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सेना ने माना, आईएलएंडएफएस बांड में फंसा एजीआईएफ का पैसा - बिजनेस न्यूज

सेना के पीआरओ ने आखिरकार सवालों का जबाव देते हुए कहा कि आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (एजीआईएफ) के काफी सख्त निवेश नियम हैं. देश के अत्यंत सम्मानित व प्रख्यात वित्तीय शख्सियतों की सलाह पर निवेश किया जाता है.

सेना ने माना, आईएलएंडएफएस बांड में फंसा एजीआईएफ का पैसा
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Published : Mar 19, 2019, 6:32 PM IST

Updated : Mar 19, 2019, 9:03 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय सेना जो पहले यह मानने को तैयार नहीं थी कि उनके कल्याण की निधि का पैसा आईएनएंडएफएस के विषैले बांड में फंस गया है, जबकि आईएनएस इस बात को बार-बार दोहराता रहा, लेकिन अब वह स्वीकार करती है कि यह विश्लेषण सही है.

सेना के पीआरओ ने आखिरकार सवालों का जबाव देते हुए कहा कि आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (एजीआईएफ) के काफी सख्त निवेश नियम हैं. देश के अत्यंत सम्मानित व प्रख्यात वित्तीय शख्सियतों की सलाह पर निवेश किया जाता है. इससे पहले सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मोहित वैष्णव मसले को उलझाते रहे और जवाब नहीं दिए थे.

ये भी पढ़ें-रीयल एस्टेट क्षेत्र पर जीएसटी के नए कर ढांचे की अनुपालन योजना को जीएसटी परिषद की मंजूरी

सेना का हालिया बयान तथ्यों के साथ इस प्रकार है :

  • एजीआईएफ का वर्षो से रिटर्न निर्धारित जोखिम लाभ सांचे में काफी बेहतर रहा.
  • एजीआईएफ को 200 से कोई एनपीए नहीं रहा. इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएनएंडएफएस) ट्रिपल 'ए' रेटेड कंपनी थी और जब एजीआईएफ का निवेश हुआ उस समय उसे केंद्र व राज्य सरकारों दोनों की मदद मिली थी. कंपनी अगस्त 2018 में अचानक चूक के कारण ट्रिपल 'ए' से नीचे आ गई.
  • आईएएलएंडएफएस के 91,000 करोड़ के कर्ज में बैंकों का 63 फीसदी, म्यूचुअल फंड का तीन फीसदी से ज्यादा और बीमा कंपनियों, ईपीएफ वे पेंशन निधि का पांच फीसदी से ज्यादा फंस गया है.
  • बैंक/एएमसी/पेंशन निधि के मुकाबले एजीआईएफ की रकम अत्यल्प (0.5 फीसदी से कम) है. सारा कुछ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और समाचार एजेंसी का कहना है कि आईएलएंडएफएस बांड में एजीआईएफ की 210 करोड़ रुपये की रकम फंस गई है.

(आईएएनएस विशेष)

नई दिल्ली: भारतीय सेना जो पहले यह मानने को तैयार नहीं थी कि उनके कल्याण की निधि का पैसा आईएनएंडएफएस के विषैले बांड में फंस गया है, जबकि आईएनएस इस बात को बार-बार दोहराता रहा, लेकिन अब वह स्वीकार करती है कि यह विश्लेषण सही है.

सेना के पीआरओ ने आखिरकार सवालों का जबाव देते हुए कहा कि आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (एजीआईएफ) के काफी सख्त निवेश नियम हैं. देश के अत्यंत सम्मानित व प्रख्यात वित्तीय शख्सियतों की सलाह पर निवेश किया जाता है. इससे पहले सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मोहित वैष्णव मसले को उलझाते रहे और जवाब नहीं दिए थे.

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सेना का हालिया बयान तथ्यों के साथ इस प्रकार है :

  • एजीआईएफ का वर्षो से रिटर्न निर्धारित जोखिम लाभ सांचे में काफी बेहतर रहा.
  • एजीआईएफ को 200 से कोई एनपीए नहीं रहा. इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएनएंडएफएस) ट्रिपल 'ए' रेटेड कंपनी थी और जब एजीआईएफ का निवेश हुआ उस समय उसे केंद्र व राज्य सरकारों दोनों की मदद मिली थी. कंपनी अगस्त 2018 में अचानक चूक के कारण ट्रिपल 'ए' से नीचे आ गई.
  • आईएएलएंडएफएस के 91,000 करोड़ के कर्ज में बैंकों का 63 फीसदी, म्यूचुअल फंड का तीन फीसदी से ज्यादा और बीमा कंपनियों, ईपीएफ वे पेंशन निधि का पांच फीसदी से ज्यादा फंस गया है.
  • बैंक/एएमसी/पेंशन निधि के मुकाबले एजीआईएफ की रकम अत्यल्प (0.5 फीसदी से कम) है. सारा कुछ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और समाचार एजेंसी का कहना है कि आईएलएंडएफएस बांड में एजीआईएफ की 210 करोड़ रुपये की रकम फंस गई है.

(आईएएनएस विशेष)

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सेना ने माना, आईएलएंडएफएस बांड में फंसा एजीआईएफ का पैसा

नई दिल्ली: भारतीय सेना जो पहले यह मानने को तैयार नहीं थी कि उनके कल्याण की निधि का पैसा आईएनएंडएफएस के विषैले बांड में फंस गया है, जबकि आईएनएस इस बात को बार-बार दोहराता रहा, लेकिन अब वह स्वीकार करती है कि यह विश्लेषण सही है.

सेना के पीआरओ ने आखिरकार सवालों का जबाव देते हुए कहा कि आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (एजीआईएफ) के काफी सख्त निवेश नियम हैं. देश के अत्यंत सम्मानित व प्रख्यात वित्तीय शख्सियतों की सलाह पर निवेश किया जाता है. इससे पहले सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मोहित वैष्णव मसले को उलझाते रहे और जवाब नहीं दिए थे.

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एजीआईएफ का वर्षो से रिटर्न निर्धारित जोखिम लाभ सांचे में काफी बेहतर रहा.

एजीआईएफ को 200 से कोई एनपीए नहीं रहा. इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएनएंडएफएस) ट्रिपल 'ए' रेटेड कंपनी थी और जब एजीआईएफ का निवेश हुआ उस समय उसे केंद्र व राज्य सरकारों दोनों की मदद मिली थी. कंपनी अगस्त 2018 में अचानक चूक के कारण ट्रिपल 'ए' से नीचे आ गई.

आईएएलएंडएफएस के 91,000 करोड़ के कर्ज में बैंकों का 63 फीसदी, म्यूचुअल फंड का तीन फीसदी से ज्यादा और बीमा कंपनियों, ईपीएफ वे पेंशन निधि का पांच फीसदी से ज्यादा फंस गया है.

बैंक/एएमसी/पेंशन निधि के मुकाबले एजीआईएफ की रकम अत्यल्प (0.5 फीसदी से कम) है. सारा कुछ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और समाचार एजेंसी का कहना है कि आईएलएंडएफएस बांड में एजीआईएफ की 210 करोड़ रुपये की रकम फंस गई है.



(आईएएनएस विशेष)


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Last Updated : Mar 19, 2019, 9:03 PM IST
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