नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मामले में मौलाना साद के खिलाफ चल रही जांच दिल्ली पुलिस से एनआईए को ट्रांसफर करने की मांग करनेवाली याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने याचिकाकर्ता को अपनी याचिका वापस करने की अनुमति दे दी.
सुप्रीम कोर्ट जाने की अनुमति दी
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट जाने की अनुमति दी जहां इसी तरह की याचिका लंबित है. पिछले 13 मई को जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से जांच ट्रांसफर किये जाने से जुड़े कोर्ट के फैसलों की जानकारी मांगी थी. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने इस याचिका का विरोध किया था. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि इस मामले की जांच सही दिशा में चल रही हैै.
कोर्ट के दिशानिर्देशों के उल्लंघन का आरोप
याचिका मुंबई के एक वकील घनश्याम उपाध्याय ने दायर की है. याचिका में कहा गया था कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हजारों लोगों को जुटाकर केंद्र सरकार के दिशानिर्देश का उल्लंघन किया गया. केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए ये दिशानिर्देश जारी किया था. याचिका में कहा गया था कि इस घटना के काफी दिन बीतने के बावजूद दिल्ली पुलिस मोहम्मद साद को गिरफ्तार नहीं कर सकी हैै.
एनआईए को जांच सौंपने की मांग
याचिका में मांग की गई थी कि इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस से लेकर एनआईए को सौंपी जाए. इस जांच की निगरानी हाईकोर्ट करें, याचिका में कहा गया था कि मीडिया में इस बात की खबरें आ रही हैं कि मौलाना साद ने देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना का संक्रमण फैलाने के लिए साजिश रची. याचिका में कहा गया था कि मोहम्मद साद के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लाउंड्रिंग का मामला दर्ज किया है. याचिका में कहा गया था कि मोहम्मद साद ने यूएपीए के तहत कानून के तहत अपराध को अंजाम दिया है. उसके बावजूद पुलिस मोहम्मद साद को गिरफ्तार करने में नाकाम रही हैै.