लखनऊ: विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में आज उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी. इसके साथ ही सदन के पटल पर अन्य विधायी कार्य व महत्वपूर्ण अध्यादेश लाए जा सकते हैं. करीब 34 साल बाद विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान कराया जाएगा. इससे पहले आपसी सहमति से उपाध्यक्ष विपक्षी दलों को देने की परंपरा रही है. आज होने वाले मतदान के दौरान कुछ क्रॉस वोटिंग की भी आशंका है, जिसको लेकर सभी दल सक्रिय हो गए हैं. सभी विधायकों को अपने प्रत्याशी को वोट देने का संदेश दिया गया है.
विधानसभा उपाध्यक्ष पद पर दो नामांकन हुए हैं, जिनमें एक समाजवादी पार्टी के बागी सदस्य नितिन अग्रवाल का समर्थन भारतीय जनता पार्टी ने किया है तो दूसरा सपा के सदस्य नरेंद्र वर्मा ने नामांकन किया है. समाजवादी पार्टी ने बीजेपी पर नियमों और परंपराओं की हत्या करने का आरोप लगाया है. बीजेपी की तरफ से विपक्ष पर समय रहते प्रत्याशी नहीं लाए जाने का भी आरोप लगाया गया है. आज विशेष सत्र की शुरुआत पर सबसे पहले दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. इसके बाद 11 से 1 तक उपाध्यक्ष पद का मतदान होगा. यह गुप्त मतदान होगा.
सदन चलाए जाने को लेकर रविवार की देर शाम कार्य मंत्रणा समिति की बैठक भी हुई. इसमें सभी राजनीतिक दलों के लोग शामिल हुए. विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्थित सदन चलाए जाने की सबसे अपेक्षा की है. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि आज आयोजित बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष का निवार्चन स्वीकार हुआ है. 18 अक्टूबर को 11 बजे सदन में निधन की सूचना ली जाएगी. इसके बाद उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी. बैठक में नियम-301 और नियम-51 की सूचनाएं लिए जाने की सहमति बनी है.
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सुरक्षा समिति की बैठक में सदस्यों के लिए निर्बाध आवागमन, सुरक्षा, उपचार आदि व्यवस्था कराए जाने पर भी विचार किया गया. विधानसभा अध्यक्ष ने विश्वास किया है कि उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी विधानसभा होने के नाते संविधान के प्रति प्रतिबद्ध, परंपरा, संस्कृति और हर तरह से संविधान के प्रति निष्ठावान होकर सदन की कार्यवाही को सुगमतापूर्वक चलाया जाएगा. सदन में सारवान और गुणवत्तापूर्ण चर्चा के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है.