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कच्छतिवी द्वीप को लेकर सीएम स्टालिन ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

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Published : Jul 20, 2023, 1:58 PM IST

मुख्यमंत्री स्टालिन ने भारतीय मछुआरों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों को बहाल करने और द्वीप को बहाल करने के लिए कदम उठाने के लिए प्रधान मंत्री को पत्र लिखा है. पढ़ें पूरी खबर...

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चेन्नई: श्रीलंका के राष्ट्रपति जल्द ही 2 दिवसीय भारत दौरे पर दिल्ली आने वाले हैं. तमिलनाडु के मुख्य मंत्री एमके स्टालिन ने इस दौरे से पहले पीएम मोदी को पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने पीएम मोदी से भारतीय मछुआरों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों की रक्षा करने और तमिलनाडु के बिना बताये केंद्र सरकार की ओर से श्रीलंका को दी गई कच्छतिवी को वापस दिलाने का आग्रह किया.

उन्होंने अपने पत्र में श्रीलंका में रहने वाले तमिल लोगों की जायज मांगों को पूरा करने और उनके अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति से बात करने का भी आग्रह किया है. मुख्यमंत्री स्टालिन ने पत्र में लिखा है कि 'कच्छतिवी ऐतिहासिक रूप से भारत का हिस्सा रहा है. तमिलनाडु के मछुआरे पारंपरिक रूप से इस द्वीप के आसपास के समुद्र में मछली पकड़ते रहे हैं.

राज्य सरकार की सहमति के बिना केंद्र सरकार ने कच्चातिवी को श्रीलंका स्थानांतरित कर दिया. जिससे तमिलनाडु के मछुआरों को उनके अधिकारों से वंचित होना पड़ा है. उनकी आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद जब आपने 2022 में पहली बार तमिलनाडु का दौरा किया था तब भी हमने यह मुद्दा उठाया था.

उन्होंने कहा कि आज की स्थिति में तमिलनाडु के मछुआरे पारंपरिक मछली पकड़ने के क्षेत्रों तक आसानी से नहीं पहुंच पा रहे हैं. श्रीलंकाई नौसेना उन्हें लगातार परेशान कर रही है. कच्छतिवी को वापस लाना तमिलनाडु सरकार की शीर्ष मांगों में से एक है.

सीएम ने अपने पत्र में लिखा है कि तमिलनाडु के मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना की ओर से अक्सर हमला किया जाता है. श्रीलंका की जेलों में हमारे मछुआरों के लंबे समय तक कैद हैं. इससे तटीय गांवों के मछुआरों में गहरी चिंता और भय पैदा हो गया है. केंद्र सरकार को इन वारदातों को रोकने के लिए कड़ी कूटनीतिक कार्रवाई करनी चाहिए.

2020 से आज तक, तमिलनाडु के मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना की ओर से हमले की 48 घटनाओं में 619 तमिलनाडु मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है. 83 मछली पकड़ने वाली नौकाएं उनके कब्जे में हैं. इसके कारण मछुआरों की आजीविका गंभीर रूप से प्रभावित हुई है. गिरफ्तार मछुआरों के परिवारों को भी आय की हानि का सामना करना पड़ा है. हालांकि, श्रीलंका सरकार ने केंद्र और राज्य के संयुक्त प्रयासों से 604 मछुआरों और 16 नौकाओं को रिहा भी किया है.

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सीएम ने प्रधानमंत्री को सूचित किया कि अकेले 2023 में, श्रीलंकाई नौसेना ने 74 मछुआरों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 59 को रिहा कर दिया गया है और तमिलनाडु लौट आए हैं, जबकि श्रीलंका के पास 2020 से 67 मछली पकड़ने वाली नावें हैं. हाल ही में 9 जुलाई 2023 को 15 मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने पकड़ लिया था.

चेन्नई: श्रीलंका के राष्ट्रपति जल्द ही 2 दिवसीय भारत दौरे पर दिल्ली आने वाले हैं. तमिलनाडु के मुख्य मंत्री एमके स्टालिन ने इस दौरे से पहले पीएम मोदी को पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने पीएम मोदी से भारतीय मछुआरों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों की रक्षा करने और तमिलनाडु के बिना बताये केंद्र सरकार की ओर से श्रीलंका को दी गई कच्छतिवी को वापस दिलाने का आग्रह किया.

उन्होंने अपने पत्र में श्रीलंका में रहने वाले तमिल लोगों की जायज मांगों को पूरा करने और उनके अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति से बात करने का भी आग्रह किया है. मुख्यमंत्री स्टालिन ने पत्र में लिखा है कि 'कच्छतिवी ऐतिहासिक रूप से भारत का हिस्सा रहा है. तमिलनाडु के मछुआरे पारंपरिक रूप से इस द्वीप के आसपास के समुद्र में मछली पकड़ते रहे हैं.

राज्य सरकार की सहमति के बिना केंद्र सरकार ने कच्चातिवी को श्रीलंका स्थानांतरित कर दिया. जिससे तमिलनाडु के मछुआरों को उनके अधिकारों से वंचित होना पड़ा है. उनकी आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद जब आपने 2022 में पहली बार तमिलनाडु का दौरा किया था तब भी हमने यह मुद्दा उठाया था.

उन्होंने कहा कि आज की स्थिति में तमिलनाडु के मछुआरे पारंपरिक मछली पकड़ने के क्षेत्रों तक आसानी से नहीं पहुंच पा रहे हैं. श्रीलंकाई नौसेना उन्हें लगातार परेशान कर रही है. कच्छतिवी को वापस लाना तमिलनाडु सरकार की शीर्ष मांगों में से एक है.

सीएम ने अपने पत्र में लिखा है कि तमिलनाडु के मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना की ओर से अक्सर हमला किया जाता है. श्रीलंका की जेलों में हमारे मछुआरों के लंबे समय तक कैद हैं. इससे तटीय गांवों के मछुआरों में गहरी चिंता और भय पैदा हो गया है. केंद्र सरकार को इन वारदातों को रोकने के लिए कड़ी कूटनीतिक कार्रवाई करनी चाहिए.

2020 से आज तक, तमिलनाडु के मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना की ओर से हमले की 48 घटनाओं में 619 तमिलनाडु मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है. 83 मछली पकड़ने वाली नौकाएं उनके कब्जे में हैं. इसके कारण मछुआरों की आजीविका गंभीर रूप से प्रभावित हुई है. गिरफ्तार मछुआरों के परिवारों को भी आय की हानि का सामना करना पड़ा है. हालांकि, श्रीलंका सरकार ने केंद्र और राज्य के संयुक्त प्रयासों से 604 मछुआरों और 16 नौकाओं को रिहा भी किया है.

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सीएम ने प्रधानमंत्री को सूचित किया कि अकेले 2023 में, श्रीलंकाई नौसेना ने 74 मछुआरों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 59 को रिहा कर दिया गया है और तमिलनाडु लौट आए हैं, जबकि श्रीलंका के पास 2020 से 67 मछली पकड़ने वाली नावें हैं. हाल ही में 9 जुलाई 2023 को 15 मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने पकड़ लिया था.

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