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बैंकों में 11 सालों में 2.05 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी: रिजर्व बैंक

आंकड़ों के अनुसार पिछले 11 सालों (2008-2009 से 2018-19 के बीच) में 2.05 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कुल 53,334 मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा 6,811 मामले आईसीआईसीआई बैंक में दर्ज किए गए हैं.

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Published : Jun 13, 2019, 5:32 PM IST

बैंकों में 11 सालों में 2.05 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी: रिजर्व बैंक

नई दिल्ली: देश में पिछले 11 वर्ष में बैंकों में 50,000 से ज्यादा धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए हैं जिनमें कुल 2.05 लाख करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले आईसीआईसीआई बैंक , भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक में दर्ज किए गए हैं.

आंकड़ों के अनुसार पिछले 11 सालों (2008-2009 से 2018-19 के बीच) में 2.05 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कुल 53,334 मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा 6,811 मामले आईसीआईसीआई बैंक में दर्ज किए गए हैं, जिनमें 5,033.81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में केंद्रीय बैंक ने यह आंकड़े दिए हैं.

ये भी पढ़ें- वर्ल्ड कप 2019: इंडिगो फ्लाइट में पायलट कर रहे कमेंट्री, बता रहे क्रिकेट का लाइव स्कोर

आरबीआई ने कहा कि इस दौरान, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में 23,734.74 करोड़ रुपये के 6,793 धोखाधड़ी के मामलों की सूचना है. इसके बाद सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले एचडीएफसी बैंक में दर्ज किए गए हैं. एचडीएफसी बैंक में 1,200.79 करोड़ रुपये के कुल 2,497 धोखाधड़ी के मामले बाहर आए हैं.

बैंक ऑफ बड़ौदा में इस दौरान धोखाधड़ी के मामले गिनती में 2,160 रहे लेकिन इनमें कुल 12,962.96 करोड़ रुपये की राशि की हेराफेरी की गयी. इसी तरह पंजाब नेशनल बैंक में 28,700.74 करोड़ रुपये के 2,047 धोखाधड़ी के मामले और एक्सिस बैंक में कुल 5,301.69 करोड़ रुपये के 1,944 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.

आंकड़ों के मुताबिक बैंक ऑफ इंडिया में धोखाधड़ी के 1,872 मामले (12,358.2 करोड़ रुपये), सिंडीकेट बैंक में 1,783 मामले (5830.85 करोड़ रुपये) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 9041.98 करोड़ रुपये के 1,613 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.

इसी प्रकार आईडीबीआई बैंक लिमिटेड ने 5978.96 करोड़ रुपये के 1,264 मामलों, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने 1221.41 करोड़ रुपये के 1,263 मामलों, कैनरा बैंक ने 5553.38 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,254 मामलों, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 11,830.74 करोड़ रुपये के 1,244 मामलों और कोटक महिंद्रा बैंक ने 430.46 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,213 मामलों की सूचना दी है.

पिछले 11 वर्षों की अवधि के दौरान , इंडियन ओवरसीज बैंक में 12,644.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,115 मामले जबकि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 5,598.23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के ऐसे 1,040 मामले दर्ज किए गए हैं.

इस अवधि के दौरान, भारत में परिचालन करने वाले कुछ विदेशी बैंकों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं. पीटीआई-भाषा ने तीन जून को आरबीआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थाओं में 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामलों की सूचना दी थी.

इससे पहले 2008- 09 में 1,860.09 करोड़ रुपये के कुल 4,372 मामले सामने आए थे. इसके बाद 2009- 10 में 1,998.94 करोड़ रुपये के 4,669 मामले दर्ज किए गए. 2010-11 में 4,534 मामले और 2011-12 में 4,093 मामले दर्ज किए गए हैं, इनमें क्रमश : 3,815.76 करोड़ रुपये और 4,501.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई.

इसी प्रकार, वित्त वर्ष 2012-13 में 8,590.86 करोड़ रुपये के 4,235 मामले , 2013-14 में 10,170.81 करोड़ रुपये के 4,306 मामले और 2014-15 में 19,455.07 करोड़ रुपये के 4,639 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए.

वित्त वर्ष 2015-16 और 2016-17 में क्रमश: 18,698.82 करोड़ रुपये और 23,933.85 करोड़ रुपये मूल्य के 4,693 और 5,076 मामले सामने आए. वहीं, 2017-18 में 41,167.03 करोड़ रुपये के 5,916 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.

नई दिल्ली: देश में पिछले 11 वर्ष में बैंकों में 50,000 से ज्यादा धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए हैं जिनमें कुल 2.05 लाख करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले आईसीआईसीआई बैंक , भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक में दर्ज किए गए हैं.

आंकड़ों के अनुसार पिछले 11 सालों (2008-2009 से 2018-19 के बीच) में 2.05 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कुल 53,334 मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा 6,811 मामले आईसीआईसीआई बैंक में दर्ज किए गए हैं, जिनमें 5,033.81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में केंद्रीय बैंक ने यह आंकड़े दिए हैं.

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आरबीआई ने कहा कि इस दौरान, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में 23,734.74 करोड़ रुपये के 6,793 धोखाधड़ी के मामलों की सूचना है. इसके बाद सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले एचडीएफसी बैंक में दर्ज किए गए हैं. एचडीएफसी बैंक में 1,200.79 करोड़ रुपये के कुल 2,497 धोखाधड़ी के मामले बाहर आए हैं.

बैंक ऑफ बड़ौदा में इस दौरान धोखाधड़ी के मामले गिनती में 2,160 रहे लेकिन इनमें कुल 12,962.96 करोड़ रुपये की राशि की हेराफेरी की गयी. इसी तरह पंजाब नेशनल बैंक में 28,700.74 करोड़ रुपये के 2,047 धोखाधड़ी के मामले और एक्सिस बैंक में कुल 5,301.69 करोड़ रुपये के 1,944 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.

आंकड़ों के मुताबिक बैंक ऑफ इंडिया में धोखाधड़ी के 1,872 मामले (12,358.2 करोड़ रुपये), सिंडीकेट बैंक में 1,783 मामले (5830.85 करोड़ रुपये) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 9041.98 करोड़ रुपये के 1,613 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.

इसी प्रकार आईडीबीआई बैंक लिमिटेड ने 5978.96 करोड़ रुपये के 1,264 मामलों, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने 1221.41 करोड़ रुपये के 1,263 मामलों, कैनरा बैंक ने 5553.38 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,254 मामलों, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 11,830.74 करोड़ रुपये के 1,244 मामलों और कोटक महिंद्रा बैंक ने 430.46 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,213 मामलों की सूचना दी है.

पिछले 11 वर्षों की अवधि के दौरान , इंडियन ओवरसीज बैंक में 12,644.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,115 मामले जबकि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 5,598.23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के ऐसे 1,040 मामले दर्ज किए गए हैं.

इस अवधि के दौरान, भारत में परिचालन करने वाले कुछ विदेशी बैंकों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं. पीटीआई-भाषा ने तीन जून को आरबीआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थाओं में 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामलों की सूचना दी थी.

इससे पहले 2008- 09 में 1,860.09 करोड़ रुपये के कुल 4,372 मामले सामने आए थे. इसके बाद 2009- 10 में 1,998.94 करोड़ रुपये के 4,669 मामले दर्ज किए गए. 2010-11 में 4,534 मामले और 2011-12 में 4,093 मामले दर्ज किए गए हैं, इनमें क्रमश : 3,815.76 करोड़ रुपये और 4,501.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई.

इसी प्रकार, वित्त वर्ष 2012-13 में 8,590.86 करोड़ रुपये के 4,235 मामले , 2013-14 में 10,170.81 करोड़ रुपये के 4,306 मामले और 2014-15 में 19,455.07 करोड़ रुपये के 4,639 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए.

वित्त वर्ष 2015-16 और 2016-17 में क्रमश: 18,698.82 करोड़ रुपये और 23,933.85 करोड़ रुपये मूल्य के 4,693 और 5,076 मामले सामने आए. वहीं, 2017-18 में 41,167.03 करोड़ रुपये के 5,916 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.

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बैंकों में 11 सालों में 2.05 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी: रिजर्व बैंक 

नई दिल्ली: देश में पिछले 11 वर्ष में बैंकों में 50,000 से ज्यादा धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए हैं जिनमें कुल 2.05 लाख करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले आईसीआईसीआई बैंक , भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक में दर्ज किए गए हैं. 

आंकड़ों के अनुसार पिछले 11 सालों (2008-2009 से 2018-19 के बीच) में 2.05 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कुल 53,334 मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा 6,811 मामले आईसीआईसीआई बैंक में दर्ज किए गए हैं , जिनमें 5,033.81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में केंद्रीय बैंक ने यह आंकड़े दिए हैं. 

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आरबीआई ने कहा कि इस दौरान, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में 23,734.74 करोड़ रुपये के 6,793 धोखाधड़ी के मामलों की सूचना है. इसके बाद सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले एचडीएफसी बैंक में दर्ज किए गए हैं. एचडीएफसी बैंक में 1,200.79 करोड़ रुपये के कुल 2,497 धोखाधड़ी के मामले बाहर आए हैं. 

बैंक ऑफ बड़ौदा में इस दौरान धोखाधड़ी के मामले गिनती में 2,160 रहे लेकिन इनमें कुल 12,962.96 करोड़ रुपये की राशि की हेराफेरी की गयी. इसी तरह  पंजाब नेशनल बैंक में 28,700.74 करोड़ रुपये के 2,047 धोखाधड़ी के मामले और एक्सिस बैंक में कुल 5,301.69 करोड़ रुपये के 1,944 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं. 

आंकड़ों के मुताबिक बैंक ऑफ इंडिया में धोखाधड़ी के 1,872 मामले (12,358.2 करोड़ रुपये), सिंडीकेट बैंक में 1,783 मामले (5830.85 करोड़ रुपये) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 9041.98  करोड़ रुपये के 1,613 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं. 

इसी प्रकार आईडीबीआई बैंक लिमिटेड ने 5978.96 करोड़ रुपये के 1,264 मामलों,  स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने 1221.41 करोड़ रुपये के 1,263 मामलों, कैनरा बैंक ने 5553.38 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,254 मामलों, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 11,830.74 करोड़ रुपये के 1,244 मामलों और कोटक महिंद्रा बैंक ने 430.46 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,213 मामलों की सूचना दी है. 

पिछले 11 वर्षों की अवधि के दौरान , इंडियन ओवरसीज बैंक में 12,644.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,115 मामले जबकि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 5,598.23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के ऐसे 1,040 मामले दर्ज किए गए हैं. 

इस अवधि के दौरान, भारत में परिचालन करने वाले कुछ विदेशी बैंकों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं. पीटीआई-भाषा ने तीन जून को आरबीआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थाओं में 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामलों की सूचना दी थी. 

इससे पहले 2008- 09 में 1,860.09 करोड़ रुपये के कुल 4,372 मामले सामने आए थे. इसके बाद 2009- 10 में 1,998.94 करोड़ रुपये के 4,669 मामले दर्ज किए गए. 2010-11 में 4,534 मामले और 2011-12 में 4,093 मामले दर्ज किए गए हैं, इनमें क्रमश : 3,815.76 करोड़ रुपये और 4,501.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई.  

इसी प्रकार, वित्त वर्ष 2012-13 में 8,590.86 करोड़ रुपये के 4,235 मामले , 2013-14 में 10,170.81 करोड़ रुपये के 4,306 मामले और 2014-15 में 19,455.07 करोड़ रुपये के 4,639 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए.    

वित्त वर्ष 2015-16 और 2016-17 में क्रमश: 18,698.82 करोड़ रुपये और 23,933.85 करोड़ रुपये मूल्य के 4,693 और 5,076 मामले सामने आए. वहीं, 2017-18 में 41,167.03 करोड़ रुपये के 5,916 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.


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