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अमेरिका-ईरान तनाव, तीसरी तिमाही के नतीजों और कच्चे तेल की कीमतों से तय होगी शेयर बाजार की चाल - US-Iran tensions

इराक में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में शुक्रवार को ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद वैश्विक बाजारों में गिरावट का रुख है. एक्सपर्ट का कहना है कि ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की स्थिति में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आ सकता है.

अमेरिका-ईरान तनाव, तीसरी तिमाही के नतीजों और कच्चे तेल की कीमतों से तय होगी शेयर बाजार की चाल
अमेरिका-ईरान तनाव, तीसरी तिमाही के नतीजों और कच्चे तेल की कीमतों से तय होगी शेयर बाजार की चाल
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Published : Jan 5, 2020, 4:08 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार पर इस सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल का असर देखने को मिलेगा. साथ ही, देश की कुछ प्रमुख कंपनियां चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे घोषित करने वाली हैं, जिससे बाजार की चाल तय होगी. इसके अलावा इस सप्ताह देश-विदेश में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से भी बाजार को दिशा मिलेगी.

इराक में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में शुक्रवार को ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद वैश्विक बाजारों में गिरावट का रुख है. इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका है. विश्व नेता जहां इस घटनाक्रम से चिंतित हैं वहीं ईरान ने अमेरिकी हमले के जवाब में कार्रवाई की धमकी दी है.

ये भी पढ़ें- भारत के आर्थिक सुधार में रोड़ा बनता अमेरिका-ईरान तनाव

उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को आगाह किया कि यदि ईरान बदले की कार्रवाई करता है, तो अमेरिका इसका ऐसा जवाब देगा, जैसा उसने पहले कभी नहीं देखा होगा.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "निकट भविष्य में ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई से बाजार में उतार-चढ़ाव का जोखिम है. हालांकि, कई सकारात्मक पहलू भी हैं जिनपर बाजार का ध्यान रहेगा. अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के करार पर दस्तखत होने हैं. वहीं दिसंबर के तिमाही नतीजों और आम बजट से पहले के घटनाक्रमों से बाजार में तेजी का रुख बन सकता है."

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "बाजार नयी ऊंचाई पर है. भू राजनीतिक तनाव की वजह से निवेशक मुनाफावसूली कर सकते हैं. ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की स्थिति में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आ सकता है."

शुक्रवार को ब्रेंट कच्चा तेल 4.4 प्रतिशत चढ़कर 69.16 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. वहीं उस दिन रुपया 42 पैसे टूटकर डेढ़ माह के निचले स्तर 71.80 प्रति डॉलर पर आ गया. बीते सप्ताह उतार चढ़ाव के बाद बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स अंत में 110.53 अंक या 0.26 प्रतिशत नीचे रहा.

इन घटनाओं पर रहेगी बाजार की नजर

  • वृहद आर्थिक मोर्चे पर सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े इसी सप्ताह आने हैं.
  • घेरलू मोर्चे पर इस सप्ताह से चौथी तिमाही के नतीजे आएंगे.
  • निवेशकों की निगाह ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों और रुपये के उतार-चढ़ाव पर रहेगी.
  • देश के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी सप्ताह के आखिरी सत्र के दौरान शुक्रवार को ही आने वाले हैं.
  • बाजार की नजर, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश के प्रति रुझान पर होगी.
  • इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर होने वाले करार के साथ-साथ अन्य कारकों से विदेशी बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से भारतीय बाजार प्रभावित रहेगा.
  • चीन में सोमवार को दिसंबर महीने के कैक्सिन सर्विसेस पीएमआई और कैक्सिन कंपोजिट पीएमआई के आंकड़े जारी होंगे.
  • गुरुवार को चीन में महंगाई दर के आंकड़े जारी होंगे.
  • अमेरिका में भी मार्किट सर्विसेस पीएमआई और मार्किट कंपोजिट पीएमआई के आंकड़े सोमवार को ही जारी होंगे.
  • जापान में मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के आंकड़े जारी होंगे.

नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार पर इस सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल का असर देखने को मिलेगा. साथ ही, देश की कुछ प्रमुख कंपनियां चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे घोषित करने वाली हैं, जिससे बाजार की चाल तय होगी. इसके अलावा इस सप्ताह देश-विदेश में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से भी बाजार को दिशा मिलेगी.

इराक में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में शुक्रवार को ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद वैश्विक बाजारों में गिरावट का रुख है. इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका है. विश्व नेता जहां इस घटनाक्रम से चिंतित हैं वहीं ईरान ने अमेरिकी हमले के जवाब में कार्रवाई की धमकी दी है.

ये भी पढ़ें- भारत के आर्थिक सुधार में रोड़ा बनता अमेरिका-ईरान तनाव

उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को आगाह किया कि यदि ईरान बदले की कार्रवाई करता है, तो अमेरिका इसका ऐसा जवाब देगा, जैसा उसने पहले कभी नहीं देखा होगा.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "निकट भविष्य में ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई से बाजार में उतार-चढ़ाव का जोखिम है. हालांकि, कई सकारात्मक पहलू भी हैं जिनपर बाजार का ध्यान रहेगा. अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के करार पर दस्तखत होने हैं. वहीं दिसंबर के तिमाही नतीजों और आम बजट से पहले के घटनाक्रमों से बाजार में तेजी का रुख बन सकता है."

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "बाजार नयी ऊंचाई पर है. भू राजनीतिक तनाव की वजह से निवेशक मुनाफावसूली कर सकते हैं. ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की स्थिति में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आ सकता है."

शुक्रवार को ब्रेंट कच्चा तेल 4.4 प्रतिशत चढ़कर 69.16 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. वहीं उस दिन रुपया 42 पैसे टूटकर डेढ़ माह के निचले स्तर 71.80 प्रति डॉलर पर आ गया. बीते सप्ताह उतार चढ़ाव के बाद बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स अंत में 110.53 अंक या 0.26 प्रतिशत नीचे रहा.

इन घटनाओं पर रहेगी बाजार की नजर

  • वृहद आर्थिक मोर्चे पर सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े इसी सप्ताह आने हैं.
  • घेरलू मोर्चे पर इस सप्ताह से चौथी तिमाही के नतीजे आएंगे.
  • निवेशकों की निगाह ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों और रुपये के उतार-चढ़ाव पर रहेगी.
  • देश के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी सप्ताह के आखिरी सत्र के दौरान शुक्रवार को ही आने वाले हैं.
  • बाजार की नजर, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश के प्रति रुझान पर होगी.
  • इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर होने वाले करार के साथ-साथ अन्य कारकों से विदेशी बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से भारतीय बाजार प्रभावित रहेगा.
  • चीन में सोमवार को दिसंबर महीने के कैक्सिन सर्विसेस पीएमआई और कैक्सिन कंपोजिट पीएमआई के आंकड़े जारी होंगे.
  • गुरुवार को चीन में महंगाई दर के आंकड़े जारी होंगे.
  • अमेरिका में भी मार्किट सर्विसेस पीएमआई और मार्किट कंपोजिट पीएमआई के आंकड़े सोमवार को ही जारी होंगे.
  • जापान में मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के आंकड़े जारी होंगे.
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अमेरिका-ईरान तनाव, तीसरी तिमाही के नतीजों और कच्चे तेल की कीमतों से तय होगी शेयर बाजार की चाल

नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार पर इस सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल का असर देखने को मिलेगा. साथ ही, देश की कुछ प्रमुख कंपनियां चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे घोषित करने वाली हैं, जिससे बाजार की चाल तय होगी. इसके अलावा इस सप्ताह देश-विदेश में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से भी बाजार को दिशा मिलेगी.

इराक में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में शुक्रवार को ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद वैश्विक बाजारों में गिरावट का रुख है. इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका है. विश्व नेता जहां इस घटनाक्रम से चिंतित हैं वहीं ईरान ने अमेरिकी हमले के जवाब में कार्रवाई की धमकी दी है. 

उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को आगाह किया कि यदि ईरान बदले की कार्रवाई करता है, तो अमेरिका इसका ऐसा जवाब देगा, जैसा उसने पहले कभी नहीं देखा होगा. 



क्या कहते हैं एक्सपर्ट

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "निकट भविष्य में ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई से बाजार में उतार-चढ़ाव का जोखिम है. हालांकि, कई सकारात्मक पहलू भी हैं जिनपर बाजार का ध्यान रहेगा. अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के करार पर दस्तखत होने हैं. वहीं दिसंबर के तिमाही नतीजों और आम बजट से पहले के घटनाक्रमों से बाजार में तेजी का रुख बन सकता है." 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "बाजार नयी ऊंचाई पर है. भू राजनीतिक तनाव की वजह से निवेशक मुनाफावसूली कर सकते हैं. ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की स्थिति में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आ सकता है." 

शुक्रवार को ब्रेंट कच्चा तेल 4.4 प्रतिशत चढ़कर 69.16 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. वहीं उस दिन रुपया 42 पैसे टूटकर डेढ़ माह के निचले स्तर 71.80 प्रति डॉलर पर आ गया. बीते सप्ताह उतार चढ़ाव के बाद बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स अंत में 110.53 अंक या 0.26 प्रतिशत नीचे रहा.



इन घटनाओं पर रहेगी बाजार की नजर

वृहद आर्थिक मोर्चे पर सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े इसी सप्ताह आने हैं. 

घेरलू मोर्चे पर इस सप्ताह से चौथी तिमाही के नतीजे आएंगे.

निवेशकों की निगाह ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों और रुपये के उतार-चढ़ाव पर रहेगी. 

देश के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी सप्ताह के आखिरी सत्र के दौरान शुक्रवार को ही आने वाले हैं.

बाजार की नजर, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश के प्रति रुझान पर होगी.

इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर होने वाले करार के साथ-साथ अन्य कारकों से विदेशी बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से भारतीय बाजार प्रभावित रहेगा. 

चीन में सोमवार को दिसंबर महीने के कैक्सिन सर्विसेस पीएमआई और कैक्सिन कंपोजिट पीएमआई के आंकड़े जारी होंगे. 

गुरुवार को चीन में महंगाई दर के आंकड़े जारी होंगे. 

अमेरिका में भी मार्किट सर्विसेस पीएमआई और मार्किट कंपोजिट पीएमआई के आंकड़े सोमवार को ही जारी होंगे. 

जापान में मन्युफैक्च रिंग पीएमआई के आंकड़े जारी होंगे. 


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