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अटल सेतु के उद्घाटन समारोह का शिवसेना ठाकरे गुट ने किया बहिष्कार

Shiv Sena Thackeray : शिवसेना ठाकरे गुट ने अटल सेतु के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है. गुट ने आरोप लगाया कि निमंत्रण पत्र पर स्थानीय सांसद और विधायकों का नाम लिखा गया है. पढ़िए पूरी खबर... atal setu

Uddhav Thackeray
उद्धव ठाकरे
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 12, 2024, 3:18 PM IST

मुंबई : शिवसेना ठाकरे गुट ने पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा किए जाने वाले अटल सेतु के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है. 'अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु' नाम से जाने वाले इस पुल के कार्यक्रम का निमंत्रण गलत समय पर मिलने पर ठाकरे गुट ने नाराजगी जताई है.

बताया जाता है कि शिवसेना ठाकरे गुट को समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था. ठाकरे गुट ने कहा है कि शुक्रवार सुबह समारोह के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया जिस वजह से उन्होंने इसके बहिष्कार का निर्णय लिया. उनका कहना है कि विधानसभा क्षेत्र और स्थानीय विधायकों, सांसदों को एक दिन पहले ही निमंत्रण मिलने की उम्मीद थी. ​ठाकरे गुट का कहना है कि निमंत्रण पत्र पर ठाकरे गुट के विधायकों और सांसदों का नाम भी नहीं लिखा गया है.

प्रोटोकॉल के मुताबिक जिस क्षेत्र में कार्यक्रम हो रहा है वहां के स्थानीय विधायकों और सांसदों का नाम निमंत्रण कार्ड पर होना चाहिए. निमंत्रण पत्र पर स्थानीय सांसद अरविंद सावंत, विधायक अजय चौधरी, आदित्य ठाकरे, सचिन अहीर और सचिन शिंदे के नाम का भी जिक्र नहीं था. हालांकि निमंत्रण पत्र पर दोनों सांसदों सुनील तटकरे और श्रीरंग बार्ने के नाम का उल्लेख है. इस वजह से ठाकरे गुट ने कार्यक्रम बहिष्कार करने का फैसला लिया गया.

गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु की आधारशिला पीएम मोदी ने 2016 में रखी थी. भारत के सबसे लंबे पुल और देश का सबसे लंबे समुद्री पुल की लंबाई करीब 21.8 किमी है. साथ ही यह पुल छह लेन होने के साथ ही इसकी लंबाई समुद्र के ऊपर करीब 16.5 किमी है. यह मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सीधा संपर्क प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा.

ये भी पढ़ें - पीएम मोदी आज भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल अटल सेतु का करेंगे उद्घाटन

मुंबई : शिवसेना ठाकरे गुट ने पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा किए जाने वाले अटल सेतु के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है. 'अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु' नाम से जाने वाले इस पुल के कार्यक्रम का निमंत्रण गलत समय पर मिलने पर ठाकरे गुट ने नाराजगी जताई है.

बताया जाता है कि शिवसेना ठाकरे गुट को समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था. ठाकरे गुट ने कहा है कि शुक्रवार सुबह समारोह के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया जिस वजह से उन्होंने इसके बहिष्कार का निर्णय लिया. उनका कहना है कि विधानसभा क्षेत्र और स्थानीय विधायकों, सांसदों को एक दिन पहले ही निमंत्रण मिलने की उम्मीद थी. ​ठाकरे गुट का कहना है कि निमंत्रण पत्र पर ठाकरे गुट के विधायकों और सांसदों का नाम भी नहीं लिखा गया है.

प्रोटोकॉल के मुताबिक जिस क्षेत्र में कार्यक्रम हो रहा है वहां के स्थानीय विधायकों और सांसदों का नाम निमंत्रण कार्ड पर होना चाहिए. निमंत्रण पत्र पर स्थानीय सांसद अरविंद सावंत, विधायक अजय चौधरी, आदित्य ठाकरे, सचिन अहीर और सचिन शिंदे के नाम का भी जिक्र नहीं था. हालांकि निमंत्रण पत्र पर दोनों सांसदों सुनील तटकरे और श्रीरंग बार्ने के नाम का उल्लेख है. इस वजह से ठाकरे गुट ने कार्यक्रम बहिष्कार करने का फैसला लिया गया.

गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु की आधारशिला पीएम मोदी ने 2016 में रखी थी. भारत के सबसे लंबे पुल और देश का सबसे लंबे समुद्री पुल की लंबाई करीब 21.8 किमी है. साथ ही यह पुल छह लेन होने के साथ ही इसकी लंबाई समुद्र के ऊपर करीब 16.5 किमी है. यह मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सीधा संपर्क प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा.

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