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Ujjain Minor Rape Case: जिस रेप कांड से दहला MP, अभी तक पीड़िता को नहीं मिली सरकारी मदद, पुलिस और समाजसेवियों ने किया सहयोग

एमपी में 1 महीने पहले उज्जैन में हुए रेप केस की पीड़िता को अभी तक निर्भया फंड की राशि नहीं मिली है. वहीं कांग्रेस और बीजेपी के ओर से किए वादे भी पूरे नहीं किए गए. जबकि पुलिस और समाजसेवियों ने पीड़ित परिवार की मदद की है. यह परिवार बकरी पालन पर निर्भर है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 25, 2023, 8:30 PM IST

Updated : Oct 25, 2023, 9:23 PM IST

पीड़िता को नहीं मिली मदद

सतना। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में बीते दिनों देश को शर्मशार करने वाली दुष्कर्म की घटना सामने आई थी. इस दुष्कर्म कांड को 1 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से मिलने वाली निर्भया फंड की राशि पीड़िता को नहीं मिल सकी है. भाजपा द्वारा 7 लाख और कांग्रेस द्वारा घोषित 5 लाख की रुपए की सहायता राशि देने की बात कही गई थी, लेकिन पीड़िता के परिजनों के खाते में उज्जैन और सतना पुलिस प्रशासन के साथ समाजसेवियों की तरफ से अब तक करीब 3 लाख रुपये आर्थिक मदद के रूप से पहुंचे है.

उज्जैन रेप पीड़िता को पार्टियों से नहीं मिली मदद: सतना जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर के एक गांव में रहने वाले दुष्कर्म पीड़िता मासूम के परिवार का कहना है कि "अब तक सिर्फ पुलिस प्रशासन की तरफ से सरकारी आर्थिक मदद मिल सकी है. बाकी कहीं से कोई सरकारी मदद नहीं मिल है. इसके साथ-साथ कांग्रेस भाजपा सभी ने बड़े-बड़े वादे किये थे, लेकिन समय गुजरने के साथ वो मदद हमारे पास तक नहीं पहुंची है. पीड़ित परिवार के पास खेती खलिहान नहीं है, परिवार पालने के लिए पीड़ित परिवार के दादा बकरी पालन का काम करते हैं. रहने के लिए कच्चा मकान है और भोजन के लिए राशन दुकान है. जिससे घर में 45 किलो महीने में राशन आता है. जिससे परिवार का पेट पलता है.

Ujjain Minor Rape Case
उज्जैन रेप पीड़िता का घर

यहां पढ़ें...

पुलिस और समाजसेवियों ने की मदद: एक बार फिर चुनाव के मौसम में इस संवेदनशील मामले में एक बार फिर राजनीति शुरू हो गयी है, की पीड़ित परिवार को मिलने वाली राशि की घोषणा तो की गई है, लेकिन वह तो घोषणाओं तक ही सीमित रह गई. पीड़ित बच्ची के परिवार को अभी तक उज्जैन पुलिस और सतना पुलिस सहित समाजसेवियों के द्वारा करीब 3 लख रुपए की मदद बैंक खाते के माध्यम से प्राप्त हो चुकी है. रही बात पुलिस बच्ची के इलाज के खर्च की तो अभी तक बच्ची का इलाज पूरी तरीके से फ्री शासन द्वारा कराया गया है. आपको बता दें कि पीड़ित परिवार के पास कोई बड़ा रोजगार का साधन नहीं है. बकरी पालन कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं, एक छोटा सा कच्चा मकान और घर में चूल्हे से गुजर बसर चल रहा है. परिवार की मदद के लिए राजनीतिक पार्टियां घोषणा तो कर देती है लेकिन उनकी घोषणाएं जरूरतमंद तक नहीं पहुंचती, जिसका जीता जागता उदाहरण उज्जैन रेप कांड की मासूम बच्ची का पीड़ित परिवार है.

पीड़िता को नहीं मिली मदद

सतना। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में बीते दिनों देश को शर्मशार करने वाली दुष्कर्म की घटना सामने आई थी. इस दुष्कर्म कांड को 1 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से मिलने वाली निर्भया फंड की राशि पीड़िता को नहीं मिल सकी है. भाजपा द्वारा 7 लाख और कांग्रेस द्वारा घोषित 5 लाख की रुपए की सहायता राशि देने की बात कही गई थी, लेकिन पीड़िता के परिजनों के खाते में उज्जैन और सतना पुलिस प्रशासन के साथ समाजसेवियों की तरफ से अब तक करीब 3 लाख रुपये आर्थिक मदद के रूप से पहुंचे है.

उज्जैन रेप पीड़िता को पार्टियों से नहीं मिली मदद: सतना जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर के एक गांव में रहने वाले दुष्कर्म पीड़िता मासूम के परिवार का कहना है कि "अब तक सिर्फ पुलिस प्रशासन की तरफ से सरकारी आर्थिक मदद मिल सकी है. बाकी कहीं से कोई सरकारी मदद नहीं मिल है. इसके साथ-साथ कांग्रेस भाजपा सभी ने बड़े-बड़े वादे किये थे, लेकिन समय गुजरने के साथ वो मदद हमारे पास तक नहीं पहुंची है. पीड़ित परिवार के पास खेती खलिहान नहीं है, परिवार पालने के लिए पीड़ित परिवार के दादा बकरी पालन का काम करते हैं. रहने के लिए कच्चा मकान है और भोजन के लिए राशन दुकान है. जिससे घर में 45 किलो महीने में राशन आता है. जिससे परिवार का पेट पलता है.

Ujjain Minor Rape Case
उज्जैन रेप पीड़िता का घर

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पुलिस और समाजसेवियों ने की मदद: एक बार फिर चुनाव के मौसम में इस संवेदनशील मामले में एक बार फिर राजनीति शुरू हो गयी है, की पीड़ित परिवार को मिलने वाली राशि की घोषणा तो की गई है, लेकिन वह तो घोषणाओं तक ही सीमित रह गई. पीड़ित बच्ची के परिवार को अभी तक उज्जैन पुलिस और सतना पुलिस सहित समाजसेवियों के द्वारा करीब 3 लख रुपए की मदद बैंक खाते के माध्यम से प्राप्त हो चुकी है. रही बात पुलिस बच्ची के इलाज के खर्च की तो अभी तक बच्ची का इलाज पूरी तरीके से फ्री शासन द्वारा कराया गया है. आपको बता दें कि पीड़ित परिवार के पास कोई बड़ा रोजगार का साधन नहीं है. बकरी पालन कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं, एक छोटा सा कच्चा मकान और घर में चूल्हे से गुजर बसर चल रहा है. परिवार की मदद के लिए राजनीतिक पार्टियां घोषणा तो कर देती है लेकिन उनकी घोषणाएं जरूरतमंद तक नहीं पहुंचती, जिसका जीता जागता उदाहरण उज्जैन रेप कांड की मासूम बच्ची का पीड़ित परिवार है.

Last Updated : Oct 25, 2023, 9:23 PM IST
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