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अमेरिका ने चीन के शिजनिआंग में कारोबार करने को लेकर कंपनियों को किया सावधान - China

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने मंगलवार को कारोबार जगत के एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिकी कंपनियों को शिनजिआंग में कारोबार करने से पहले दो बार सोचना चाहिये.

अमेरिका ने चीन के शिजनिआंग में कारोबार करने को लेकर कंपनियों को किया सावधान
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Published : May 1, 2019, 5:43 PM IST

वाशिंगटन: अमेरिका ने अपने यहां की कंपनियों को चीन के विवादित शिनजिआंग प्रांत में कारोबार करने को लेकर सावधान किया है. अमेरिका ने शिनजिआंग प्रांत में मुस्लिमों को व्यापक स्तर पर कथित सुधार शिविरों में यातनाएं देने की खबरों को लेकर कंपनियों को सावधान किया है.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने मंगलवार को कारोबार जगत के एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिकी कंपनियों को शिनजिआंग में कारोबार करने से पहले दो बार सोचना चाहिये. उन्होंने कहा, "हम शिजनिआंग में व्यापक स्तर पर मानवाधिकार का उल्लंघन होते देख रहे हैं जहां लाखों लोगों को शिविरों में रखा गया है. यह 1930 के दशक में जर्मनी में हुए मानवाधिकार संकट की तरह बड़े स्तर का है."

ये भी पढ़ें- जीएसटी संग्रह अप्रैल महीने में 1.13 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर

उन्होंने कहा, "हम देखते हैं कि अमेरिकी कंपनियां और उनकी प्रौद्योगिकी चीन सरकार की इन हरकतों को अमल में लाने में मदद कर रही हैं. यह ऐसा विषय है जिसपर सोचा जाना चाहिये."

पॉम्पिओ का यह बयान ऐसे समय आया है जब माइक्रोसॉफ्ट को कृत्रिम मेधा पर चीन सरकार से जुड़े शोधकर्ताओं के साथ मिलकर शोध करने को लेकर जांच का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा कहा जाता है कि चीन की सरकार शिनजिआंग में माइक्रोसॉफ्ट की चेहरा पहचानने वाली तकनीक का इस्तेमाल कर रही है.

इससे पहले फरवरी महीने में अमेरिका की एक कंपनी थर्मो फिशर ने शिनजिआंग में उइगुर मुसलमानों के डीएनए का डेटाबेस तैयार करने में इस्तेमाल हो रहे अपने उपकरण की बिक्री बंद करने की घोषणा की थी.

वाशिंगटन: अमेरिका ने अपने यहां की कंपनियों को चीन के विवादित शिनजिआंग प्रांत में कारोबार करने को लेकर सावधान किया है. अमेरिका ने शिनजिआंग प्रांत में मुस्लिमों को व्यापक स्तर पर कथित सुधार शिविरों में यातनाएं देने की खबरों को लेकर कंपनियों को सावधान किया है.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने मंगलवार को कारोबार जगत के एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिकी कंपनियों को शिनजिआंग में कारोबार करने से पहले दो बार सोचना चाहिये. उन्होंने कहा, "हम शिजनिआंग में व्यापक स्तर पर मानवाधिकार का उल्लंघन होते देख रहे हैं जहां लाखों लोगों को शिविरों में रखा गया है. यह 1930 के दशक में जर्मनी में हुए मानवाधिकार संकट की तरह बड़े स्तर का है."

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उन्होंने कहा, "हम देखते हैं कि अमेरिकी कंपनियां और उनकी प्रौद्योगिकी चीन सरकार की इन हरकतों को अमल में लाने में मदद कर रही हैं. यह ऐसा विषय है जिसपर सोचा जाना चाहिये."

पॉम्पिओ का यह बयान ऐसे समय आया है जब माइक्रोसॉफ्ट को कृत्रिम मेधा पर चीन सरकार से जुड़े शोधकर्ताओं के साथ मिलकर शोध करने को लेकर जांच का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा कहा जाता है कि चीन की सरकार शिनजिआंग में माइक्रोसॉफ्ट की चेहरा पहचानने वाली तकनीक का इस्तेमाल कर रही है.

इससे पहले फरवरी महीने में अमेरिका की एक कंपनी थर्मो फिशर ने शिनजिआंग में उइगुर मुसलमानों के डीएनए का डेटाबेस तैयार करने में इस्तेमाल हो रहे अपने उपकरण की बिक्री बंद करने की घोषणा की थी.

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अमेरिका ने चीन के शिजनिआंग में कारोबार करने को लेकर कंपनियों को किया सावधान

वाशिंगटन: अमेरिका ने अपने यहां की कंपनियों को चीन के विवादित शिनजिआंग प्रांत में कारोबार करने को लेकर सावधान किया है. अमेरिका ने शिनजिआंग प्रांत में मुस्लिमों को व्यापक स्तर पर कथित सुधार शिविरों में यातनाएं देने की खबरों को लेकर कंपनियों को सावधान किया है.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने मंगलवार को कारोबार जगत के एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिकी कंपनियों को शिनजिआंग में कारोबार करने से पहले दो बार सोचना चाहिये. उन्होंने कहा, "हम शिजनिआंग में व्यापक स्तर पर मानवाधिकार का उल्लंघन होते देख रहे हैं जहां लाखों लोगों को शिविरों में रखा गया है. यह 1930 के दशक में जर्मनी में हुए मानवाधिकार संकट की तरह बड़े स्तर का है."

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उन्होंने कहा, "हम देखते हैं कि अमेरिकी कंपनियां और उनकी प्रौद्योगिकी चीन सरकार की इन हरकतों को अमल में लाने में मदद कर रही हैं. यह ऐसा विषय है जिसपर सोचा जाना चाहिये."

पॉम्पिओ का यह बयान ऐसे समय आया है जब माइक्रोसॉफ्ट को कृत्रिम मेधा पर चीन सरकार से जुड़े शोधकर्ताओं के साथ मिलकर शोध करने को लेकर जांच का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा कहा जाता है कि चीन की सरकार शिनजिआंग में माइक्रोसॉफ्ट की चेहरा पहचानने वाली तकनीक का इस्तेमाल कर रही है.

इससे पहले फरवरी महीने में अमेरिका की एक कंपनी थर्मो फिशर ने शिनजिआंग में उइगुर मुसलमानों के डीएनए का डेटाबेस तैयार करने में इस्तेमाल हो रहे अपने उपकरण की बिक्री बंद करने की घोषणा की थी.


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