नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले (Saket Gokhale) को धन की हेराफेरी के मामले में जमानत दे दी. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की खंडपीठ ने कहा कि 'जमानत दे रहे हैं क्योंकि चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है और साकेत गोखले पहले ही 109 दिनों से जेल में हैं.'
ऐसा आरोप है कि उन्होंने जनकल्याण के नाम पर 'हमारा लोकतंत्र' नामक क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से करीब 70 लाख रुपये से अधिक एकत्र किए. हालांकि उन्होंने इस धन का इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत खर्चों के लिए किया. धन का दुरुपयोग किया. जमानत का विरोध करते हुए एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट को बताया था कि उसने पैसे का इस्तेमाल मनोरंजन के लिए टिकट और शराब खरीदने में किया.
इस मामले की पहली सुनवाई गुजरात उच्च न्यायालय में हुई थी जिसने गोखले को जमानत देने से इनकार कर दिया था. गुजरात हाईकोर्ट ने कहा था कि 'प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने अपने निजी लाभ के लिए धन का इस्तेमाल किया.'
हाईकोर्ट ने पाया कि उसने सोशल मीडिया और ऑनलाइन लेनदेन के माध्यम से 1767 लोगों से पैसे प्राप्त किए. इसके बाद उसने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. जब SC में मामले की सुनवाई हुई तो कोर्ट ने गुजरात राज्य से जवाब मांगा था.
उन्हें गुजरात पुलिस ने सबसे पहले मोरबी शहर में एक पुल के गिरने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए खर्च के बारे में झूठी खबर फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जब उन्हें उस मामले में जमानत मिली, तो उन पर धन की हेराफेरी का आरोप लगाया गया. गोखले का दावा है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा. उनका कहना है कि उन्हें फंसाया जा रहा है और वह राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हैं.