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ऑटो कलपुर्जा निर्माताओं को डर, आयात निकासी में देरी से प्रभावित हो सकता है वाहन उत्पादन - china

ऑटोमोटिव कंमोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) के मुताबिक चीन से आयात की खेप की पूरी तरह मैनुअल निरीक्षण के अधीन है, जिसके चलते निकासी में देरी हो रही है.

ऑटो कलपुर्जा निर्माताओं को डर, आयात निकासी में देरी से प्रभावित हो सकता है वाहन उत्पादन
ऑटो कलपुर्जा निर्माताओं को डर, आयात निकासी में देरी से प्रभावित हो सकता है वाहन उत्पादन
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Published : Jun 29, 2020, 10:55 PM IST

नई दिल्ली: ऑटो कलपुर्जा उद्योग की संस्था एसीएमए ने सोमवार को चीन से आयात की समय से निकासी की इच्छा जताई और कहा कि ऐसी वस्तुओं की निकासी में देरी से देश भर में वाहन विनिर्माण बाधित हो सकता है.

ऑटोमोटिव कंमोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) के मुताबिक चीन से आयात की खेप की पूरी तरह मैनुअल निरीक्षण के अधीन है, जिसके चलते निकासी में देरी हो रही है.

एसीएमए के अध्यक्ष दीपक जैन ने कहा, "मोटरवाहन मूल्य श्रृंखला अत्यधिक जटिल, एकीकृत और एक-दूसरे पर निर्भर है। एक भी घटक के उपलब्ध नहीं होने पर वाहन विनिर्माण की पूरी प्रक्रिया रूक सकती है."

उन्होंने कहा कि चीन से आयात किए जाने वाले कुछ कलपुर्जे बेहद महत्वपूर्ण हैं, जैसे इंजन के हिस्से और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, जिनके लिए घरेलू ऑटो कलपुर्जा उद्योग को क्षमता विकसित करना बाकी है.

जैन ने कहा कि लॉकडाउन के बाद वाहनों की बिक्री में वृद्धि के साथ ही कलपुर्जा उद्योग में उत्पादन धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है और ऐसे में यह उद्योग और अर्थव्यवस्था के हित में है कि आगे किसी भी तरह के व्यवधान से बचा जाए.

ये भी पढ़ें: जियो से 62 लाख नए यूजर जुड़े, एयरटेल से 9 लाख

उन्होंने कहा कि ऑटो कलपुर्जा उद्योग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना 'आत्म-निर्भर भारत' के लिए प्रतिबद्ध है.

आधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर पड़ोसी देश से आने वाली सभी खेपों का भौतिक निरीक्षण शुरू कर दिया है. सूत्रों ने आगे कहा कि भौतिक निरीक्षण के कारण माल निकासी में देरी हो रही है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: ऑटो कलपुर्जा उद्योग की संस्था एसीएमए ने सोमवार को चीन से आयात की समय से निकासी की इच्छा जताई और कहा कि ऐसी वस्तुओं की निकासी में देरी से देश भर में वाहन विनिर्माण बाधित हो सकता है.

ऑटोमोटिव कंमोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) के मुताबिक चीन से आयात की खेप की पूरी तरह मैनुअल निरीक्षण के अधीन है, जिसके चलते निकासी में देरी हो रही है.

एसीएमए के अध्यक्ष दीपक जैन ने कहा, "मोटरवाहन मूल्य श्रृंखला अत्यधिक जटिल, एकीकृत और एक-दूसरे पर निर्भर है। एक भी घटक के उपलब्ध नहीं होने पर वाहन विनिर्माण की पूरी प्रक्रिया रूक सकती है."

उन्होंने कहा कि चीन से आयात किए जाने वाले कुछ कलपुर्जे बेहद महत्वपूर्ण हैं, जैसे इंजन के हिस्से और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, जिनके लिए घरेलू ऑटो कलपुर्जा उद्योग को क्षमता विकसित करना बाकी है.

जैन ने कहा कि लॉकडाउन के बाद वाहनों की बिक्री में वृद्धि के साथ ही कलपुर्जा उद्योग में उत्पादन धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है और ऐसे में यह उद्योग और अर्थव्यवस्था के हित में है कि आगे किसी भी तरह के व्यवधान से बचा जाए.

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उन्होंने कहा कि ऑटो कलपुर्जा उद्योग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना 'आत्म-निर्भर भारत' के लिए प्रतिबद्ध है.

आधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर पड़ोसी देश से आने वाली सभी खेपों का भौतिक निरीक्षण शुरू कर दिया है. सूत्रों ने आगे कहा कि भौतिक निरीक्षण के कारण माल निकासी में देरी हो रही है.

(पीटीआई-भाषा)

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