नई दिल्ली: निर्भया के साथ नृशंस सामूहिक दुष्कर्म और हत्या को आठ साल बीत चुके हैं, चार युवकों को फांसी दी जा चुकी है, फिर भी महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में कमी नहीं आ रही है. राष्ट्रीय राजधानी में इस साल अक्टूबर तक दुष्कर्म के 1,429 मामले सामने आए हैं. पिछले साल इसी अवधि में दिल्ली में दुष्कर्म के 1,884 मामले सामने आए थे, जो साल खत्म होने तक बढ़कर 2,168 मामले हो गए. 2012 में कुल 706 रेप केस दर्ज किए गए थे, जिसमें 16 दिसंबर को निर्भया के साथ नृशंस गैंगरेप भी शामिल था.
दिल्ली पुलिस ने इस साल अक्टूबर तक महिलाओं पर हमले के कुल 1,791 मामले दर्ज किए. इसकी तुलना में 2019 में इसी अवधि के दौरान 2520 मामले दर्ज किए गए, जो साल के अंत तक बढ़कर 2,921 हो गए. 2012 में इसी अपराध के लिए कुल 727 मामले दर्ज किए गए थे.
2019 में सूचित आंकड़ों पर एक नजर
2019 में इसी अवधि में 2,988 सूचित आंकड़ों के मुकाबले इस साल अक्टूबर तक कुल 2,226 महिलाओं का अपहरण किया गया था. 2019 के अंत तक दिल्ली में महिलाओं के अपहरण के 3,471 मामले सामने आए. 2012 में महिलाओं के अपहरण के कुल 2,048 मामले दर्ज किए गए थे.
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पिछले साल इसी अवधि के दौरान दर्ज कुल मामले
दिल्ली पुलिस ने इस साल अक्टूबर तक आईपीसी की धारा 498-ए/406 के तहत 1,931 मामले दर्ज किए. पिछले साल इसी अवधि के दौरान कुल 3,052 मामले दर्ज किए गए थे, जो साल खत्म होने के समय तक बढ़कर 3,792 हो गए। 2012 में दिल्ली पुलिस ने महिलाओं के पति और ससुराल वालों के खिलाफ 2,046 मामले दर्ज किए थे.
इस साल अक्टूबर तक के आंकड़े
दिल्ली पुलिस ने इस साल अक्टूबर तक दहेज हत्या के 94 मामले भी दर्ज किए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में इसी प्रकृति के 103 मामले दर्ज हो रहे हैं. साल 2012 में दिल्ली पुलिस ने दहेज हत्या के कुल 134 मामले दर्ज किए थे.