नई दिल्ली : 26 जनवरी को राजपथ पर गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह आयोजित किया जाएगा. इस मौके पर राज्यों और केंद्र सरकार के विभागों और मंत्रालयों की अलग-अलग झांकियां प्रदर्शित करने की परंपरा रही है. हालांकि, इस बार कई राज्यों की झांकियों को अनुमति नहीं मिली है. जिन राज्यों की झांकियों को राजपथ के गणतंत्र दिवस समारोह के लिए नहीं चुना गया है, इनमें तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल भी शामिल हैं. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए 12 झांकियों को चुनाव किया गया है. अंतिम सूची में तमिलनाडु की झांकी जगह नहीं बना सकीं.
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को लिखे पत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, आपकी जानकारी के लिए भी बता दें कि तमिलनाडु राज्य सरकार की झांकियों को साल 2017, 2019, 2020 और 2021 के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए चुना गया था.
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी का चयन न होने पर प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी पत्र लिखा. पत्र में रक्षा मंत्री ने लिखा, '2016, 2017, 2019 और 2021 के रिपब्लिक-डे परेड में भाग लेने के लिए पश्चिम बंगाल की झांकियों का चयन किया गया था.'
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केंद्र सरकार के सूत्रों का बयान
इससे पहले सोमवार को केंद्र सरकार के एक सूत्र ने कहा, 'इस विषय को क्षेत्रीय गौरव से जोड़ दिया गया है और इसे केंद्र सरकार द्वारा राज्य की जनता के अपमान के तौर पर प्रदर्शित किया जा रहा है. यह हर साल की कहानी है.' सूत्रों ने कहा कि समयाभाव के कारण कुछ ही प्रस्तावों को स्वीकार किया जाता है. उन्होंने कहा कि इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि झांकी के लिए केरल के प्रस्ताव को इसी प्रक्रिया के तहत 2018 और 2021 में मोदी सरकार में ही स्वीकार किया गया था. इसी तरह 2016, 2017, 2019, 2020 और 2021 में तमिलनाडु की झांकियों को भी शामिल किया गया था. उन्होंने कहा कि इसी तरह 2016, 2017, 2019 और 2021 में पश्चिम बंगाल की झांकियों को मंजूरी दी गयी थी.
केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा कि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के प्रस्तावों को विषय विशेषज्ञ समिति ने उचित प्रक्रिया और विचार-विमर्श के बाद खारिज किया है. केंद्र सरकार के एक पदाधिकारी ने कहा, 'राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एक विषय आधारित प्रक्रिया के परिणाम को केंद्र और राज्यों के बीच गतिरोध का बिंदु दर्शाने का जो तरीका अपनाया है, वह गलत है. इससे देश के संघीय ढांचे को दीर्घकालिक नुकसान होगा.' उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों से कुल 56 प्रस्ताव मिले थे जिनमें से 21 का चयन किया गया. अधिकारियों ने भी कहा कि हर साल चयन की ऐसी ही प्रक्रिया अपनाई जाती है.
सीएम स्टालिन ने पीएम से हस्तक्षेप की अपील की
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने अपने राज्यों की झांकियों को शामिल नहीं किये जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और उनसे हस्तक्षेप का आग्रह किया है. स्टालिन ने कहा कि झांकियों को शामिल नहीं करने से तमिलनाडु की जनता की संवेदनाएं और देशभक्ति की भावनाएं आहत होंगी. पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किये जाने पर हैरानी जताते हुए बनर्जी ने कहा था कि इस तरह के कदमों से उनके राज्य की जनता को दु:ख होगा. स्टालिन ने इसे 'तमिलनाडु और उसके लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय' बताते हुए प्रधानमंत्री से 'तमिलनाडु की झांकी को शामिल करने की व्यवस्था करने की खातिर तत्काल हस्तक्षेप' की मांग की.
गणतंत्र दिवस के मौके पर झांकियों से जुड़ी अन्य खबरें-
इससे पहले गत 16 जनवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गणतंत्र दिवस के मौके पर झांकी को लेकर मोदी सरकार पर फिर से निशाना साधा था. उन्होंने सरकार पर निष्पक्षता से काम नहीं करने का आरोप लगाया है. ममता ने मोदी सरकार के उस फैसले पर आपत्ति जताई है, जिसमें प.बंगाल की झांकी को रिजेक्ट कर दिया (rejection of west Bengal tableau) गया है. बंगाल ने नेताजी को इस पर अपना विषय चुना था. सीएम ममता ने कहा था, इस साल की झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष पर उनके और आजाद हिन्द फौज के योगदान तथा इस देश के महान बेटे और बेटियों ईश्वर चंद्र विद्यासागर, रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद देशबंधु चित्तरंजन दास, श्री अरबिंदो, मातंगिनी हाजरा, नजरूल, बिरसा मुंडा और कई देशभक्तों की स्मृति में बनाई गई थी. बंगाल की आपत्ति के बीच केंद्र ने कहा था कि इस बार आजादी का अमृत महोत्व मनाया जा रहा है, लिहाजा उससे जुड़ी ही थीम को मंजूरी दी जा रही है.
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ममता के अलावा तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर 'बार-बार' और 'व्यवस्थित तरीके से' उनके इतिहास, संस्कृति और गौरव का अपमान करने का आरोप लगाया. भाजपा के वरिष्ठ नेता तथागत रॉय ने भी सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वह गणतंत्र दिवस समारोह में पश्चिम बंगाल की झांकी को हिस्सा लेने की अनुमति दें. रॉय ने हालांकि, स्पष्ट किया कि मोदी से उनके अनुरोध को तृणमूल कांग्रेस की 'तुष्छ राजनीति' के समर्थन के रूप में नहीं देखा जानी चाहिए.
कांग्रेस ने भी इस घटनाक्रम पर निराशा व्यक्त की है और लोकसभा में उसके नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा. चौधरी ने कहा कि यह फैसला पश्चिम बंगाल के लोगों, इसकी सांस्कृतिक विरासत और नेताजी बोस का 'अपमान' है. केरल के भी अनेक नेताओं ने केंद्र की आलोचना की है.
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बता दें कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर दिखेगा बिहार झारखंड के NCC कैडेट्स का समूह नृत्य की झांकी देखने को मिलेगी. बिहार-झारखंड के 6 समूह से 20 बच्चों का चयन हुआ है जो गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में अपना परफॉर्मेंस करेंगे.
(इनपुट-पीटीआई-भाषा)