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सरकार 2018-19 में राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य को हासिल कर लेगी: गर्ग - अडाणी समूह

आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि भारत में पूंजी घाटे की स्थिति और जल्द ही सरकार ज्यादा से ज्यादा परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण करेगी. हाल ही में सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा परिचालित छह अड्डों को निजीकरण के लिए रखा था.

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग
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Published : Mar 8, 2019, 11:32 PM IST

नई दिल्ली: आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को भरोसा जताया कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य हासिल हो जाएगा क्योंकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट की भरपाई खर्च में कमी से की जाएगी.

गर्ग ने आईवीसीए सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में कहा , "राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य को हासिल करने को लेकर मैं काफी आश्वस्त हूं." अंतरिम बजट 2019-20 के मुताबिक, सरकार ने 31 मार्च को समाप्त चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के 3.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान रखा है. गर्ग ने कहा, "प्रत्यक्ष करों को लेकर इस समय हमारा आकलन है कि हम संशोधित अनुमान के अनुसार ही काम करेंगे. अप्रत्यक्ष करों में कुछ गिरावट आ सकती है. खर्च के मोर्चे पर कुछ बचत हो सकती है. उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर, हमें जहां होना चाहिए, हम वहां हैं."

ये भी पढ़ें-वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता में क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की महत्वपूर्ण भूमिका: दास


गर्ग ने यह भी कहा कि निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी उद्योग में वृद्धि के बिना भारत 7-8 प्रतिशत की दर से नहीं बढ़ सकता है. एक सवाल के जवाब में आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि भारत में पूंजी घाटे की स्थिति और जल्द ही सरकार ज्यादा से ज्यादा परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण करेगी. हाल ही में सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा परिचालित छह अड्डों को निजीकरण के लिए रखा था.

अडाणी समूह इसके लिए सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरा है. एंजल कर विवाद पर गर्ग ने कहा कि नीति निर्माताओं के लिए यह सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण होगा कि वास्तविक स्टार्टअप कंपनियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. संशोधित अनुमानों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह 12 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

बजट में सरकार ने प्रत्यक्ष करों से 2018-19 में 11.50 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने का लक्ष्य रखा था. इसमें कॉरपोरेट कर और आयकर शामिल है. इसी प्रकार, अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर जीएसटी संग्रह को संशोधित करके 6.43 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इससे पहले सरकार ने बजट में जीएसटी से 7.43 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होने का लक्ष्य रखा था.

संशोधित अनुमान के अनुसार, सीमा शुल्क संग्रह के चालू वित्त वर्ष में 1.30 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. कम राजस्व संग्रह के चलते इस साल जनवरी अंत तक राजकोषीय घाटा 2018-19 के लिए रखे गए लक्ष्य के मुकाबले 121.5 प्रतिशत पर पहुंच गया. पूरे वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों में इसे 6.34 लाख करोड़ रुपये पर रखा गया है.

(भाषा)

नई दिल्ली: आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को भरोसा जताया कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य हासिल हो जाएगा क्योंकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट की भरपाई खर्च में कमी से की जाएगी.

गर्ग ने आईवीसीए सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में कहा , "राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य को हासिल करने को लेकर मैं काफी आश्वस्त हूं." अंतरिम बजट 2019-20 के मुताबिक, सरकार ने 31 मार्च को समाप्त चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के 3.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान रखा है. गर्ग ने कहा, "प्रत्यक्ष करों को लेकर इस समय हमारा आकलन है कि हम संशोधित अनुमान के अनुसार ही काम करेंगे. अप्रत्यक्ष करों में कुछ गिरावट आ सकती है. खर्च के मोर्चे पर कुछ बचत हो सकती है. उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर, हमें जहां होना चाहिए, हम वहां हैं."

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गर्ग ने यह भी कहा कि निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी उद्योग में वृद्धि के बिना भारत 7-8 प्रतिशत की दर से नहीं बढ़ सकता है. एक सवाल के जवाब में आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि भारत में पूंजी घाटे की स्थिति और जल्द ही सरकार ज्यादा से ज्यादा परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण करेगी. हाल ही में सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा परिचालित छह अड्डों को निजीकरण के लिए रखा था.

अडाणी समूह इसके लिए सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरा है. एंजल कर विवाद पर गर्ग ने कहा कि नीति निर्माताओं के लिए यह सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण होगा कि वास्तविक स्टार्टअप कंपनियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. संशोधित अनुमानों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह 12 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

बजट में सरकार ने प्रत्यक्ष करों से 2018-19 में 11.50 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने का लक्ष्य रखा था. इसमें कॉरपोरेट कर और आयकर शामिल है. इसी प्रकार, अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर जीएसटी संग्रह को संशोधित करके 6.43 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इससे पहले सरकार ने बजट में जीएसटी से 7.43 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होने का लक्ष्य रखा था.

संशोधित अनुमान के अनुसार, सीमा शुल्क संग्रह के चालू वित्त वर्ष में 1.30 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. कम राजस्व संग्रह के चलते इस साल जनवरी अंत तक राजकोषीय घाटा 2018-19 के लिए रखे गए लक्ष्य के मुकाबले 121.5 प्रतिशत पर पहुंच गया. पूरे वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों में इसे 6.34 लाख करोड़ रुपये पर रखा गया है.

(भाषा)

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सरकार 2018-19 में राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य को हासिल कर लेगी: गर्ग

नई दिल्ली: आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को भरोसा जताया कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य हासिल हो जाएगा क्योंकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट की भरपाई खर्च में कमी से की जाएगी. 

गर्ग ने आईवीसीए सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में कहा , "राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य को हासिल करने को लेकर मैं काफी आश्वस्त हूं." अंतरिम बजट 2019-20 के मुताबिक, सरकार ने 31 मार्च को समाप्त चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के 3.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान रखा है. गर्ग ने कहा, "प्रत्यक्ष करों को लेकर इस समय हमारा आकलन है कि हम संशोधित अनुमान के अनुसार ही काम करेंगे. अप्रत्यक्ष करों में कुछ गिरावट आ सकती है. खर्च के मोर्चे पर कुछ बचत हो सकती है. उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर, हमें जहां होना चाहिए, हम वहां हैं." 

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गर्ग ने यह भी कहा कि निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी उद्योग में वृद्धि के बिना भारत 7-8 प्रतिशत की दर से नहीं बढ़ सकता है. एक सवाल के जवाब में आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि भारत में पूंजी घाटे की स्थिति और जल्द ही सरकार ज्यादा से ज्यादा परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण करेगी. हाल ही में सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा परिचालित छह अड्डों को निजीकरण के लिए रखा था. 

अडाणी समूह इसके लिए सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरा है. एंजल कर विवाद पर गर्ग ने कहा कि नीति निर्माताओं के लिए यह सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण होगा कि वास्तविक स्टार्टअप कंपनियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. संशोधित अनुमानों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह 12 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. 

बजट में सरकार ने प्रत्यक्ष करों से 2018-19 में 11.50 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने का लक्ष्य रखा था. इसमें कॉरपोरेट कर और आयकर शामिल है. इसी प्रकार, अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर जीएसटी संग्रह को संशोधित करके 6.43 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इससे पहले सरकार ने बजट में जीएसटी से 7.43 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होने का लक्ष्य रखा था. 

संशोधित अनुमान के अनुसार, सीमा शुल्क संग्रह के चालू वित्त वर्ष में 1.30 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. कम राजस्व संग्रह के चलते इस साल जनवरी अंत तक राजकोषीय घाटा 2018-19 के लिए रखे गए लक्ष्य के मुकाबले 121.5 प्रतिशत पर पहुंच गया. पूरे वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों में इसे 6.34 लाख करोड़ रुपये पर रखा गया है.

(भाषा) 


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