नई दिल्ली: देश के स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) और अन्य निकायों को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन से मिलने वाले धन को विदेशी स्रोत से मिला धन नहीं माना जाएगा और उसे विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) से छूट मिलेगी.
गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी. मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, "अंतर्राष्ट्रीय सौर संगठन को अब एनजीओ तथा अन्य निकायों के वित्तपोषण के मामले में विदेशी स्रोत नहीं माना जाएगा."
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मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह निर्णय ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ाने का लक्ष्य पाने में मदद करने के भारत के प्रयासों के तहत लिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांसिस होलांदे ने 2015 में पेरिस में संयुक्त तौर पर अंतर्राष्ट्रीय सौर संगठन की शुरुआत की थी. अभी 121 देश इससे जुड़ चुके हैं. इसका मुख्यालय गुरुग्राम में स्थित है.
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन से मिलने वाले वित्तपोषण को एफसीआरए के दायरे से बाहर किया गया - राष्ट्रपति फ्रांसिस होलांदे
गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी. मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, "अंतर्राष्ट्रीय सौर संगठन को अब एनजीओ तथा अन्य निकायों के वित्तपोषण के मामले में विदेशी स्रोत नहीं माना जाएगा."
नई दिल्ली: देश के स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) और अन्य निकायों को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन से मिलने वाले धन को विदेशी स्रोत से मिला धन नहीं माना जाएगा और उसे विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) से छूट मिलेगी.
गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी. मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, "अंतर्राष्ट्रीय सौर संगठन को अब एनजीओ तथा अन्य निकायों के वित्तपोषण के मामले में विदेशी स्रोत नहीं माना जाएगा."
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मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह निर्णय ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ाने का लक्ष्य पाने में मदद करने के भारत के प्रयासों के तहत लिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांसिस होलांदे ने 2015 में पेरिस में संयुक्त तौर पर अंतर्राष्ट्रीय सौर संगठन की शुरुआत की थी. अभी 121 देश इससे जुड़ चुके हैं. इसका मुख्यालय गुरुग्राम में स्थित है.
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन से मिलने वाले वित्तपोषण को एफसीआरए के दायरे से बाहर किया गया
नई दिल्ली: देश के स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) और अन्य निकायों को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन से मिलने वाले धन को विदेशी स्रोत से मिला धन नहीं माना जाएगा और उसे विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) से छूट मिलेगी.
गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी. मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, "अंतरराष्ट्रीय सौर संगठन को अब एनजीओ तथा अन्य निकायों के वित्तपोषण के मामले में विदेशी स्रोत नहीं माना जाएगा."
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मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह निर्णय ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ाने का लक्ष्य पाने में मदद करने के भारत के प्रयासों के तहत लिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांसिस होलांदे ने 2015 में पेरिस में संयुक्त तौर पर अंतरराष्ट्रीय सौर संगठन की शुरुआत की थी. अभी 121 देश इससे जुड़ चुके हैं. इसका मुख्यालय गुरुग्राम में स्थित है.
Conclusion: