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कोरोना की वजह से वैश्विक शक्ति बनने की दौड़ में चीन ने भारत को बहुत पीछे धकेल दिया है: रिपोर्ट

सिडनी स्थित लोवी इंस्टीट्यूट के एशिया पावर इंडेक्स 2020 के अनुसार, 2019 में भारत का पावर स्कोर 41.0 था जो 2020 में घटकर 39.7 हो गया है. इस लिस्ट में जिस देश का स्कोर 40 या इससे अधिक होता है उसे दुनिया की प्रमुख शक्ति माना जाता है. पिछले साल भारत उस लिस्ट में शुमार था लेकिन इस साल थोड़े अंको के कारण बाहर हो गया है.

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Published : Oct 20, 2020, 2:58 PM IST

बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत: ऑस्ट्रेलिया स्थित लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा एशिया पॉवर इंडेक्स 2020 के नए रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के प्रकोप के बाद भारत की स्थिती चीन के मुकाबले काफी कमजोर हो गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडो-पैसिफिक के सभी देशों के बीच भारत ने कोरोना वायरस के कारण विकास की क्षमता को खो दिया है. जिससे आने वाले सालों में चीन को पीछे छोड़ना भारत के लिए काफी मुश्किल होगा.

अध्ययन के अनुसंधान प्रमुख और लोवी के एशियन पॉवर एंड डिप्लोमैटिक प्रोग्राम के निदेशक हर्व लेमाहिउ ने कहा, "मौजूदा रुझानों पर भारत पिछले दशक के मुकाबले चीन के आर्थिक उत्पादन का 40 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा."

ये भी पढ़ें- पूरे भारत में 5जी सेवाएं शुरु करने में लग सकते 2.3 लाख करोड़ रुपये: रिपोर्ट

उन्होंने कहा, "ऐसी स्थिति में जहां ज्यादातर देश एक साल पहले की तुलना में कम शक्तिशाली हैं, चीन का कोरोना के बाद तेजी से आर्थिक रुप से मजबूत हो रहा है."

सिडनी स्थित लोवी इंस्टीट्यूट के एशिया पावर इंडेक्स 2020 के अनुसार, 2019 में भारत का पावर स्कोर 41.0 था जो 2020 में घटकर 39.7 हो गया है. इस लिस्ट में जिस देश का स्कोर 40 या इससे अधिक होता है उसे दुनिया की प्रमुख शक्ति माना जाता है. पिछले साल भारत उस लिस्ट में शुमार था लेकिन इस साल थोड़े अंको के कारण बाहर हो गया है.

साल 2018 में लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा शुरू किया गया वार्षिक एशिया पावर इंडेक्स एशिया-प्रशांत में सापेक्ष शक्ति शक्ति वाले देशों के संसाधनों और प्रभाव को मापता है. 2020 के संस्करण में कोरोना महामारी के भू-राजनीतिक परिणामों को भी ध्यान में रखा गया है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौजूदा रूझानों के अनुसार, इस दशक के अंत तक भारत, चीन के कुल आर्थिक उत्पादन का केवल 40 फीसदी ही पहुंच पाएगा. जबकि 2019 के पूर्वानुमान में इसके 50 फीसदी होने की आशा जताई गई थी.

अमेरिका 81.6 के स्कोर के साथ इस क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली देश बना हुआ है, लेकिन 2020 में किसी भी इंडो-पैसिफिक देश की सापेक्ष शक्ति में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. इसके बाद चीन 76.1 और जापान के साथ दूसरे और जापान 41 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है.

इसके अलावा, एशिया पावर इंडेक्स ने यह भी दिखाया कि वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान 2020 में सापेक्ष शक्ति हासिल करने वाले केवल तीन देश थे.

बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत: ऑस्ट्रेलिया स्थित लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा एशिया पॉवर इंडेक्स 2020 के नए रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के प्रकोप के बाद भारत की स्थिती चीन के मुकाबले काफी कमजोर हो गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडो-पैसिफिक के सभी देशों के बीच भारत ने कोरोना वायरस के कारण विकास की क्षमता को खो दिया है. जिससे आने वाले सालों में चीन को पीछे छोड़ना भारत के लिए काफी मुश्किल होगा.

अध्ययन के अनुसंधान प्रमुख और लोवी के एशियन पॉवर एंड डिप्लोमैटिक प्रोग्राम के निदेशक हर्व लेमाहिउ ने कहा, "मौजूदा रुझानों पर भारत पिछले दशक के मुकाबले चीन के आर्थिक उत्पादन का 40 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा."

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उन्होंने कहा, "ऐसी स्थिति में जहां ज्यादातर देश एक साल पहले की तुलना में कम शक्तिशाली हैं, चीन का कोरोना के बाद तेजी से आर्थिक रुप से मजबूत हो रहा है."

सिडनी स्थित लोवी इंस्टीट्यूट के एशिया पावर इंडेक्स 2020 के अनुसार, 2019 में भारत का पावर स्कोर 41.0 था जो 2020 में घटकर 39.7 हो गया है. इस लिस्ट में जिस देश का स्कोर 40 या इससे अधिक होता है उसे दुनिया की प्रमुख शक्ति माना जाता है. पिछले साल भारत उस लिस्ट में शुमार था लेकिन इस साल थोड़े अंको के कारण बाहर हो गया है.

साल 2018 में लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा शुरू किया गया वार्षिक एशिया पावर इंडेक्स एशिया-प्रशांत में सापेक्ष शक्ति शक्ति वाले देशों के संसाधनों और प्रभाव को मापता है. 2020 के संस्करण में कोरोना महामारी के भू-राजनीतिक परिणामों को भी ध्यान में रखा गया है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौजूदा रूझानों के अनुसार, इस दशक के अंत तक भारत, चीन के कुल आर्थिक उत्पादन का केवल 40 फीसदी ही पहुंच पाएगा. जबकि 2019 के पूर्वानुमान में इसके 50 फीसदी होने की आशा जताई गई थी.

अमेरिका 81.6 के स्कोर के साथ इस क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली देश बना हुआ है, लेकिन 2020 में किसी भी इंडो-पैसिफिक देश की सापेक्ष शक्ति में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. इसके बाद चीन 76.1 और जापान के साथ दूसरे और जापान 41 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है.

इसके अलावा, एशिया पावर इंडेक्स ने यह भी दिखाया कि वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान 2020 में सापेक्ष शक्ति हासिल करने वाले केवल तीन देश थे.

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