नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर की नीति विंग ने सभी प्रमुख मुख्य आयुक्तों को राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर शिकायत निवारण समितियों के गठन का निर्देश दिया है. इसमें मुख्य कर आयुक्त और केंद्रीय कर के मुख्य आयुक्त समितियों के सह-अध्यक्ष होंगे.
इस निवारण समिति में विभिन्न व्यापार संघों के प्रतिनिधि, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कर अधिवक्ता, कर व्यवसायी, आईटी शिकायत निवारण समिति के नोडल अधिकारी और संबंधित क्षेत्र या राज्य को संभालने वाले जीएसटी नेटवर्क के प्रतिनिधि जैसे कर पेशेवरों के प्रमुख संगठन होंगे.
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जीआरसी का गठन दो साल की अवधि के लिए किया जाएगा. पर्याप्त कारणों के बिना लगातार तीन बैठकों के लिए अनुपस्थित रहने पर समिति के किसी भी सदस्य को वापस निकाल दिया जाएगा और उसके स्थान पर नए को लाया जाएगा.
एक हफ्ते पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 38वीं बैठक में तकनीकी गड़बड़ियों के मुद्दे को सुलझाने के लिए जीआरसी का गठन करने का निर्णय लिया गया था.
खुशखबरी! जीएसटी से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए समितियों का होगा गठन
जीआरसी का गठन दो साल की अवधि के लिए किया जाएगा. पर्याप्त कारणों के बिना लगातार तीन बैठकों के लिए अनुपस्थित रहने पर समिति के किसी भी सदस्य को वापस निकाल दिया जाएगा और उसके स्थान पर नए को लाया जाएगा.
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर की नीति विंग ने सभी प्रमुख मुख्य आयुक्तों को राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर शिकायत निवारण समितियों के गठन का निर्देश दिया है. इसमें मुख्य कर आयुक्त और केंद्रीय कर के मुख्य आयुक्त समितियों के सह-अध्यक्ष होंगे.
इस निवारण समिति में विभिन्न व्यापार संघों के प्रतिनिधि, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कर अधिवक्ता, कर व्यवसायी, आईटी शिकायत निवारण समिति के नोडल अधिकारी और संबंधित क्षेत्र या राज्य को संभालने वाले जीएसटी नेटवर्क के प्रतिनिधि जैसे कर पेशेवरों के प्रमुख संगठन होंगे.
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जीआरसी का गठन दो साल की अवधि के लिए किया जाएगा. पर्याप्त कारणों के बिना लगातार तीन बैठकों के लिए अनुपस्थित रहने पर समिति के किसी भी सदस्य को वापस निकाल दिया जाएगा और उसके स्थान पर नए को लाया जाएगा.
एक हफ्ते पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 38वीं बैठक में तकनीकी गड़बड़ियों के मुद्दे को सुलझाने के लिए जीआरसी का गठन करने का निर्णय लिया गया था.
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नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर की नीति विंग ने सभी प्रमुख मुख्य आयुक्तों को राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर शिकायत निवारण समितियों के गठन का निर्देश दिया है. इसमें मुख्य कर आयुक्त और केंद्रीय कर के मुख्य आयुक्त समितियों के सह-अध्यक्ष होंगे.
एक निवारण समिति में विभिन्न व्यापार संघों के प्रतिनिधि, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कर अधिवक्ता, कर व्यवसायी, आईटी शिकायत निवारण समिति के नोडल अधिकारी और संबंधित क्षेत्र या राज्य को संभालने वाले जीएसटी नेटवर्क के प्रतिनिधि जैसे कर पेशेवरों के प्रमुख संगठन होंगे.
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जीआरसी का गठन दो साल की अवधि के लिए किया जाएगा. पर्याप्त कारणों के बिना लगातार तीन बैठकों के लिए अनुपस्थित रहने पर समिति के किसी भी सदस्य को वापस निकाल दिया जाएगा और उसके स्थान पर नए को लाया जाएगा.
एक हफ्ते पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 38वीं बैठक में तकनीकी गड़बड़ियों के मुद्दे को सुलझाने के लिए जीआरसी का गठन करने का निर्णय लिया गया था.
Conclusion: