ETV Bharat / bharat

'ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्सरेस पर जीएसटी बढ़ाने से 20 हजार करोड़ मिलेंगे' - जीएसटी परिषद की बैठक

ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्सरेस पर जीएसटी बढ़ाने से सरकार के पास 20 हजार करोड़ रुपये की आमदनी हो सकती है. यह दावा रेवेन्यू सचिव ने किया है.

FM Nirmala sitharaman in gst council meeting
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जीएसटी बैठक में
author img

By

Published : Jul 13, 2023, 7:01 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी टैक्स लगाने के जीएसटी परिषद के फैसले को लागू करने के लिए संसद के मानसून सत्र में जीएसटी अधिनियम में स्पष्टीकरण संशोधन प्रस्ताव लाएगी. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने गुरुवार को यह जानकारी दी. मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त 2023 तक चलेगा.

उन्होंने कहा, 'हमारी कोशिश होगी कि कानून का मसौदा तैयार किया जाए और इसे संसद में पेश कर मानसून सत्र में पारित कराया जाए.' मल्होत्रा ने कहा कि कार्यान्वयन तभी प्रभावी होगा, जब राज्य विधानमंडल भी राज्य जीएसटी कानूनों में संशोधन को पारित कर देंगे. इसमें कुछ समय लगेगा.

राजस्व सचिव ने कहा, 'यह एक स्पष्टीकरण संशोधन है. हमारा मानना है कि ऑनलाइन गेम... चाहे कौशल का खेल हो या किस्मत का खेल... नतीजा दांव पर निर्भर करता है. परिषद ने केवल इस दृष्टिकोण की पुष्टि की है कि इन खेलों के लिए पूर्ण भुगतान मूल्य या जो राशि ऑनलाइन गेमिंग मंच पर दी जाती है, उस पर 28 प्रतिशत कर लगेगा.'

उन्होंने कहा कि इस लिहाज यह पिछली तारीख से लागू होने वाला कर नहीं है. मल्होत्रा ने कहा कि इस समय ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां सकल गेमिंग आय पर कम कर का भुगतान कर रही हैं, जो भोजन पर लगने वाले पांच प्रतिशत के कर से भी कम है. माल एवं सेवा कर परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगायी जाने वाली कुल राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का मंगलवार को फैसला किया.

28 प्रतिशत जीएसटी से सालाना 20,000 करोड़ रुपये मिलेंगे - राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने के फैसले से सरकारी खजाने को सालाना अनुमानत: 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. मल्होत्रा ने कहा कि सरकार पूर्व की कर मांगों में वसूली के लिए सभी मामलों को उच्चतम न्यायालय में आगे बढ़ाएगी.

राजस्व सचिव ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग फिलहाल सिर्फ 2-3 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर रहा है, जो कि खानपान की वस्तुओं पर लगने वाले पांच प्रतिशत जीएसटी से भी कम है, जिसका उपभोग आम आदमी करता है. मल्होत्रा ने कहा, “जीएसटी परिषद के एक सदस्य ने तो यह कहा कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां 18 प्रतिशत सकल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) की दर से कर चुका रही हैं, जो सिर्फ 2-3 प्रतिशत जीएसटी बैठता है.”

बीते वित्त वर्ष में सरकार को इस तरह के कारोबार पर कर से सिर्फ 1,700 करोड़ रुपये का जीएसटी मिला. यदि पूर्ण मूल्य पर कर लगाया जाता, तो यह कर वसूली करीब 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये बैठती.

उन्होंने कहा, “लेकिन यह (ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर कर) काफी कम दर पर है जिसका भुगतान ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां कर रही हैं. हमारा अनुमान है कि यह राशि इसकी आठ से 10 गुना होनी चाहिए. यदि मात्रा बरकरार रहती है, तो हम इससे सालाना 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं.’’ इन कंपनियों ने कौशल और दांव के अंतर का फायदा उठाया और केवल मंच शुल्क या जीजीआर पर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान किया.

ये भी पढ़ें : GST Council Meeting : ये है SUV की नई परिभाषा, सिनेमाघरों में सस्ते दामों पर मिलेगी खाने-पीने की चीजें

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी टैक्स लगाने के जीएसटी परिषद के फैसले को लागू करने के लिए संसद के मानसून सत्र में जीएसटी अधिनियम में स्पष्टीकरण संशोधन प्रस्ताव लाएगी. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने गुरुवार को यह जानकारी दी. मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त 2023 तक चलेगा.

उन्होंने कहा, 'हमारी कोशिश होगी कि कानून का मसौदा तैयार किया जाए और इसे संसद में पेश कर मानसून सत्र में पारित कराया जाए.' मल्होत्रा ने कहा कि कार्यान्वयन तभी प्रभावी होगा, जब राज्य विधानमंडल भी राज्य जीएसटी कानूनों में संशोधन को पारित कर देंगे. इसमें कुछ समय लगेगा.

राजस्व सचिव ने कहा, 'यह एक स्पष्टीकरण संशोधन है. हमारा मानना है कि ऑनलाइन गेम... चाहे कौशल का खेल हो या किस्मत का खेल... नतीजा दांव पर निर्भर करता है. परिषद ने केवल इस दृष्टिकोण की पुष्टि की है कि इन खेलों के लिए पूर्ण भुगतान मूल्य या जो राशि ऑनलाइन गेमिंग मंच पर दी जाती है, उस पर 28 प्रतिशत कर लगेगा.'

उन्होंने कहा कि इस लिहाज यह पिछली तारीख से लागू होने वाला कर नहीं है. मल्होत्रा ने कहा कि इस समय ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां सकल गेमिंग आय पर कम कर का भुगतान कर रही हैं, जो भोजन पर लगने वाले पांच प्रतिशत के कर से भी कम है. माल एवं सेवा कर परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगायी जाने वाली कुल राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का मंगलवार को फैसला किया.

28 प्रतिशत जीएसटी से सालाना 20,000 करोड़ रुपये मिलेंगे - राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने के फैसले से सरकारी खजाने को सालाना अनुमानत: 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. मल्होत्रा ने कहा कि सरकार पूर्व की कर मांगों में वसूली के लिए सभी मामलों को उच्चतम न्यायालय में आगे बढ़ाएगी.

राजस्व सचिव ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग फिलहाल सिर्फ 2-3 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर रहा है, जो कि खानपान की वस्तुओं पर लगने वाले पांच प्रतिशत जीएसटी से भी कम है, जिसका उपभोग आम आदमी करता है. मल्होत्रा ने कहा, “जीएसटी परिषद के एक सदस्य ने तो यह कहा कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां 18 प्रतिशत सकल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) की दर से कर चुका रही हैं, जो सिर्फ 2-3 प्रतिशत जीएसटी बैठता है.”

बीते वित्त वर्ष में सरकार को इस तरह के कारोबार पर कर से सिर्फ 1,700 करोड़ रुपये का जीएसटी मिला. यदि पूर्ण मूल्य पर कर लगाया जाता, तो यह कर वसूली करीब 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये बैठती.

उन्होंने कहा, “लेकिन यह (ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर कर) काफी कम दर पर है जिसका भुगतान ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां कर रही हैं. हमारा अनुमान है कि यह राशि इसकी आठ से 10 गुना होनी चाहिए. यदि मात्रा बरकरार रहती है, तो हम इससे सालाना 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं.’’ इन कंपनियों ने कौशल और दांव के अंतर का फायदा उठाया और केवल मंच शुल्क या जीजीआर पर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान किया.

ये भी पढ़ें : GST Council Meeting : ये है SUV की नई परिभाषा, सिनेमाघरों में सस्ते दामों पर मिलेगी खाने-पीने की चीजें

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.