-8 प्रतिशत है। मानसून में गिरावट का रुख देखने के बाद मांग में बढ़ोतरी हुई है. स्टील शीर्ष तीन सबसे व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली धातुओं में से एक है और इसकी कीमतों में कोई भी उतार-चढ़ाव पूरी मूल्य श्रृंखला को प्रभावित करता है.