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टूलकिट मामला : दिशा रवि की जमानत याचिका पर मंगलवार को आएगा फैसला - दिशा रवि की जमानत

टूलकिट मामले में आरोपी जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट मामले में मंगलवार को फैसला सुनाएगा.

दिशा रवि की जमानत पर सुनवाई आज
दिशा रवि की जमानत पर सुनवाई आज
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Published : Feb 20, 2021, 10:45 AM IST

Updated : Feb 20, 2021, 5:27 PM IST

नई दिल्ली : टूलकिट मामले में आरोपी जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा की अदालत में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मंगलवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है.

इससे पहले सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस ने 11 जनवरी को इंडिया गेट, लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी.

दिल्ली पुलिस ने अदालत के सामने कहा कि ये संगठन कनाडा से संचालित था और चाहता था कि कोई व्यक्ति इंडिया गेट, लाल किले पर झंडा फहराए.

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध टूलकिट किसी तरह सोशल मीडिया पर लीक हो गया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि खालिस्तान के संबंध में भारत विरोधी गतिविधियां वैंकूवर से हो रही हैं. किसान आंदोलन के दौरान संस्था किसान एकता कंपनी वैंकूवर की एक संस्था के संपर्क में थी.

दिल्ली पुलिस ने कहा कि देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होना बड़ा अपराध है. दिशा चाहती तो टूलकिट एडिट कर सकती थीं.

दिशा रवि की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने एएसजी एसवी राजू से पूछा, '26 जनवरी की हिंसा के साथ टूलकिट के संबंध में आपने क्या सबूत जुटाए हैं.' दिल्ली पुलिस का कहना है कि जांच जारी है अभी हमें कुछ चीजें खोजनी हैं.

वहीं, दिशा रवि के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा, 'मेरी मुवक्किल का खालिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है. सिख फॉर जस्टिस या पीजेएफ से कोई संबंध नहीं है. वह देश विरोधी किसी भी गतिविधि का हिस्सा नहीं हैं.'

गौरतलब है कि अदालत ने किसान प्रदर्शन से संबंधित टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को शुक्रवार को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

टूल किट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है. दिल्ली पुलिस के 'साइबर प्रकोष्ठ' ने भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ने के लक्ष्य से टूलकिट के खालिस्तान समर्थक निर्माताओं के खिलाफ चार फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी.

पढ़ें : आखिर क्या है टूलकिट जिसपर मचा है बवाल, आसान भाषा में समझें

पुलिस ने बताया था कि दस्तावेज 'टूलकिट' का लक्ष्य भारत सरकार के प्रति वैमनस्य और गलत भावना फैलाना और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच वैमनस्य की स्थिति पैदा करना है.

नई दिल्ली : टूलकिट मामले में आरोपी जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा की अदालत में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मंगलवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है.

इससे पहले सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस ने 11 जनवरी को इंडिया गेट, लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी.

दिल्ली पुलिस ने अदालत के सामने कहा कि ये संगठन कनाडा से संचालित था और चाहता था कि कोई व्यक्ति इंडिया गेट, लाल किले पर झंडा फहराए.

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध टूलकिट किसी तरह सोशल मीडिया पर लीक हो गया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि खालिस्तान के संबंध में भारत विरोधी गतिविधियां वैंकूवर से हो रही हैं. किसान आंदोलन के दौरान संस्था किसान एकता कंपनी वैंकूवर की एक संस्था के संपर्क में थी.

दिल्ली पुलिस ने कहा कि देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होना बड़ा अपराध है. दिशा चाहती तो टूलकिट एडिट कर सकती थीं.

दिशा रवि की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने एएसजी एसवी राजू से पूछा, '26 जनवरी की हिंसा के साथ टूलकिट के संबंध में आपने क्या सबूत जुटाए हैं.' दिल्ली पुलिस का कहना है कि जांच जारी है अभी हमें कुछ चीजें खोजनी हैं.

वहीं, दिशा रवि के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा, 'मेरी मुवक्किल का खालिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है. सिख फॉर जस्टिस या पीजेएफ से कोई संबंध नहीं है. वह देश विरोधी किसी भी गतिविधि का हिस्सा नहीं हैं.'

गौरतलब है कि अदालत ने किसान प्रदर्शन से संबंधित टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को शुक्रवार को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

टूल किट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है. दिल्ली पुलिस के 'साइबर प्रकोष्ठ' ने भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ने के लक्ष्य से टूलकिट के खालिस्तान समर्थक निर्माताओं के खिलाफ चार फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी.

पढ़ें : आखिर क्या है टूलकिट जिसपर मचा है बवाल, आसान भाषा में समझें

पुलिस ने बताया था कि दस्तावेज 'टूलकिट' का लक्ष्य भारत सरकार के प्रति वैमनस्य और गलत भावना फैलाना और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच वैमनस्य की स्थिति पैदा करना है.

Last Updated : Feb 20, 2021, 5:27 PM IST
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