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यूनाइटेड किंगडम ने अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने की पीएम मोदी की अपील का किया समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ समय पहले अफ्रीकी संघ को जी20 में स्थायी सदस्या प्रदान करने की अपील की थी. इसे लेकर ब्रिटिश सचिव जेम्स क्लेवरली ने अपने देश का समर्थन बढ़ाया है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भी समर्थन दिया.

British Foreign Secretary James Cleverly
ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली
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Published : Jun 30, 2023, 6:59 PM IST

नयी दिल्ली: ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने विश्व नेताओं से अफ्रीकी संघ (एयू) को समूह 20 (जी20) में स्थायी सदस्यता प्रदान करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को अपने देश का समर्थन बढ़ाया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपने देश के समर्थन को भी चतुराई से दोहराया. उन्होंने गुरुवार को चैथम हाउस लंदन कॉन्फ्रेंस 2023 को संबोधित करते हुए यह बात कही, जिसका 'रणनीतिक सहयोग: आधुनिक बहुपक्षवाद के लिए सिद्धांत और प्राथमिकताएं' विषय था.

उन्होंने कहा कि वैश्विक बहुपक्षवाद मानवता की सबसे बुनियादी चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी ताकत लाता है और यही कारण है कि यूनाइटेड किंगडम ने इसमें गहरा निवेश किया है. क्लेवरली ने कहा कि मुझे यह स्पष्ट लगता है कि बहुपक्षीय प्रणाली के केंद्र में सबसे गरीब और सबसे कमजोर देशों की आवाज सुनी जानी चाहिए. इसीलिए हम अफ्रीकी संघ के लिए जी20 की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हैं और इसे आगे बढ़ाने के लिए भारत के नेतृत्व का स्वागत करते हैं.

इस वर्ष भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने समूह के एजेंडे में अफ्रीकी देशों की प्राथमिकताओं को एकीकृत करने पर जोर दिया है. जी20 एक अंतरसरकारी मंच है, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं. मोदी ने 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को समूह का स्थायी सदस्य बनाने के लिए सदस्य देशों के सभी नेताओं को पत्र लिखा है. यह अपील नई दिल्ली में जी20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी से तीन महीने पहले आई है.

लेकिन भारत एयू को जी20 में लाने के लिए इतना उत्सुक क्यों है? इथियोपिया और एयू में पूर्व भारतीय राजदूत और वर्तमान में एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर पर सीआईआई टास्क फोर्स के अध्यक्ष गुरजीत सिंह के अनुसार, भारत की जी20 की अध्यक्षता में भारत की अफ्रीका नीति को और बढ़ावा देने की क्षमता है. सिंह ने ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के लिए 'इट्स टाइम फॉर अफ्रीका' शीर्षक वाले एक लेख में इसके बारे में लिखा.

उन्होंने लिखा कि 'एक नवीनीकृत अफ्रीका नीति जी20 प्रेसीडेंसी को ग्लोबल साउथ (वीओजीएस) की आवाज के रूप में भारत के साथ रोशन करेगी.' उन्होंने कहा कि चूंकि भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज है, इसलिए विशेष रूप से अफ्रीका के लिए बोलना महत्वपूर्ण है. अफ्रीका को (कोविड-19) महामारी और यूक्रेन संघर्ष के परिणामों से गहरा नुकसान हुआ है. वीओजीएस शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी देशों की भागीदारी ने उनकी अपेक्षाओं और भारत की जी20 अध्यक्षता के माध्यम से उक्त अपेक्षाओं को पूरा करने की क्षमता को दर्शाया.

नयी दिल्ली: ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने विश्व नेताओं से अफ्रीकी संघ (एयू) को समूह 20 (जी20) में स्थायी सदस्यता प्रदान करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को अपने देश का समर्थन बढ़ाया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपने देश के समर्थन को भी चतुराई से दोहराया. उन्होंने गुरुवार को चैथम हाउस लंदन कॉन्फ्रेंस 2023 को संबोधित करते हुए यह बात कही, जिसका 'रणनीतिक सहयोग: आधुनिक बहुपक्षवाद के लिए सिद्धांत और प्राथमिकताएं' विषय था.

उन्होंने कहा कि वैश्विक बहुपक्षवाद मानवता की सबसे बुनियादी चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी ताकत लाता है और यही कारण है कि यूनाइटेड किंगडम ने इसमें गहरा निवेश किया है. क्लेवरली ने कहा कि मुझे यह स्पष्ट लगता है कि बहुपक्षीय प्रणाली के केंद्र में सबसे गरीब और सबसे कमजोर देशों की आवाज सुनी जानी चाहिए. इसीलिए हम अफ्रीकी संघ के लिए जी20 की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हैं और इसे आगे बढ़ाने के लिए भारत के नेतृत्व का स्वागत करते हैं.

इस वर्ष भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने समूह के एजेंडे में अफ्रीकी देशों की प्राथमिकताओं को एकीकृत करने पर जोर दिया है. जी20 एक अंतरसरकारी मंच है, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं. मोदी ने 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को समूह का स्थायी सदस्य बनाने के लिए सदस्य देशों के सभी नेताओं को पत्र लिखा है. यह अपील नई दिल्ली में जी20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी से तीन महीने पहले आई है.

लेकिन भारत एयू को जी20 में लाने के लिए इतना उत्सुक क्यों है? इथियोपिया और एयू में पूर्व भारतीय राजदूत और वर्तमान में एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर पर सीआईआई टास्क फोर्स के अध्यक्ष गुरजीत सिंह के अनुसार, भारत की जी20 की अध्यक्षता में भारत की अफ्रीका नीति को और बढ़ावा देने की क्षमता है. सिंह ने ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के लिए 'इट्स टाइम फॉर अफ्रीका' शीर्षक वाले एक लेख में इसके बारे में लिखा.

उन्होंने लिखा कि 'एक नवीनीकृत अफ्रीका नीति जी20 प्रेसीडेंसी को ग्लोबल साउथ (वीओजीएस) की आवाज के रूप में भारत के साथ रोशन करेगी.' उन्होंने कहा कि चूंकि भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज है, इसलिए विशेष रूप से अफ्रीका के लिए बोलना महत्वपूर्ण है. अफ्रीका को (कोविड-19) महामारी और यूक्रेन संघर्ष के परिणामों से गहरा नुकसान हुआ है. वीओजीएस शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी देशों की भागीदारी ने उनकी अपेक्षाओं और भारत की जी20 अध्यक्षता के माध्यम से उक्त अपेक्षाओं को पूरा करने की क्षमता को दर्शाया.

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