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कंपनियों की टीवी, एसी, रेफ्रिजरेटर पर जीएसटी दर घटाने की मांग

वर्तमान में 32 इंच से अधिक स्क्रीन आकार के टीवी पर 28 प्रतिशत और 32 इंच अथवा इससे कम स्क्रीन आकार के टीवी पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है.

कंपनियों की टीवी, एसी, रेफ्रिजरेटर पर जीएसटी दर घटाने की मांग
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Published : Jun 19, 2019, 12:22 PM IST

नई दिल्ली: उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक सामान बनाने वाली कंपनियों ने आगामी बजट में बड़ी स्क्रीन के टेलीविजन, एयर कंडिशनर (एसी) और रेफ्रिजरेटर पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर को घटाकर 12 प्रतिशत करने की मांग की है.

टिकाऊ उपभोक्ता सामान बनाने वाले इस उद्योग का मानना है कि ये सामान अब हर घर की जरूरत बन गए हैं और विलासिता की वस्तु नहीं रह गए हैं. इसके अलावा कंपनियां ऐसे आयातित टीवी पैनलों पर लगने वाले उत्पाद शुल्क से भी छूट चाहती हैं, जिन्हें भारत में असेंबल किया जाता है.

सोनी इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील नय्यर से जब पूछा गया कि कंपनी बड़े स्क्रीन के टीवी पर जीएसटी दर में कमी को लेकर आशान्वित है तो उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद कर रहा हूं कि सरकार कुछ करेगी. यह हमारी मांग है."

ये भी पढ़ें- तेल आयात पर अमेरिकी प्रतिबंध : भारत के लिए गुयाना हो सकता है विकल्प

उन्होंने कहा कि जीएसटी दर में कमी का फायदा आखिर में सरकार को ही मिलेगा क्योंकि जितनी ज्यादा संख्या में लोग ये उत्पाद खरीदेंगे, उतना अधिक राजस्व सरकार को मिलेगा.

पैनासोनिक के भारतीय एवं दक्षिण एशियाई कारोबार के प्रमुख मनीष शर्मा ने कहा कि टिकाऊ उपभोग के बड़े सामानों एवं इलेक्ट्रॉनिक सामानों के लिए जीएसटी की दर में कमी की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा, "केंद्रीय बजट 2019 से हमें ऐसे सुधारों की उम्मीद है, जिससे उपभोग और ग्राहकों की मांग बढ़ेगी. टिकाऊ उपभोग वस्तु उद्योग में पिछले साल वृद्धि समान रही थी और हम सरकार से ऐसी सकारात्मक नीतियां लाने का आग्रह करते हैं जिससे क्षेत्र की वृद्धि को बल मिले."

शर्मा ने कहा कि टीवी, रेफ्रिजरेटर एवं एसी जैसे सामान अब विलासिता की वस्तु नहीं रह गए हैं और हर घर की जरूरत बन गए हैं. ऐसे में ग्राहकों की मांग बढ़ाने के लिए उन्हें किफायती बनाना आवश्यक है.

जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची एयर कंडिशनिंग इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन गुरमीत सिंह ने बजट-पूर्व की अपनी उम्मीदों के बारे में कहा, "बजट से हमें बहुत उम्मीदें हैं. उद्योग इस बात को लेकर आशान्वित है कि देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में उठाये गए कदम जारी रहेंगे."

उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग को मजबूत बनाने के लिए भी ठोस कदम उठाना जारी रखेगी.

इससे पहले कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक एंड एपलायंसेस मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) ने इससे पहले एसी पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का आग्रह किया था. संगठन ने स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कल-पुर्जा तंत्र को विकसित करने का भी आग्रह किया.

वर्तमान में 32 इंच से अधिक स्क्रीन आकार के टीवी पर 28 प्रतिशत और 32 इंच अथवा इससे कम स्क्रीन आकार के टीवी पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है. एसोसिसेशन के मुताबिक 32 इंच से अधिक आकार के टीवी पर जीएसटी दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने का लाभ न केवल उद्योग को मिलेगा बल्कि उपभोक्ता को भी इसका फायदा होगा.

नई दिल्ली: उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक सामान बनाने वाली कंपनियों ने आगामी बजट में बड़ी स्क्रीन के टेलीविजन, एयर कंडिशनर (एसी) और रेफ्रिजरेटर पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर को घटाकर 12 प्रतिशत करने की मांग की है.

टिकाऊ उपभोक्ता सामान बनाने वाले इस उद्योग का मानना है कि ये सामान अब हर घर की जरूरत बन गए हैं और विलासिता की वस्तु नहीं रह गए हैं. इसके अलावा कंपनियां ऐसे आयातित टीवी पैनलों पर लगने वाले उत्पाद शुल्क से भी छूट चाहती हैं, जिन्हें भारत में असेंबल किया जाता है.

सोनी इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील नय्यर से जब पूछा गया कि कंपनी बड़े स्क्रीन के टीवी पर जीएसटी दर में कमी को लेकर आशान्वित है तो उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद कर रहा हूं कि सरकार कुछ करेगी. यह हमारी मांग है."

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उन्होंने कहा कि जीएसटी दर में कमी का फायदा आखिर में सरकार को ही मिलेगा क्योंकि जितनी ज्यादा संख्या में लोग ये उत्पाद खरीदेंगे, उतना अधिक राजस्व सरकार को मिलेगा.

पैनासोनिक के भारतीय एवं दक्षिण एशियाई कारोबार के प्रमुख मनीष शर्मा ने कहा कि टिकाऊ उपभोग के बड़े सामानों एवं इलेक्ट्रॉनिक सामानों के लिए जीएसटी की दर में कमी की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा, "केंद्रीय बजट 2019 से हमें ऐसे सुधारों की उम्मीद है, जिससे उपभोग और ग्राहकों की मांग बढ़ेगी. टिकाऊ उपभोग वस्तु उद्योग में पिछले साल वृद्धि समान रही थी और हम सरकार से ऐसी सकारात्मक नीतियां लाने का आग्रह करते हैं जिससे क्षेत्र की वृद्धि को बल मिले."

शर्मा ने कहा कि टीवी, रेफ्रिजरेटर एवं एसी जैसे सामान अब विलासिता की वस्तु नहीं रह गए हैं और हर घर की जरूरत बन गए हैं. ऐसे में ग्राहकों की मांग बढ़ाने के लिए उन्हें किफायती बनाना आवश्यक है.

जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची एयर कंडिशनिंग इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन गुरमीत सिंह ने बजट-पूर्व की अपनी उम्मीदों के बारे में कहा, "बजट से हमें बहुत उम्मीदें हैं. उद्योग इस बात को लेकर आशान्वित है कि देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में उठाये गए कदम जारी रहेंगे."

उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग को मजबूत बनाने के लिए भी ठोस कदम उठाना जारी रखेगी.

इससे पहले कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक एंड एपलायंसेस मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) ने इससे पहले एसी पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का आग्रह किया था. संगठन ने स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कल-पुर्जा तंत्र को विकसित करने का भी आग्रह किया.

वर्तमान में 32 इंच से अधिक स्क्रीन आकार के टीवी पर 28 प्रतिशत और 32 इंच अथवा इससे कम स्क्रीन आकार के टीवी पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है. एसोसिसेशन के मुताबिक 32 इंच से अधिक आकार के टीवी पर जीएसटी दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने का लाभ न केवल उद्योग को मिलेगा बल्कि उपभोक्ता को भी इसका फायदा होगा.

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कंपनियों की टीवी, एसी, रेफ्रिजरेटर पर जीएसटी दर घटाने की मांग

नई दिल्ली: उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक सामान बनाने वाली कंपनियों ने आगामी बजट में बड़ी स्क्रीन के टेलीविजन, एयर कंडिशनर (एसी) और रेफ्रिजरेटर पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर को घटाकर 12 प्रतिशत करने की मांग की है.

टिकाऊ उपभोक्ता सामान बनाने वाले इस उद्योग का मानना है कि ये सामान अब हर घर की जरूरत बन गए हैं और विलासिता की वस्तु नहीं रह गए हैं. इसके अलावा कंपनियां ऐसे आयातित टीवी पैनलों पर लगने वाले उत्पाद शुल्क से भी छूट चाहती हैं, जिन्हें भारत में असेंबल किया जाता है.

सोनी इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील नय्यर से जब पूछा गया कि कंपनी बड़े स्क्रीन के टीवी पर जीएसटी दर में कमी को लेकर आशान्वित है तो उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद कर रहा हूं कि सरकार कुछ करेगी. यह हमारी मांग है."

उन्होंने कहा कि जीएसटी दर में कमी का फायदा आखिर में सरकार को ही मिलेगा क्योंकि जितनी ज्यादा संख्या में लोग ये उत्पाद खरीदेंगे, उतना अधिक राजस्व सरकार को मिलेगा.

पैनासोनिक के भारतीय एवं दक्षिण एशियाई कारोबार के प्रमुख मनीष शर्मा ने कहा कि टिकाऊ उपभोग के बड़े सामानों एवं इलेक्ट्रॉनिक सामानों के लिए जीएसटी की दर में कमी की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा, "केंद्रीय बजट 2019 से हमें ऐसे सुधारों की उम्मीद है, जिससे उपभोग और ग्राहकों की मांग बढ़ेगी. टिकाऊ उपभोग वस्तु उद्योग में पिछले साल वृद्धि समान रही थी और हम सरकार से ऐसी सकारात्मक नीतियां लाने का आग्रह करते हैं जिससे क्षेत्र की वृद्धि को बल मिले."

शर्मा ने कहा कि टीवी, रेफ्रिजरेटर एवं एसी जैसे सामान अब विलासिता की वस्तु नहीं रह गए हैं और हर घर की जरूरत बन गए हैं. ऐसे में ग्राहकों की मांग बढ़ाने के लिए उन्हें किफायती बनाना आवश्यक है.

जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची एयर कंडिशनिंग इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन गुरमीत सिंह ने बजट-पूर्व की अपनी उम्मीदों के बारे में कहा, "बजट से हमें बहुत उम्मीदें हैं. उद्योग इस बात को लेकर आशान्वित है कि देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में उठाये गए कदम जारी रहेंगे."

उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग को मजबूत बनाने के लिए भी ठोस कदम उठाना जारी रखेगी.

इससे पहले कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक एंड एपलायंसेस मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) ने इससे पहले एसी पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का आग्रह किया था. संगठन ने स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कल-पुर्जा तंत्र को विकसित करने का भी आग्रह किया.

वर्तमान में 32 इंच से अधिक स्क्रीन आकार के टीवी पर 28 प्रतिशत और 32 इंच अथवा इससे कम स्क्रीन आकार के टीवी पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है. एसोसिसेशन के मुताबिक 32 इंच से अधिक आकार के टीवी पर जीएसटी दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने का लाभ न केवल उद्योग को मिलेगा बल्कि उपभोक्ता को भी इसका फायदा होगा. 


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