RBI MPC Meeting : RBI ने अनुमानित GDP व महंगाई दर की घोषणा की, इन कारणों से मुद्रास्फीति पर रहेगा दबाव - rbi mpc
Reserve Bank Governor Shaktikanta Das ने कहा कि समिति ने Repo Rate में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया है. RBI ने महंगाई दर के अनुमान को बढ़ाकर 5.4% कर दिया है. GDP की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5% पर कायम रखा है.
चेन्नई/मुंबई: अर्थशास्त्रियों की उम्मीद के अनुरूप भारतीय रिजर्व बैंक- RBI की मौद्रिक नीति समिति- MPC ने गुरुवार को रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने की घोषणा की. समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि MPC ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर रखने का फैसला किया है. दास ने बताया कि आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए समिति ने जीडीपी विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. समिति ने घरेलू और वैश्विक कारकों के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति (महंगाई दर) 5.4 प्रतिशत रहने की भविष्यवाणी की है. दास ने कहा कि भूराजनैतिक स्थितियों, मानसून और अन्य कारणों से अनिश्चितता बनी हुई है. MPC की तीन दिन की बैठक 8 अगस्त को शुरू हुई थी जो आज समाप्त हुई है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए सकल घरेलू उत्पाद- GDP की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.1 प्रतिशत से 5.4 प्रतिशत कर दिया है. टमाटर और अन्य सब्जियां महंगी होने की वजह से रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के अनुमान में बढ़ोतरी की है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि घरेलू स्तर पर आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं.
Reserve Bank Governor Shaktikanta Das ने कहा कि खरीफ की बुवाई और ग्रामीण मांग में सुधार तथा सेवाओं में तेजी और उपभोक्ता भरोसा बढ़ने से परिवारों के उपभोग को समर्थन मिलेगा. उन्होंने कहा, "हालांकि, कमजोर वैश्विक मांग, वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता, भूराजनीतिक तनाव परिदृश्य के लिए जोखिम हैं." इन सब कारकों को ध्यान में रखकर मौद्रिक नीति समिति- MPC का अनुमान है कि 2023-24 में वास्तविक GDP वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहेगी. पहली तिमाही में GDP की वृद्धि दर आठ प्रतिशत, दूसरी में 6.5 प्रतिशत, तीसरी में 6 प्रतिशत और चौथी में 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
सब्जियां महंगी होने से मुद्रास्फीति पर दबाव
अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 की पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. Shaktikanta Das ने महंगाई के बारे में कहा कि टमाटर और अन्य सब्जियां महंगी होने से निकट भविष्य में मुख्य मुद्रास्फीति पर दबाव रहेगा. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि बाजार में नई फसल की आवक शुरू होने के साथ स्थिति में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि जुलाई में मानसून और खरीफ की बुवाई में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिली है. गवर्नर ने आगाह करते हुए कहा कि बारिश के असमतल वितरण पर निगाह रखने की जरूरत है.
RBI Governor Shaktikanta Das ने कहा कि 2023-24 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक- CPI आधारित मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है. दूसरी तिमाही में मुद्रास्फीति 6.2 प्रतिशत, तीसरी में 5.7 प्रतिशत और चौथी में 5.2 प्रतिशत रहेगी. अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 की पहली तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है. मई में खुदरा मुद्रास्फीति 4.3 प्रतिशत पर थी, जो जून में बढ़कर 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गई. मुख्य रूप से खाने-पीने का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है.
(एकस्ट्रा इनपुट एजेंसी)