मुंबई: क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और उसके बाद लागू किए गए लॉकडाउन के चलते घरेलू विमानन उद्योग को चालू वित्त वर्ष के दौरान कमाई में 24,000-25,000 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो सकता है.
क्रिसिल इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी के परिवहन एवं रसद के निदेशक और प्रैक्टिस लीडर जगन्नारायण पद्मनाभन ने कहा कि विमानन कंपनियां सबसे बुरी तरह प्रभावित होंगी और कुल हानि में इनकी हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक (करीब 17,000 करोड़ रुपये) होगी.
उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा परिचालकों को 5,000-5,500 करोड़ रुपये और हवाई अड्डे पर खुदरा विक्रताओं को 1,700-1,800 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.
क्रिसिल का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय विमानन उद्योग को 24,000-25,000 करोड़ रुपये का भारी नुकसान होगा. उद्योग की वृद्धि दर पिछले दस वर्षों के दौरान औसतन प्रतिवर्ष 11 प्रतिशत रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य विमानन केंद्रों जैसे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता में यात्रा रोक लंबे समय तक जारी रही तो नुकसान बहुत अधिक होगा.
ये भी पढ़ें: गैस लीक: दक्षिण कोरियाई समूह एलजी केमिकल का है विशाखापट्टनम का गैस रिसाव कारखाना
साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक महामारी से पहले के स्तर पर वापस आने में विमानन उद्योग को 6-8 तिमाही का वक्त लगेगा. पद्मनाभन ने कहा कि ये शुरुआती अनुमान है और अगर लॉकडाउन पहली तिमाही से आगे बढ़ता है तो नुकसान कहीं अधिक हो सकता है.
(पीटीआई-भाषा)