ETV Bharat / business

कैट का आरोप, फेस्टिवल सेल के जरिये जीएसटी का चूना लगा रही हैं ई-कॉमर्स कंपनियां

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे पत्र में कैट ने कहा कि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कई ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा शुरू की गई फेस्टिवल सेल में बिक्री के दौरान जीएसटी कम कर लगाया जा रहा है. इससे सरकार को जीएसटी राजस्व का नुकसान हो रहा है.

कैट का आरोप, फेस्टिवल सेल के जरिये जीएसटी का चूना लगा रही हैं ई-कॉमर्स कंपनियां
author img

By

Published : Sep 29, 2019, 7:45 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 12:20 PM IST

नई दिल्ली: व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आरोप लगाया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां त्योहारी सीजन की सेल के जरिये सरकार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का चूना लगा रही हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे पत्र में कैट ने कहा कि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कई ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा शुरू की गई फेस्टिवल सेल में बिक्री के दौरान जीएसटी कम कर लगाया जा रहा है. इससे सरकार को जीएसटी राजस्व का नुकसान हो रहा है.

वित्त मंत्री को दिए ज्ञापन में कैट ने कहा कि अन्य ई कॉमर्स कंपनियों के अलावा विशेष रूप से अमेजन और फ्लिपकार्ट की 'फेस्टिवल सेल' शुरू हो गई है, जो सरकार की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उल्लंघन है.

ये भी पढ़ें: भारत में 100 अरब डॉलर निवेश करने पर विचार कर रहा है सऊदी अरब

कैट ने कहा कि अगर कोई व्यापारी अपने व्यवसाय के दौरान थोड़ी सी भी गलती करता है, तो उस पर कार्रवाई की जाती है लेकिन ये ई कॉमर्स कंपनियां जो केवल बिजनेस टू बिजनेस (बी 2 बी) गतिविधियों के लिए अधिकृत हैं, उपभोक्ताओं को (बी 2 सी) सीधे बिक्री कर रही हैं और उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने वित्त मंत्री का ध्यान इन ई-कॉमर्स कंपनियों की "फेस्टिवल सेल" की अवधि के दौरान उन वस्तुओं की बिक्री की ओर आकर्षित किया, जहां सामान की बहुत अधिक बिक्री हो रही है और जिन पर 10 से 80 प्रतिशत की बड़ी छूट देकर वास्तविक मूल्य से कम कीमत पर सामान बेचा जा रहा है और उसी पर जीएसटी लिया जा रहा है.

इससे सरकार को जीएसटी राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है. कैट ने वित्त मंत्री से इन कंपनियों के व्यापार मॉडल की जांच कराने का आग्रह किया है.

नई दिल्ली: व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आरोप लगाया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां त्योहारी सीजन की सेल के जरिये सरकार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का चूना लगा रही हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे पत्र में कैट ने कहा कि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कई ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा शुरू की गई फेस्टिवल सेल में बिक्री के दौरान जीएसटी कम कर लगाया जा रहा है. इससे सरकार को जीएसटी राजस्व का नुकसान हो रहा है.

वित्त मंत्री को दिए ज्ञापन में कैट ने कहा कि अन्य ई कॉमर्स कंपनियों के अलावा विशेष रूप से अमेजन और फ्लिपकार्ट की 'फेस्टिवल सेल' शुरू हो गई है, जो सरकार की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उल्लंघन है.

ये भी पढ़ें: भारत में 100 अरब डॉलर निवेश करने पर विचार कर रहा है सऊदी अरब

कैट ने कहा कि अगर कोई व्यापारी अपने व्यवसाय के दौरान थोड़ी सी भी गलती करता है, तो उस पर कार्रवाई की जाती है लेकिन ये ई कॉमर्स कंपनियां जो केवल बिजनेस टू बिजनेस (बी 2 बी) गतिविधियों के लिए अधिकृत हैं, उपभोक्ताओं को (बी 2 सी) सीधे बिक्री कर रही हैं और उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने वित्त मंत्री का ध्यान इन ई-कॉमर्स कंपनियों की "फेस्टिवल सेल" की अवधि के दौरान उन वस्तुओं की बिक्री की ओर आकर्षित किया, जहां सामान की बहुत अधिक बिक्री हो रही है और जिन पर 10 से 80 प्रतिशत की बड़ी छूट देकर वास्तविक मूल्य से कम कीमत पर सामान बेचा जा रहा है और उसी पर जीएसटी लिया जा रहा है.

इससे सरकार को जीएसटी राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है. कैट ने वित्त मंत्री से इन कंपनियों के व्यापार मॉडल की जांच कराने का आग्रह किया है.

Intro:Body:

नई दिल्ली: व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आरोप लगाया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां त्योहारी सीजन की सेल के जरिये सरकार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का चूना लगा रही हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे पत्र में कैट ने कहा कि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कई ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा शुरू की गई फेस्टिवल सेल में बिक्री के दौरान जीएसटी कम कर लगाया जा रहा है. इससे सरकार को जीएसटी राजस्व का नुकसान हो रहा है.

वित्त मंत्री को दिए ज्ञापन में कैट ने कहा कि अन्य ई कॉमर्स कंपनियों के अलावा विशेष रूप से अमेजन और फ्लिपकार्ट की 'फेस्टिवल सेल' शुरू हो गई है, जो सरकार की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उल्लंघन है.

कैट ने कहा कि अगर कोई व्यापारी अपने व्यवसाय के दौरान थोड़ी सी भी गलती करता है, तो उस पर कार्रवाई की जाती है लेकिन ये ई कॉमर्स कंपनियां जो केवल बिजनेस टू बिजनेस (बी 2 बी) गतिविधियों के लिए अधिकृत हैं, उपभोक्ताओं को (बी 2 सी) सीधे बिक्री कर रही हैं और उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने वित्त मंत्री का ध्यान इन ई-कॉमर्स कंपनियों की "फेस्टिवल सेल" की अवधि के दौरान उन वस्तुओं की बिक्री की ओर आकर्षित किया, जहां सामान की बहुत अधिक बिक्री हो रही है और जिन पर 10 से 80 प्रतिशत की बड़ी छूट देकर वास्तविक मूल्य से कम कीमत पर सामान बेचा जा रहा है और उसी पर जीएसटी लिया जा रहा है.

इससे सरकार को जीएसटी राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है. कैट ने वित्त मंत्री से इन कंपनियों के व्यापार मॉडल की जांच कराने का आग्रह किया है.

ये भी पढ़ें:


Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 12:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.