नई दिल्ली: कोरोना के बिगड़ते हालात के बीच दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग (DCPCR) की ओर से बच्चों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. आयोग की ओर से जानकारी दी गई है कि जो बच्चे माता-पिता को खो चुके हैं या इस समय किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है, उन्हें मदद की आवश्यकता है, तो वह हेल्पलाइन नंबर 93115 51393 पर कॉल कर सकते हैं.
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माता-पिता के बिना बच्चों को आ रही कई समस्याएं
आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने बताया कि मौजूदा हालातों में कई बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं. वहीं कई बच्चों के अभिभावक अस्पताल में भर्ती हैं, ऐसे में बच्चों को कई समस्याएं आ रही हैं, कई चीजों की जरूरत पड़ रही है. ऐसे में बच्चों पर नजदीक से नजर रखने के लिए और उन तक हर मदद पहुंचे ये सुनिश्चित करने के लिए यह हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.
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24 घंटे के भीतर बच्चों तक पहुंचेगी हर मदद
अनुराग कुंडू की तरफ से कहा गया कि ऐसे हालातों में सबसे ज्यादा कमजोर बच्चे हो जाते हैं, क्योंकि बच्चे अपने अभिभावकों अपने बड़ों पर ही निर्भर होते हैं, ऐसे में इस विपदा की घड़ी में उन तक हर संभव मदद पहुंचाई जा सके, इसके लिए 93115 51393 नंबर जारी किया गया है, इस नंबर पर शिकायत के बाद DCPCR ये सुनिश्चित करेगा की हरहाल में 24 घंटे के भीतर बच्चों तक मदद पहुचाई जा सके.
बच्चों तक पहुंचाया जा रहा जरूरत का हर सामान
डीसीपीसीआर के मुताबिक हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली शिकायत का तुरंत हल निकाला जाएगा, बच्चों के लिए दवाइयां, भोजन, आश्रय, कपड़े और आवश्यक जरूरतों की आपूर्ति हर हाल में की जाएगी. आयोग ने बताया कि ऐसे बच्चों के संपर्क में हैं जो अपने माता पिता को खो चुके हैं ऐसे बच्चों को गैर सरकारी संगठन द्वारा मदद दिलाई जा रही है, काउंसलिंग की जा रही है. वहीं रिश्तेदार और पड़ोसी भी बच्चों की देखभाल कर रहे हैं इसके साथ ही आयोग उन बच्चों से रोजाना संपर्क में हैं.
बच्चों की काउंसलिंग के लिए लगातार काम कर रही टीम
अनुराग कुंडू ने बताया कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें बच्चों ने अपने माता पिता को खो दिया और उनके पास आश्रय का कोई स्थान नहीं था. ऐसे में बच्चों से संपर्क कर उनके माता-पिता का दाह संस्कार करवाकर उनको चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई, बच्चों का कोरोना टेस्ट कराकर उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर कोई कष्ट ना हो, इसके लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. आयोग ने बताया कि इस मौजूदा समय में बच्चे बहुत डरे हुए हैं, बहुत अकेला महसूस कर रहे हैं.इसके लिए आयोग ने पूरी एक टीम गठित की है जो बच्चों के लगातार संपर्क में हैं.