मुंबई : शेयर बाजारों में गुरुवार को बड़ी गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 1,159 अंक लुढ़क गया. शेयर बाजार में छह महीने में किसी एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है. वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख और कंपनियों के उम्मीद के अनुरूप वित्तीय परिणाम नहीं रहने के बीच वायदा एवं विकल्प खंड में सौदे के निपटान के अंतिम दिन निवेशकों की बिकवाली से बाजार नीचे आया.
बैंक, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों और ऊर्जा शेयरों में भारी बिकवाली दबाव रहा. मिडकैप और समॉलकैप (मझोली और छोटी कंपनियां) भी भारी नुकसान में रहे. बाजार में दूसरे दिन गिरावट रही और तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 1,158.63 अंक यानी 1.89 प्रतिशत का गोता लगाकर 59,984.70 अंक पर बंद हुआ. यह इस साल 12 अप्रैल के बाद सबसे बड़ी गिरावट है. उस दिन सेंसेक्स 1,708 अंक टूटा था. इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 353.70 अंक यानी 1.94 प्रतिशत लुढ़क कर 17,857.25 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के शेयरों में आईटीसी 5.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में रहा. कंपनी का बुधवार को जारी वित्तीय परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने से शेयर नीचे आया. आईटीसी के शुद्ध लाभ में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 10.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक, एक्सिस बैंक, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. इनमें 4.39 प्रतिशत तक की गिरावट आई. दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक, एल एंड टी, अल्ट्राटेक सीमेंट, एशियन पेंट्स , मारुति और बजाज फाइनेंस लाभ में रहे.
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से केवल छह शेयर ही लाभ में रहे. बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को 4.82 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी. बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,60,48,949.80 करोड़ रुपये पर आ गया. रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, 'कमजोर वैश्विक रुख के साथ मुख्य रूप से वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों के निपटान के अंतिम दिन खासकर वित्तीय शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया.' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'मंदड़िये बाजार पर लगातार हावी हैं. यूरोपीय सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले एशियाई और यूरोपीय बाजारों में कमजोर रुख का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा.'
उन्होंने कहा, 'वैश्विक स्तर पर निवेशकों को अमेरिका में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) आंकड़े का इंतजार है. यह आज जारी किया जाएगा. इसके अलावा उन्हें फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे की भी प्रतीक्षा है जो अगले सप्ताह आएगा.' एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान के निक्की में गिरावट रही.
यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में भी दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख रहा. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.11 प्रतिशत फिसलकर 82.94 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे की तेजी के साथ 74.92 पर बंद हुआ. शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 1,913.36 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
मुंबई : शेयर बाजारों में गुरुवार को बड़ी गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 1,159 अंक लुढ़क गया. शेयर बाजार में छह महीने में किसी एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है. वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख और कंपनियों के उम्मीद के अनुरूप वित्तीय परिणाम नहीं रहने के बीच वायदा एवं विकल्प खंड में सौदे के निपटान के अंतिम दिन निवेशकों की बिकवाली से बाजार नीचे आया.
बैंक, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों और ऊर्जा शेयरों में भारी बिकवाली दबाव रहा. मिडकैप और समॉलकैप (मझोली और छोटी कंपनियां) भी भारी नुकसान में रहे. बाजार में दूसरे दिन गिरावट रही और तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 1,158.63 अंक यानी 1.89 प्रतिशत का गोता लगाकर 59,984.70 अंक पर बंद हुआ. यह इस साल 12 अप्रैल के बाद सबसे बड़ी गिरावट है. उस दिन सेंसेक्स 1,708 अंक टूटा था. इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 353.70 अंक यानी 1.94 प्रतिशत लुढ़क कर 17,857.25 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के शेयरों में आईटीसी 5.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में रहा. कंपनी का बुधवार को जारी वित्तीय परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने से शेयर नीचे आया. आईटीसी के शुद्ध लाभ में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 10.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक, एक्सिस बैंक, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. इनमें 4.39 प्रतिशत तक की गिरावट आई. दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक, एल एंड टी, अल्ट्राटेक सीमेंट, एशियन पेंट्स , मारुति और बजाज फाइनेंस लाभ में रहे.
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से केवल छह शेयर ही लाभ में रहे. बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को 4.82 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी. बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,60,48,949.80 करोड़ रुपये पर आ गया. रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, 'कमजोर वैश्विक रुख के साथ मुख्य रूप से वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों के निपटान के अंतिम दिन खासकर वित्तीय शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया.' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'मंदड़िये बाजार पर लगातार हावी हैं. यूरोपीय सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले एशियाई और यूरोपीय बाजारों में कमजोर रुख का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा.'
उन्होंने कहा, 'वैश्विक स्तर पर निवेशकों को अमेरिका में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) आंकड़े का इंतजार है. यह आज जारी किया जाएगा. इसके अलावा उन्हें फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे की भी प्रतीक्षा है जो अगले सप्ताह आएगा.' एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान के निक्की में गिरावट रही.
यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में भी दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख रहा. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.11 प्रतिशत फिसलकर 82.94 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे की तेजी के साथ 74.92 पर बंद हुआ. शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 1,913.36 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
(इनपुट-पीटीआई)