ETV Bharat / bharat

Winter Session 2023 : कोटा कोचिंग में 26 छात्रों ने की आत्महत्या, पास होने का प्रेशर बना कारण : सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि कोचिंग सेंटर में पढ़ाई जा रहे आईआईटी और आईआईएम के जो कठिन कोर्सेज हैं, उनके बारे में पुनर्विचार किया जाए. इतना प्रेशर है और इस प्रकार का कठिन सिलेबस है कि उसमें उतीर्ण होना छात्रों के लिए बहुत कठिन हो जाता है.

Winter Session 2023
भाजपा सांसद सुशील मोदी की फाइल फोटो.
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 5, 2023, 1:07 PM IST

Updated : Dec 5, 2023, 2:18 PM IST

नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में स्थित कोचिंग संस्थानों के कई छात्रों ने आत्महत्या की है. राज्यसभा में मंगलवार को भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि कोटा में इस वर्ष अभी तक 26 छात्रों ने आत्महत्या की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी में भी बड़ी संख्या में नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से एक आयोग बनाने की मांग की, जो पता लगाए कि इतनी बड़ी संख्या में छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं. राज्यसभा में कहा गया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में मेंटल हेल्थ क्लिनिक की स्थापना की जाए.

डिप्रेशन में गए छात्र या किसी प्रकार का प्रेशर में जी रहे छात्र, इन मेंटल हेल्थ क्लीनिक में जाकर अपना इलाज कर सकें या फिर काउंसलिंग प्राप्त कर सकें. सुशील मोदी ने बताया कि बीते 5 वर्षों में प्रतिवर्ष लगभग 25-30 छात्रों ने यहां कोटा में आत्महत्या की है. यह वे छात्र थे जो कोटा के विभिन्न कोचिंग इंस्टिट्यूट में मेडिकल या फिर इंजीनियरिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने आए थे. इसके साथ ही राज्यसभा में कहा गया कि उच्च शिक्षण संस्थान और कोचिंग इंस्टिट्यूट में काउंसलर और एक्सपर्ट्स की बहाली की जाए. ये काउंसलर और एक्सपर्ट उन छात्रों की काउंसलिंग और मदद कर सकेंगे जो पढ़ाई या किसी अन्य प्रेशर के कारण डिप्रेशन में चले गए हैं.

सुशील मोदी ने कहा कि सरकार को उसके पूरे सिलेबस को रिडिजाइन करने के बारे में विचार करना चाहिए. सुशील मोदी ने उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की ओर से आत्महत्या किए जाने की घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और देश के सर्वोच्च इंजीनियरिंग संस्थानों में, उच्च शिक्षण संस्थानों में बड़ी संख्या में नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं.

सुशील मोदी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में नौजवान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं यह केंद्र व राज्य सरकारों के लिए यह चिंता का विषय है. कोटा में जो छात्र, मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए आते हैं, उन पर इतना दबाव होता है. पास होने के लिए उन पर इतना प्रेशर होता है कि कई छात्र इस प्रेशर के चलते आत्महत्या तक कर लेते हैं.

राज्यसभा में कहा गया कि इसी प्रकार आईआईटी, आईआईएम जैसे उच्च शैक्षणिक संस्थानों में भी बढ़ती हुई आत्महत्या की घटनाएं चिंता का विषय है. उन्होंने सरकार से एक आयोग बनाने की मांग की. यह एक ऐसा आयोग होगा जो इस बात की जांच करेगा कि इतनी बड़ी संख्या में नौजवान कोचिंग इंस्टिट्यूट में आत्महत्या क्यों कर रहे हैं. उन्होंने खास तौर पर कोटा का जिक्र करते हुए कहा कि जिस प्रकार से कोचिंग सेंटर में पैसे लेकर किसी भी छात्र का एडमिशन किया जाता है, उस पर विचार किया जाए.

ये भी पढ़ें

नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में स्थित कोचिंग संस्थानों के कई छात्रों ने आत्महत्या की है. राज्यसभा में मंगलवार को भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि कोटा में इस वर्ष अभी तक 26 छात्रों ने आत्महत्या की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी में भी बड़ी संख्या में नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से एक आयोग बनाने की मांग की, जो पता लगाए कि इतनी बड़ी संख्या में छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं. राज्यसभा में कहा गया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में मेंटल हेल्थ क्लिनिक की स्थापना की जाए.

डिप्रेशन में गए छात्र या किसी प्रकार का प्रेशर में जी रहे छात्र, इन मेंटल हेल्थ क्लीनिक में जाकर अपना इलाज कर सकें या फिर काउंसलिंग प्राप्त कर सकें. सुशील मोदी ने बताया कि बीते 5 वर्षों में प्रतिवर्ष लगभग 25-30 छात्रों ने यहां कोटा में आत्महत्या की है. यह वे छात्र थे जो कोटा के विभिन्न कोचिंग इंस्टिट्यूट में मेडिकल या फिर इंजीनियरिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने आए थे. इसके साथ ही राज्यसभा में कहा गया कि उच्च शिक्षण संस्थान और कोचिंग इंस्टिट्यूट में काउंसलर और एक्सपर्ट्स की बहाली की जाए. ये काउंसलर और एक्सपर्ट उन छात्रों की काउंसलिंग और मदद कर सकेंगे जो पढ़ाई या किसी अन्य प्रेशर के कारण डिप्रेशन में चले गए हैं.

सुशील मोदी ने कहा कि सरकार को उसके पूरे सिलेबस को रिडिजाइन करने के बारे में विचार करना चाहिए. सुशील मोदी ने उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की ओर से आत्महत्या किए जाने की घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और देश के सर्वोच्च इंजीनियरिंग संस्थानों में, उच्च शिक्षण संस्थानों में बड़ी संख्या में नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं.

सुशील मोदी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में नौजवान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं यह केंद्र व राज्य सरकारों के लिए यह चिंता का विषय है. कोटा में जो छात्र, मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए आते हैं, उन पर इतना दबाव होता है. पास होने के लिए उन पर इतना प्रेशर होता है कि कई छात्र इस प्रेशर के चलते आत्महत्या तक कर लेते हैं.

राज्यसभा में कहा गया कि इसी प्रकार आईआईटी, आईआईएम जैसे उच्च शैक्षणिक संस्थानों में भी बढ़ती हुई आत्महत्या की घटनाएं चिंता का विषय है. उन्होंने सरकार से एक आयोग बनाने की मांग की. यह एक ऐसा आयोग होगा जो इस बात की जांच करेगा कि इतनी बड़ी संख्या में नौजवान कोचिंग इंस्टिट्यूट में आत्महत्या क्यों कर रहे हैं. उन्होंने खास तौर पर कोटा का जिक्र करते हुए कहा कि जिस प्रकार से कोचिंग सेंटर में पैसे लेकर किसी भी छात्र का एडमिशन किया जाता है, उस पर विचार किया जाए.

ये भी पढ़ें

Last Updated : Dec 5, 2023, 2:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.