नई दिल्ली : निर्माण और तोड़-फोड़ कार्यों से उत्पन्न धूल और संबंधित वायु प्रदूषण को समाप्त करने की दृष्टि से, दिल्ली एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को निर्देश दिया है कि वे एनसीआर में विशेष टीमों का गठन करें और निर्माण व तोड़-फोड़ (सीएंडडी) कार्यों वाले परिसरों, कार्यविधि और इससे संबंधित सामग्रियों को ले जाने का निरीक्षण करने की मुहिम शुरू करें.
इन एजेंसियों ने 24 दिसंबर, 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक लगभग 227 टीमों का गठन कर तेज मुहिम चलाई. इन टीमों ने 3,000 से अधिक सी एंड डी निर्माण स्थलों की अचानक जांच और निरीक्षण किया, जिनमें से लगभग 386 निर्माण स्थल ऐसे पाए गए, जो विभिन्न सी एंड डी कचरा प्रबंधन नियमों / दिशानिर्देशों और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित धूल शमन उपायों का पालन नहीं कर रहे थे.
इसके अलावा, 12 स्थानों पर काम रोकने का आदेश देने के अलावा भुगतान नहीं करने वाली एजेंसियों के खिलाफ 1.59 करोड़ रुपये की राशि का पर्यावरण दंड लगाया गया.
निरीक्षण दल ने सी एंड डी कार्यों से संबंधित सामग्रियों को ले जाने संबंधी अनुपालन भी देखा. लगभग 325 वाहन, सी एंड डी सामग्री को ले जाने से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए नहीं पाए गए, उन पर लगभग 1.17 करोड़ रुपये का पर्यावरण दंड लगाया गया.
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सी एंड डी कचरा प्रबंधन नियमों और सी एंड डी क्षेत्र से धूल प्रदूषण रोकने के लिए संबंधित दिशानिर्देशों का पालन जारी रखने के लिए हर पखवाड़े में इस तरह की मुहिम चलाए जाने की योजना है, धूल प्रदूषण से क्षेत्र में वायु गुणवत्ता खराब होती है.